थायराइड का लक्षण, कारण और इलाज [ Thyroid Ka Lakshan, Karan Aur Ilaj ]

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अध्ययन एवं शोध के मुताबिक दस में से एक भारतीय थायराइड डिसऑर्डर से जूझ रहा है। लेकिन इस बीमारी के बारे में बहुत लोगों को ही पता होता है।

क्या होता है थायराइड ?

आपको बता दें कि थायराइड गले में स्थित एक ग्लैंड का नाम है। यह ग्लैंड गले के अगले हिस्से में होता है। साथ ही साथ इसका आकर एक तितली के आकार का होता है। आपको यह भी बता दें कि ये ग्लैंड शरीर की कई मेटाबोलिक प्रक्रियाओं को कंट्रोल करने का काम करता है।

क्या होती हैं थायराइड की समस्याएं ?

थायराइड ग्लैंड से निकलने वाले हार्मोन्स शरीर में होने वाली सभी मेटाबोलिक प्रक्रियाओं पर प्रभाव डालती हैं। थायराइड डिसऑर्डर से घेंघा जैसी छोटी बीमारियों से लेकर जानलेवा कैंसर तक हो सकता है। लेकिन थायराइड हार्मोन्स का सही मात्रा में प्रोडक्शन न होना सबसे कॉमन थायराइड प्रॉब्लम में से एक है। इसमें भी दो तरह की समस्या आती है:-

  • Hyperthyroidism (हाइपरथाइरॉयडिज़्म) – इसमें ज़रूरत से ज्यादा हॉर्मोन्स का फार्मेशन होने लगता है।
  • Hypothyroidism (हाइपोथायरायडिज्म) – इसमें ज़रूरत से कम हॉर्मोन्स का फॉर्मेशन होने लगता है।

नोट – इन समस्याओं की वजह से कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं लेकिन अगर सही से टेस्ट करके इलाज किया जाए तो इन्हें अच्छे से मैनेज किया जा सकता है।

Hyperthyroidism (हाइपरथाइरॉयडिज़्म)

कई बार डॉक्टर इसे ओवरएक्टिव थायराइड के नाम से भी बुलाते हैं।

थायराइड ग्लैंड्स से निकलने वाले हार्मोन्स शरीर के लगभग सभी हिस्सों को प्रभावित करता है जैसे – स्कीन (skin), ब्रेन (brain), मसल्स (muscles) एवं अन्य। इनका सबसे प्रमुख्य काम होता है शरीर द्वारा यूज हो रही एनर्जी को कंट्रोल करना। बता दें कि इसे हम मेटाबोलिज्म के नाम से भी जानते हैं। इसमें कई प्रकार की मेटाबोलिज्म शामिल हैं जैसे – हृदय का धड़कना, शरीर का तापमान घंटना एवं बढ़ना, शरीर की कैलोरीज बर्न होना इत्यादि।

Hyperthyroidism ( हाइपरथाइरॉयडिज़्म ) होंने के कारण

1. ग्रेव्स की बीमारी ( Graves Disease )

यह हाइपरथाइरॉयडिज़्म होने का सबसे प्रमुख कारण है। यह एक तरह की ऑटोइम्यून कंडीशन होती है जो हमारे शरीर में एक प्रकार का एंटीबाडी क्रिएट करता है जिसके कारण थायराइड ग्लैंड अधिक मात्रा में हॉर्मोन प्रवाह करने लगता है। आपको बता दें कि यदि आपके परिवार में किसी एक व्यक्ति को यह बीमारी है तो अन्य सदस्यों को भी यह बीमारी हो सकती है। आम तौर पर यह बीमारी कम उम्र की युवतियों को होता है।

2. Thyroiditis

थायराइड की सूजन को हम थायराइडाइटिस कहते हैं। इस बीमारी में किसी वायरस या इम्यून सिस्टम में प्रॉब्लम बढ़ जाने के चलते थायराइड ग्लैंड में सूजन बढ़ जाती है और फिर अधिक हॉर्मोन लीक करने लगता है।

नोट – यह कई प्रकार का हो सकता है। जैसे:-

3. सबएक्यूट (Subacute)

यह किसी अनजान कारण से अचानक ही हो जाता है, और फिर कुछ समय बाद अपने आप ही ठीक भी हो जाता है।

