एगनस कैस्टस ( Agnus castus ) का गुण, लक्षण

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व्यापक-लक्षण तथा मुख्य-रोग प्रकृति

(1) नपुंसकता – जननेन्द्रिय के दुरुपयोग से उसमें शिथिलता आना
(2) जवानी में ही बुढ़पा-सा लगना
(3) सफ़ेद प्रदर (Leucorrhea)
(4) प्रसूता को दूध न आना

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(1) नपुंसकता-जननेन्द्रिय के दुरुपयोग से उसमें शिथिलता आना – इस युग में नव-युवक तथा नव-युवतियां जिस प्रकार बालपन में ही कुप्रवृत्तियों के शिकार हो जाते हैं, हस्त-मैथुन, गुदा-मैथुन, पशु-मैथुन आदि घृणित आदतों को, जिनका नाम लेते भी शर्म आती है, सीख जाते हैं, उनके परिणामस्वरूप विवाहोपरांत वे अपने को नपुंसक पाते हैं। विवाहित-व्यक्ति भी अगर इन्द्रिय-वासना में डूब जाते हैं, तो वे भी कुछ देर बाद नपुंसकता के शिकार हो जाते हैं। ऐसे लोगों का शरीर क्षीण होने लगता है, स्मरण-शक्ति साथ नहीं देती, किसी बात को एक बार सुन कर समझ नहीं पाते। अगर वे विद्यार्थी हैं, तो पढ़ने में जी नहीं लगता, जिन्दगी से बेजार हो जाते हैं, पढ़ना-लिखना ही छोड़ बैठते हैं। ऐसों के लिये एगनस कैस्टस औषधि लाभप्रद हैं। स्त्री में भी ऐसे काम से भोग की इच्छा बिल्कुल मारी जाती हैं – इसे भी एगनस कैस्टस औषधि लाभ करती है।

केस 1

एक स्त्री की भोग-शक्ति बिल्कुल नष्ट हो गई थी जिसके लिये वह परेशान थी। उसे 1x की 10 बूंद एक महीने तक तीन बार दी गई, वह बिल्कुल स्वस्थ हो गई और उसके शरीर पर विवाह से पहले की-सी रंगत आ गई।

नपुंसकता को दूर करने की कुछ औषधियां

एगनस कैस्टस – इसमें भोग की इच्छा ही मारी जाती है। एनगस के बाद कैलेडियम और सिलेनियम लाभ पहुँचाते हैं।

कैलेडियम – इसमें विषय-भोग की इच्छा रहती है, इन्द्रिय में शक्ति नहीं रहती।

कोनायम तथा फॉसफोरस – इनमें इन्द्रिय-दमन के कारण नपुंसकता आ जाती है। स्त्री में भोग-इच्छा न रहने पर ओनोसमोडियम लाभप्रद है।

लाइकोपोडियम तथा सल्फर – इनमें जननेन्द्रिय शीतल, शिथिल तथा छोटी पड़ जाती है। योहिमबीनम भी नपुंसकता को दूर करता है।

थूजा – इसमें गोनोरिया के कारण नपुंसकता आ जाती है।

(2) जवानी में ही बुढ़ापा-सा लगना – वीर्य-क्षय तथा जननेन्द्रिय संबंधी कुकर्मों से जवानी में ही बूढ़ा-सा लगने लगना, जीवन से हताश तथा निराश हो जाना, आत्म-ग्लानि, आत्म हत्या का विचार, स्मृति का नाश आदि लक्षणों को एगनस कैस्टस औषधि दूर करती है। मनुष्य इतना भुलक्कड़ हो जाता है कि दुकान पर सौदा खरीद कर वहीं भूल आता है, परन्तु यह नहीं समझना चाहिये कि जो व्यक्ति इस प्रकार सौदा भूल आता है वह इसी रोगी का शिकार है। यह तो दृष्टांत के तौर पर एक लक्षण का उदाहरण है। कहने का अभिप्राय इतना ही है कि वीर्य-क्षय के उपसर्गों में यह औषधि प्रधान औषधि है।

(3) सफेद प्रदर – स्त्रियों में प्रदर अनेक कारणों से होता हैं, परन्तु जब अधिक विषय भोग से योनि शिथिल हो जाये, तब अण्ड के समान सफ़ेद प्रदर की शिकायत हो जाती है। इसके सूखने पर कपड़े पर पीला दाग पड़ जाता है।

(4) प्रसूता को दूध न आना – जब प्रसव के बाद प्रसूता को दूध नहीं उतरता तब एगनस कैस्टस औषधि से दूध आने लगता है, कम उतरता हो तो बढ़ जाता है।

(5) शक्ति – 1, 6, 30, 200

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2 Comments
  1. Neelkamal kumari says

    Multiple uterine fibroid heavy bleeding mild splenomegaly plz homeo medicine OE dose btae

    1. Dr G.P.Singh says

      Don’t be dis hearten. Every thing is possible in this world if you try patiently. you write to us your problem as we want for facilitating in the direction of selection of medicine to be beneficial for you. For this either you try to write us in detail (ie details of your disease, your ht. your colour your age,effect of coldness and heat, hurydness, fear, anger,sensitivity etc. or try to meet the doctor at Patna. For immediate relief you may try Antim crud 30 in morning and Pulsetila 30 at evening daily . May God bless you.

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