इस रोग में पतला मल बार-बार आता है। रोगी दुःखी हो जाता है। वायु अधिक बनती है। आँतों में दर्द होने लगता है। भोजन के सम्बन्ध में नियम-संयम तोड़ देने से यह रोग हो जाता है।
इलाज़ – (1) सोंठ, नागरमोथा, त्रिफला, अतीस – इन सबकी मात्रा दस-दस ग्राम लेकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को पीने से पेचिश की बीमारी सिर पर पाँव रख कर भागती है।
(2) त्रिफला का चूर्ण चार ग्राम लें। उसमें पाँच से दस ग्राम तक शहद मिलाएँ। फिर इसे भोजन करने से पूर्व चाटें। पेचिश जाती रहेगी।
(3) पाँच से दस ग्राम सौंफ़ का चूर्ण लें। उसमें जबा हर्रे दस ग्राम, घी में भूनकर पीस लें। दोनों में बीस ग्राम खाँड़ मिला लें। यह चूर्ण एक शीशी में भरकर रख लें। फिर दिन में तीन बार चार चार ग्राम की मात्रा में लें। यह चूर्ण एक बार में मल साफ़ करता है और पेचिश बन्द कर देता है।
Ask A Doctor
किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।
I am genuinely hаppy to glance at this webpage posts wɦich includes lotѕ of helpful factѕ, tɦanks for
providing such informatіon.
Thanks.