4. पोस्टपार्टम (Postpartum)

यह बीमारी महिलाओं को प्रेग्नेंसी के बाद एफेक्ट करती है। सर्वे के अनुसार हर 5 में से 3 महिलाएं इस बीमारी का शिकार बनती हैं। आम तौर पर यह परेशानी एक दो महीनों तक ही बनी रहती है। लेकिन कई बार यह समस्या अधिक बढ़ जाती है।

5. साइलेंट (Silent)

ये प्रसवोत्तर (पोस्टपार्टम) की तरह ही होता है, परन्तु इसका गर्भावस्था से कोई मतलब नहीं होता है।

6. थायराइड नोड्यूल (Thyroid Nodule)

इस समस्या के दौरान थायराइड ग्लैंड में एक से ज्यादा नोड्यूल बढ़ जाते हैं जिससे इस ग्लैंड की कार्यशक्ति बढ़ जाती है। साथ ही साथ खून से अधिक मात्रा में हॉर्मोन निकलने लग जाता है।

7. आयोडीन की प्रचुरता (Excess of Iodine)

अधिक मात्रा में आयोडीन का सेवन करने से hyperthyroidism की समस्या बढ़ सकती है। आपको बता दें कि हमारी बॉडी थायराइड हॉर्मोन बनाने के लिए आयोडीन का प्रयोग करती है। लेकिन जब यह हॉर्मोन अधिक मात्रा में बनने लगता है तो परेशानी बढ़ जाती है।

8. थायराइड मेडिकेशन (Thyroid medication)

आपको ये जानना जरुरी है कि यदि आपका Hyporthyroidism का इलाज चल रहा हो तो कभी बिना डॉक्टर की सलाह से दावा का एक्स्ट्रा डोज़ न लें।

Hyperthyroidism के लक्षण

आम तौर पर ऐसा देखने को मिलता है कि Hyperthyroidism के लक्षण बहुत साफ नहीं होते एवं दुसरे बीमारियों से मिलते-जुलते होते हैं। जब यह बीमारी होती है तो रोज के काम काज करने में परेशानी होती है।

आम तौर पर Hyperthyroidism के ज्यादातर मरीजों में थायराइड बढ़ा होता है, जिसे हम goitre यानि घेंघा रोग भी बोलते हैं। इस बीमारी में मरीज के गले के अगले हिस्से में एक बड़ा सा लम्प दिखाई देता है।

Hyperthyroidism के सिम्पटम्स

  • चिड़चिड़ापन, चित्त और घबराहट
  • त्वचा का पतला होना
  • पसीना आना
  • हांथों का काँपना
  • उंगलियों के नाखूनों का तेजी से बढ़ना
  • मांसपेशियों में कमजोरी, विशेष रूप से जांघों एवं ऊपरी बाहों में
  • मेंस्टूरल साईकल में बदलाव होना जिससे जैसे खून निकलने और पीरियड्स की फ्रीक्वेंसी कम होना
  • बालों की समस्या, जैसे टूटना, पतला होना, झड़ना
  • मल त्यागने की फ्रीक्वेंसी बढ़ना, पतला मल निकलना
  • भूख बढ़ने के बाबजूद वजन का कम होना

Hyperthyroidism का पता कैसे चलता है

इनका पता निम्न टेस्टों के आधार पर चलता है:-

  • थायराइड अल्ट्रासाउंड
  • रेडियोएक्टिव आयोडीन अपटेक टेस्ट
  • थायराइड स्कैन

Hyperthyroidism का इलाज

बता दें कि Hyperthyroidism का इलाज आपकी उम्र, सेहत, सिम्पटम्स एवं ओवरएक्टिव थायराइड के असल कारणों को देखकर एवं जांचकर किया जाता है।

ट्रीटमेंट्स के तरीके

1. एन्टी थायराइड ड्रग्स – इसमें propylthiouracil (PTU) और methimazole (Tapazole), जैसी दवाएं दी जाती हैं जिसकी मदद से थायराइड ग्लैंड को नए हॉर्मोन पैदा करने से रोका जा सकता है। हालांकि इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।

2. रेडियोएक्टिव आयोडीन द्वारा इलाज (RAI)

