नकसीर या नाक से खून आने का घरेलू इलाज, कारण, लक्षण

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नाक से खून आने का कारण – नाक में चोट लगना, दिमाग में चोट लगना, रक्त भार में वृद्धि होना, नाक खुरचना, पुराना जुकाम, रक्ताल्पता, अधिक ज्वर आदि के कारण आमतौर पर नकसीर आ जाया करती है। नकसीर प्राय: गर्मियों में शरीर में गर्मी बढ़ जाने के कारण आती है। गर्म चीज खाने-पीने तथा नंगे पाँव धूप में घूमने से नकसीर आ जाती है।

लक्षण – नकसीर आने से पहले सिरदर्द, चक्कर आना या माथे में कष्ट आदि लक्षण प्रकट होते हैं। फिर रोगी की नाक से खून बहने लगता है। कभी एक नाक से कभी दोनों नाक से रक्त गिरता है। कभी स्वर यंत्र में चला जाता है तो जोर की खाँसी आती है और खाँसी के साथ मुंह में खून आता है। रोगी को सीधे बैठा कर गर्दन पीछे की ओर लटका दें।

नाक से खून निकलने पर घरेलू उपचार

( nakseer ka gharelu ilaj in hindi )

– नकसीर आने पर नाक पर ठण्डा पानी या बर्फ लगाने से रक्तस्राव रुकने में सहायता मिलती है।

– रात को कुछ किशमिश भिगो दें तथा सुबह चबाकर खा लें। कुछ दिन नियमित लेने से बार-बार नकसीर आना बन्द हो जाता हैं।

– काली मिर्च, दही एवं पुराने गुड़ में मिलाकर पिलाने से नाक से बहने वाला रक्त बंद हो जाता है।

– जिन्हें अक्सर नकसीर फूटती हो तो उनको प्रात: एक से दो आँवले का मुरब्बा चाँदी का वर्क (असली) लगाकर कुछ माह तक खिलाएं।

– 10 से 15 ग्राम गुलकन्द प्रात:-सायं दूध या पानी में कुछ माह खिलायें।

– सौंफ का अर्क 10 से 15 मि.ली. इतना ही पानी मिलाकर भोजन के आधे घण्टे बाद कुछ दिन दें।

– गर्मी के मौसम में प्रात: ठण्डई घर में पीसकर कुछ दिन लें।

– रात में गुलाब जल में 20 से 25 दाने किशमिश के भिगोकर प्रात: बासी मुंह खिलायें।

– दूधा रस 5 ग्राम, चन्द्रकला रस 5 ग्राम, संगजराहत भस्म 5 ग्राम, छोटी इलायची का चूर्ण 15 ग्राम मिलाकर रख दें। आधा चम्मच चूर्ण सुबह-दोपहर-शाम दूध की मलाई या कच्चे दूध से लगातार 15 से 25 दिन तक दें।

– नाक में फुन्सी हो, नाक में सूखापन हो या जब नकसीर फूट जाये तो घृत 2 से 4 बूंदें हर चार-पाँच घण्टे बाद नाक में डालें।

घृत बनाने का तरीका अत्यन्त सरल है। आप घर में बना सकते हैं। 100 ग्राम अनार की हरी पत्ती का रस, 100 ग्राम हरी दूब का स्वरस, 50 ग्राम गेंदे की पत्ती का रस लें। उसको 50 ग्राम गाय के घी में कड़ाही पर चढ़ा दें। जब रस जल जाये, केवल घी बचे तो छानकर एक शीशी में रस लें। यही घृत नकसीर में रामबाण है।

– आँवले और मुलेठी का समभाग चूर्ण एक से आधा चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम मिश्री मिले कच्चे दूध से कुछ दिन लें।

– नकसीर में मरीज को गर्मी में बर्फ का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

– अंगूर का रस नाक में डालने से नकसीर तुरन्त बन्द हो जाती है।

– प्याज एवं पुदीने का रस मिलाकर नाक में डाल देने से लाभ मिलता है। पुदीने के साथ अनार के फूलों का स्वरस भी मिलाया जा सकता हैं।

– नकसीर आए (नाक से खून बह रहा हो) तो फिटकरी का लेप माथे पर करें। गाय के दूध में फिटकरी मिलाकर नाक में छोड़ने से भी नकसीर में आराम मिलता है।

– नकसीर आने पर प्याज के रस में घी एवं मिश्री को समान मात्रा में मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।

– गन्ने के रस की दो चार बूंदें दोनों नथुनों में डालें।

– लौकी के रस में भीगा फाहा माथे पर रखने से नकसीर बन्द हो जाती है।

– आम की गुठली की गिरी का रस नाक में टपकायें, खून का बहना बन्द हो जायेगा।

नाक से खून आने का बायोकेमिक/होमियोपेथिक इलाज

फेरम-फॉस 12x – चोट अथवा अन्य किसी कारण से नाक से लाल रंग का रत निकलकर थक्का बंध जाये तो यह अधिक लाभ करती है।

काली-फॉस 2x – पतला, काले रंग का व बदबूदार रुधिर निकले तो यही दवा उपयोगी रहती है।

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