अजीर्ण रोग और उससे सम्बंधित होम्योपैथिक दवा

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किसी भी कारणों से अजीर्ण रोग हो सकते हैं, यहाँ कारण और अजीर्ण रोग की होम्योपैथिक दवा दी गई है।

सर्दी लगने के कारण उत्पन्न हुए अजीर्ण में – मर्क, एकोन तथा डल्कामारा-1

शोक-दु:खादि जनित अजीर्ण में – इग्नेशिया।

नये अजीर्ण-रोग में – नक्स-वोम, आर्सेनिक तथा ब्रायोनिया ।

वमन अथवा पतले दस्तों के साथ सिर-दर्दयुक्त नवीन अजीर्ण में – आइरिस ।

पुराने अजीर्ण में – नक्स-वोम, कार्बो-वेज, पल्स, सल्फर, आर्स, ब्रायो, हिपर-सल्फर, केल्के-कार्ब, मर्क, आर्निका, कालि-बाई, एण्टिम-क्रूड तथा लाइको ।

मानसिक भावों की अधिकता के कारण उत्पन्न अजीर्ण में – नक्स-वोम ।

काम-काज की चिन्ता तथा रात्रि-जागरण के कारण उत्पन्न हुए अजीर्ण रोग में – इग्नेशिया।

रस-रक्त का क्षय तथा पतले दस्तों वाले, कमजोरी के कारण उत्पन्न हुए अजीर्ण-रोग में – फेरम, चायना, एसिड-फॉस ।

मुँह से पानी निकलने के लक्षणों वाले अजीर्ण में – कार्बो-वेज 3x वि०, नक्स-वोम 30, लाइकोपोडियम 30 तथा ब्रायोनिया 6 ।

भूख कम हो जाने वाले अजीर्ण में – फेरम, चायना तथा कैल्के-कार्ब।

राक्षसी-भूख वाले अजीर्ण में – साइना तथा चाइना।

सीने में जलन वाले अजीर्ण में – कार्बो-वेज 6, कैल्के-कार्ब 6, पल्सेटिला 6, नक्स-वोम 30 तथा कैप्सिकम 6 ।

दुर्गन्धित डकारों वाले अजीर्ण में – सल्फर 30 तथा कार्बो-वेज 6।

अम्ल-रोग में – एसिड-सल्फ 2x, 30, कैल्के-कार्ब 6, 30, रियुम 30, फास्फो 3, रोबिनिया 3, नेट्रम-फॉस 2x, 12x वि० । इनके अतिरिक्त ‘कैरिका पेपेया Q‘ को 5 से 10 बूंद तक की मात्रा में भोजन के बाद सेवन करायें ।

हिचकी वाले अजीर्ण में – नक्स-वोम, कोलोफाइलम, जेलसिमियम तथा आर्सेनिक । ‘एसिड-फॉस’ – (यदि अम्ल-रोग के साथ में हिचकी भी हो) ।

छाती दबने के सपने वाले अजीर्ण में – चायना (यदि स्वप्न में सीने पर अधिक दबाव का अनुभव होता हो), सल्फर (यदि स्वप्न में कलेजा अधिक धड़कता हो) तथा नक्स-वोम 1x, 30 – (यदि नशा सेवन करने अथवा अजीर्ण के कारण स्वप्न आते हों) ।

टिप्पणी – कैल्के-कार्ब के सेवन के समय बीच-बीच में आयोडियम 6 तथा पेट्रोलियम 6 देने की आवश्यकता भी पड़ती है ।

अजीर्ण के कारण उत्पन्न हुए सिर के चक्कर में निम्नलिखित औषधियाँ दें – पल्सेटिला, ब्रायोनिया, नक्स-वोमिका आदि ।

अत्यधिक मानसिक-परिश्रम के कारण मस्तक के दुर्बल हो जाने तथा सिर में चक्कर आने पर निम्नलिखित औषधियाँ हितकर सिद्ध होती हैं :- चायना, जिंकम, एसिड-फास, फास्फोरस ।

मस्तक में खून जमा होने के कारण सिर में चक्कर आने पर निम्नलिखित औषधियों का प्रयोग करना चाहिए – ग्लोनाइन, जेल्स, काक्यू, बेल आदि ।

 

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