Leucoderma Homeopathic Treatment In Hindi – सफेद दाग का होम्योपैथिक इलाज

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सफेद दाग का होम्योपैथिक इलाज : सफेद दाग का होम्योपैथिक इलाजसफ़ेद दाग अथवा विटिलिगी अथवा ल्युकोडरमा या फुलेरी एक ही बीमारी के कई नाम हैं।

यह लेख विटिलिगो के एक केस के बारे में है जोकि होम्योपैथिक सिमिलिमम के महत्व की सराहना करता है कि कैसे सिंगल रेमेडी से विटिलिगो की समस्या को ठीक किया गया।

मामला ऐसा था कि एक 60 वर्ष के पुरुष त्वचा की समस्या की शिकायत की, जो लाल-लाल दानों से शुरू हुआ, जिसके बाद खुजली, जलन और दोनों पैरों पर घुटने के जोड़ों के नीचे सफेद-सफ़ेद पैच बन गया। रात को सोने पर बेचैनी बढ़ जाती है। ठण्डा पानी डालने से आराम मिल जाता था।

एसिडिटी, पूरे शरीर में गर्मी, पेट में जलन और ठंडा पानी से आराम का मिलना ऐसा लक्षण रोगी में था। इसके अलावा, रोगी कमजोरी और चक्कर का अनुभव करता था जिससे वह अपना रोजमर्रा के काम नहीं कर पाता था।

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मानसिक लक्षण देखें तो – स्वभाव से बेहद चिड़चिड़े, लेकिन अपना गुस्सा जाहिर नहीं कर पाते थे। अपनी छोटी बेटी की मौत से उन्हें गहरा सदमा लगा था जिसके लिए वह आज भी बहुत दुखी हैं। वह दोस्तों से मिलना-जुलना पसंद करते हैं लेकिन आसानी से नाराज भी हो जाते हैं। उनकी बात को कोई काटे तो तुरंत गुस्सा हो जाना, स्वभाव से जिद्दी भी हैं।

शारीरिक लक्षण देखें तो:

भूख: अच्छा

इच्छा – मिठाई, गर्म भोजन

प्यास: दिन में 3-4 गिलास, ठण्डा पानी पीना पसंद करता है

नींद: देर से नींद आना

आदत: बार-बार चाय की लत।

सूर्य : असहनीय

रोगी ग्रीष्म प्रकृति का था

शरीर दुबला-पतला, कमजोर, झुके हुए कंधे

दोनों पैरों पर घुटने के जोड़ों के नीचे सफेद दाग।

सपने – डरावने सपने लेकिन याद नहीं रहता

हल्का सा प्रयास करने पर पसीना अधिक आता है, जिसमे तीखी गंध आती थी।

मानसिक रूप से चिड़चिड़े, लेकिन अपने गुस्से को दबा लेना, हठी स्वभाव

विरोधाभास सहन नहीं होना

सांत्वना से रोग वृद्धि

यहाँ Sulphur रोगी के सभी मानसिक और शारीरिक लक्षणों को कवर करता है। ऐसे में Sulphur 200 की एक खुराक मैंने रोगी को दी ।

एक हफ्ते में ही खुजली बंद हो गई, और रोगी के मानसिक चिड़चिड़ापन भी कम हो गया। 15 दिनों के बाद Sulphur 200 की 2 बून्द दुबारा मैंने लेने को कहा।

करीब 2 महीने में सफेद दाग धीरे-धीरे चला गया। त्वचा रोग में Sulphur देने से पहले रोग बढ़ता है, परन्तु अगर रोगी Sulphur का हो तो बिना बढ़े रोग ठीक हो जाता है।