यह hypothyroidism टेस्ट करने का सबसे आसान तरीका है। इस टेस्ट के दौरान मरीज को एक दवा की गोली दी जाती है, जिसे हम (RAI) कहते हैं। यह (RAI) थायराइड हॉर्मोन के बनने की प्रक्रिया को कम कर देता है या पूरी तरह से रोक देता है। इसके साइड इफेक्ट में मरीज को hypothyroidism हो सकता है लेकिन यह कोई चिंता का विषय नहीं होता। क्योंकि hyperthyroidism के मुकाबले hypothyroidism को कंट्रोल करना काफी आसान होता है। आपको बता दें कि गर्भवती महिलाओं को यह ट्रीटमेंट नहीं दिया जाता है।

सर्जरी द्वारा उपचार

सर्जरी द्वारा थायराइड का पूरा या आधा हिस्सा निकाला जाता है। इस उपचार में भी व्यक्ति को बाकी की जिंदगी underactive thyroid का उपचार कराना पड़ता है।

बीटा ब्लॉकर्स

आपको बता दें कि बीटा- ब्लॉकर्स का उपयोग हृदय गति को कम करने के लिए किया जाता है। आपको यह भी बता दें कि इसमें थायराइड हॉर्मोन का स्तर नहीं कम होता और हर्ट रेट सही हो जाती है।

Hyperthyroidism से होने वाली कंप्लीकेशन्स

आपको बता दें कि Hyperthyroidism पर इसका समय रहते उपचार कराना बहुत जरुरी होता है। ऐसा न करने पर गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

Hyperthyroidism से जुड़ी मुख्य जटिलताएं

  • अनियमित हार्ट रेट
  • हृदय का फेल होना
  • Hyperthyroidism की वजह से bones से कैल्शियम का तेजी से खत्म होना।
  • गर्भपात

Hyperthyroidism के कुछ सामान्य लक्षण

  • चक्कर खाकर गिरना
  • उलझन होना
  • जागरुकता में कमी आना
  • बुख़ार होना
  • बेचैनी होना
  • नाड़ी का बहुत तेज चलना
  • तेजी से सांस लेना

Hypothyroidism

इसे हम अंडरएक्टिव थायराइड कहकर भी बुलाते हैं। आपको बता दें कि अगर शरीर में ये हॉर्मोन कम हो जाता है तो बॉडी का प्रोसेस धीमा पड़ जाता है। इसका मतलब है कि शरीर सुचारू रूप से काम करना बंद कर देता है।

Hypothyroidism होने के कारण

1. गले के आस पास रेडिएशन थेरेपी – इसका उपयोग कैंसर के इलाज के दौरान होता है।

2. रेडियोएक्टिव आयोडीन ट्रीटमेंट – अगर overactive थायराइड के उपचार में (RAI) का उपचार होता है तो रेडिएशन की वजह से सेल्स नष्ट हो जाते हैं और hypothyroidism हो जाता है।

3. विशेष दवाईयों की वजह से – दिल और कैंसर के इलाज में प्रयोग किये जाने वाली दवाइयों के इस्तेमाल से थायराइड हॉर्मोन कम हो जाता है ऐसे में
hypothyroidism की समस्या शुरू हो जाती है।

4. थायराइड सर्जरी – यदि किसी वजह से थायराइड ग्लैंड को हटा दिया जाता है तो hypothyroidism हो जाता है

5. खाने में आयोडीन की कमी – यदि खाने में आयोडीन की मात्रा कम हो जाती है तो ऐसे में hypothyroidism हो जाता है। ऐसे में हमें अंडा, दूध, एवं नामकयुक्त चीजें खानी चाहिए।

Hypothyroidism के लक्षण

  • Menstrual cycle में बदलाव
  • कब्ज
  • डिप्रेशन
  • बालों का झड़ना एवं टूटना
  • थकावट
  • बदन का टूटना
  • ड्राई स्किन
  • थायराइड ग्लैंड में सूजन
  • धीमी हृदय गति
  • अचानक वजह बढ़ना या वजन कम करने में दिक्कत होना

Hypothyroidism का पता कैसे चलता है ?

  • थायराइड स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (TSH)
  • थायरोक्सिन (Thyroxine T4)
  • थायराइड अल्ट्रासाउंड (Thyroid ultrasound)
  • थायराइड स्कैन (Thyroid scan)

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