माईग्रेन का उपचार – माइग्रेन की दवा

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आधासीसी रोग में सिर के आधे भाग ( दाँयें भाग या बाँयें भाग ) में दर्द होता है जो सूर्योदय से शुरू होकर सूर्यास्त तक बना रहता है। यह रोग नाक की श्लेष्मात्मक झिल्लिओं की सूजन ( Sinusitis ) से भी हो सकता है या शरीर के अंदर से खोखला हो जाने से भी आधासीसी का दर्द होता है। इसे अर्धकपारी भी कहते हैं ।

माइग्रेन का होम्योपैथिक इलाज ( migraine ka homeopathic ilaj ) 

(A ) दाँयें भाग का दर्द –

माइग्रेन में सेंगुनेरिया नाइट्रिका 200 – इसे अमेरिका में पाये जाने वाले एक पौधे से तैयार किया जाता है। इसका दर्द सुबह सूर्योदय के साथ दाँयें भाग से होता है। यह दर्द सूर्य के चढ़ने के साथ बढ़ता है, दोपहर पर यह अपनी तीव्रावस्था में पहुँच जाता है, सूर्य ढलने के साथ साथ दर्द घटना  जाता है और संध्या तक बिलकुल ठीक हो जाता है।

माइग्रेन में साइलीशिया 30 , 200 – इसे नदियों अथवा रेत में से निकाले जाने वाले एक चमकीले पाषाण चूर्ण से तैयार किया जाता है । यह दवा भी दाँयें भाग के दर्द की एक बेजोड़ दवा है । इसका दर्द भी ठीक सूर्योदय से प्रारम्भ होकर सूर्यास्त तक बना रहता है । इसके रोगी में पेट सम्बन्धी बीमारी जैसे – कब्ज़ इत्यादि लक्षण  होते हैं। सम्पूर्ण शरीर में ठण्ड करना, ठण्डी वायु का सहन न होना, दिन के ग्यारह बजे सिर में अधिक तीव्र दर्द आदि लक्षण प्रकट होते हैं।

जानें साइलीशिया के होमियोपैथी उपयोग के बारे में

(B) बाँयें भाग का दर्द –

माइग्रेन में स्पाइजीलिआ 200 – इसे इंग्लैंड में पाये जाने वाली बूटी से तैयार किया जाता है। इसमें भी उपरोक्त प्रकार का दर्द होता है, परन्तु अंतर केवल इतना है कि इसका दर्द बाँयें भाग में होता है। यह दर्द सिर के बाँयें भाग में सूर्योदय से शुरू होकर सूर्यास्त तक बना रहता है। ठण्ड एवं बरसात के दिनों में रोग में वृद्धि होती है। दर्द कभी कभी बाँएँ आँख के तरफ भी बढ़ जाता है ।

माइग्रेन में सीपिया 200 – समुद्री मछली के रस से यह दवा तैयार की जाती है । या बाँयें भाग के आधासीसी के दर्द की एक उत्कृष्ट दवा है । डॉ लिपि का भी यही कहना है कि यह दवा सिर के बाँए ओर के दर्द में फायदेमंद है। यह औषधि स्त्रियों पर अपना विशेष प्रभाव दिखती है। जरायु के बीमारी के साथ होने वाले सिर दर्द में तथा दोनों तरफ के ललाट पर होने वाले दर्दों में भी यह अपना विशेष प्रभाव दिखती है ।

जानें सीपिया के होमियोपैथी उपयोग के बारे में

शांत स्वभाव की स्त्रियों में एवं जिन स्त्रियों को पानी में अधिक कार्य करना पड़ता है अर्थात जिनके हाथ पानी से भीगे रहते हैं, उनके लिए यह दवा का विशेष महत्व है । इसका रोग सुबह 11 बजे से सायं 4 बजे तक बढ़ता है। ठण्ड लगने से  जुकाम होना, ललाट में दर्द होना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं ।

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4 Comments
  1. सोनू says

    पैर में बीच तलवे पर गाँठ है मतलब नासूर टाइप , 2 बार सर्जरी करा दिया लेकिन कोई भी फायदा नहीं हुआ घाव नहीं है , मगर सूखा हुआ घाव हैं , चलते हुए जब भी पैर के नीचे कुछ आ जाता हैं तब दर्द होता है , रोगी गोरी चमड़ी का , मध्यम वजन , सामान्य बोलचाल वाला है

    1. Dr G.P.Singh says

      रोगी का पूरा डिटेल्स भेजें | तत्काल Antim crud 30 सुबह एक बूंद रोज लें |

  2. Rakesh sandhu says

    Muje morning me 11 ya 12 bje start hota h aur der night ko bndh hota h lgbhg 12 hours hota h

    1. Dr G.P.Singh says

      You should write about yourself. Your nature like anger, fear, your height,age, colour etc. You have not mentioned your problem. write in full details.

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