याद रखें होमियोपैथी में रोग का इलाज नहीं किया जाता, रोगी का इलाज किया जाता है।

सफेद दाग के कारण

यह रोग त्वचा द्वार ‘मिलेनिन’ नामक पदार्थ (जो कि त्वचा का रंग निर्धारित करता है) का बनना बंद हो जाने के कारण होता है, लेकिन त्वचा ग्रंथियों एवं कोशिकाओं में ऐसी कौन-सी खराबी आ जाती है कि मिलेनिन का बनना रुक जाता है, यह अभी तक अबूझ पहेली ही है। यह अण्डाकार अथवा छितरे हए धब्बों के रूप में शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इसमें किसी प्रकार की खुजली अथवा अन्य कोई प्रतिक्रिया नहीं होती। अब वैज्ञानिक यह मानने लगे हैं कि संभवतया मानसिक दबाव के साथ-साथ थायराइड ग्रंथि से संबंधित बीमारियों में शरीर के ऊतकों में किसी वजह से कठोरता एवं सिकुड़ाव आ जाने के कारण,गंजापन होने के कारण एवं खून की कमी होने पर सफेद दाग के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। सिफिलिस रोग की वजह से भी सफेद दाग बन सकता है।

सफेद दाग का होमियोपैथिक इलाज

वैसे, व्यक्ति के हाव-भाव, आचार-विचार, पूर्व इतिहास, खान-पान आदि को देखते हुए समान लक्षणों के आधार पर कोई भी दवा दी जा सकती है, किन्तु निम्न दवाएं उपयोगी हैं – ‘एल्युमिना’, ‘आर्सेनिक एल्बम’, ‘नेट्रमम्यूर’, ‘सीपिया‘, ‘साइलेशिया’, ‘सल्फर’, ‘कैल्केरिया कार्ब’, ‘काबोंएनीमेलिस’, ‘मरक्यूरियस’, ‘एसिडफास’, ‘माइका’, ‘हाइड्रोकोटाइल’, ‘क्यूप्रम आर्स’, ‘कालमेग’, ‘चेलीडोनियम’।

Ars sulph flavum 30 यह दवा रोजाना 3 बार दिया जा सकता है। बाद में 200 शक्ति का इस्तेमाल हफ्ते में करना है।

Borax 30 सफ़ेद धब्बे के साथ त्वचा लाल हो तो दें।

Hydrocotyle 30 Ars sulph flavum फायदा न करे तो इसे लें।

सम्पूर्ण बातें रोगी से जानने के बाद एक व्यवस्थित मानसिक एवं शारीरिक आधार पर खोजी गई दवा अत्यन्त उपयोगी है, जिसे होमियोपैथी की भाषा में कान्सटीट्यूशनल रेमेडी कहते हैं। फिर बीमारी के कारणों के आधार पर दवा देते हैं, जैसे किसी रोग में ताम्र धातु का अभाव परिलक्षित होने पर ‘क्यूप्रम आर्स’ 3 × दवा, यकृत संबंधी परेशानियों के साथ सफेद दाग होने पर ‘कालमेग’, ‘चेलीडोनियम’ दवाओं का अर्क, पेट की गड़बड़ी के साथ सफेद दाग होने पर ‘वेरवोनिया’ दवा का अर्क एवं ‘क्यूप्रम आक्स नाइग्रम’ दवा, सिफिलिस रोग होने पर ‘सिफिलाइनम’ नामक दवा दी जा सकती है।

त्वचा मोटी एवं पपड़ीदार होने पर ‘हाइड्रोकोटाइल’ दवा का अर्क अत्यंत कारगर है। बेचैनी, रात में डर, ठंड लगना, जाड़े में अधिकतर परेशानियों का बढ़ना, जल्दी-जल्दी ठंड का असर पड़ना, खुली हवा में घूमने से परेशानी बढ़ना, बहुत कमजोरी एवं हर वक्त लेटे रहने की इच्छा, सीधी करवट लेटने पर अन्य सभी परेशानियों का बढ़ जाना, जलन, सूखी त्वचा खुजलाने पर जलन बढ़ जाना, घुटने में पीड़ा, छाती में सुइयों की चुभन एवं सांस लेन में तकलीफ होने पर ‘आर्ससल्फफ्लेवम’ 3 × अत्यधिक कारगर पाई गई है। लगभग 6 माह से लेकर तीन वर्ष तक लगातार दवा के सेवन से यह रोग पूर्णरूपेण ठीक हो जाता है। रात में परेशानियों का बढ़ जाना एवं शरीर में जगह-जगह घाव होने पर ‘सिफिलाइनम’ भी दी जा सकती है।

‘माइक-30′ नामक दवा भी सफेद दाग के रोगियों में अत्यंत कारगर पाई गई है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भी ‘अभ्रक’ के नाम से इस दवा के अनेकानेक गुण ‘भावप्रकाश’ नामक ग्रंथ में वर्णित हैं, किन्तु इसके साथ भी ‘ट्यूबरकुलाइनम’, ‘सोराइनम’, ‘बेसिलाइनम’ अथवा ‘सिफिलाइनम’ जैसी कान्सटीट्यूशनल दवाएं दिया जाना आवश्यक है।

चिकित्सावधि में खट्टी वस्तुएं, खट्टे फल, विटामिन सी (एस्कार्विक एसिड), मैदा आदि पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में ही होना चाहिए। कुछ समय के लिए ऐसे खाद्य पदार्थ खाना बंद कर दें, तो ज्यादा बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं।

सफेद दाग ठीक हो सकता है

कुछ रोगी, जिनका शरीर 30 प्रतिशत से अधिक सफेद हो गया है या उनके होंठ, उंगलियों के पोर, हथेली, जननेन्द्रिय आदि से प्रभावित रोगियों का विशेष रक्त-परीक्षण करवाया गया है, जिसमें लोहा, तांबा, रांगा का प्रतिशत जरूरत से ज्यादा या कम पाया गया। रक्त की सफेद कोशिकाओं, जिसे ‘लिम्फोसाइट’ कहा जाता है, में टी और बी का प्रतिशत कम पाया गया।

• यदि स्त्रियों में रोने की प्रवृत्ति हो, तो ‘नेट्रमम्यूर‘ दवा 1000 शक्ति की एक खुराक देकर अगले दिन से ‘आर्ससल्फफ्लेवम’ 3 × में खिलानी चाहिए। पंद्रह दिन बाद ‘नेट्रमम्यूर’ की एक खुराक और ले लें इसके पंद्रह दिन बाद ‘बेसीलाइनम‘ 1000 की एक खुराक लें।

किडनी से दबाव हटाएं

यदि आप उच्च रक्तचाप से पीड़ित हों तो किडनी को अतिरिक्त क्षति से बचाने के लिए अपने डॉक्टर से एंजियोटेंसिन परिवर्तक एंज़ाइम अवरोधक या मूत्रवर्द्धक दवा अनुमोदित करने को कहें।

Ask A Doctor

किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

6 Comments
  1. Tarun says

    hlo sir mera body pr safad daad ho rha ha plz sir muja betaye ke en ko kase tk kr sk ta h plzzz sir call me 9671644229 msg me plzzz sir

    1. Dr G.P.Singh says

      You should write about yourself. Your nature like anger, fear, your height,age, colour etc. You may start taking medicine with sulpher 200 at an interval of 7 days.

  2. दीप सिंह says

    नमस्कार sir, मेरा नाम दीप सिंह ह ओर मेरे पाइवेट पार्ट पर सफेद दाग हो गया ह ओर ये दाग़ डेड साल से ह कोई उचित दवाई बताये sir

    1. Dr G.P.Singh says

      Don’t be dis hearten. Every thing is possible in this world if you try patiently. you write to us your problem as we want for facilitating in the direction of selection of medicine to be beneficial for you. For this either you try to write us in detail (ie details of your disease, your ht. your colour your age,effect of coldness and heat, hurydness, fear, anger,sensitivity etc. or try to meet the doctor at Patna. For immediate relief you may try Arsenic Sulf Flewam 30 in morning, and Nux Vomica 30 at bed time daily. May God bless you.

  3. Manish Burman says

    Pl’s tell about effect of Arsenicum Sulphuratum Flavum 3 X in Vitiligo

    1. Dr G.P.Singh says

      If you are affected by skin disease then either you contact to nearest Homeo Doctor or write to us in detail of your disease. Certainly you will get solution.

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