मस्तिष्क के कार्य

1,910

वृहद मस्तिष्क के कार्य

वृहद मस्तिष्क के अनन्त कार्य हैं । अनेक वैज्ञानिक उसके महत्त्वपूर्ण कार्यों को मालूम करने के लिए आज भी निरन्तर प्रयासरत हैं और दिन-रात इस कार्य में लगे हुए हैं। किन्तु अभी तक इसके कार्यों के गूढ़ रहस्यों का पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने में असमर्थ ही रहे हैं। फिर भी जो जानकारी प्राप्त हो चुकी है, उसके अनुसार – वृहद मस्तिष्क के शरीर को आज्ञा देना तथा सूचनाएं ग्रहण करने का कार्य होता है। विशेष प्रकार से सोचना-विचारना, सुख-दु:ख, प्रेम, दया आदि भावों को तथा स्मरण करने का कार्य होता है। इन कार्यों के लिए मस्तिष्क में भिन्न-भिन्न केन्द्र होते हैं। वृहद मस्तिष्क के अन्य महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं :-

  1. यह न केवल शरीर को भिन्न-भिन्न प्रकार की आज्ञाएँ भेजता है, बल्कि शरीर से अनेक प्रकार की सूचनाएँ भी ग्रहण करता है ।
  2. विचार सम्बन्धी समस्त बातों का केन्द्र यही है। संसार भर के समस्त विचार भले-बुरे का ज्ञान आदि कार्य यही करता है ।
  3. इसका सबसे अद्भुत कार्य है ‘बीती बातों का स्मरण रखना’ । जो कुछ हम देखते और सुनते हैं, उन सब बातों की स्मृति वृहद मस्तिष्क में एकत्रित हो जाती है जो उस वस्तु को दुबारा देखने-सुनने अथवा सोचते ही तुरन्त ताजा रूप में याद आ जाती है ।
  4. यह भावनाओं का केन्द्र है। सुख-दु:ख, करुणा, दया, प्रेम, हिंसा, अहिंसा आदि मनोभाव इसी में उत्पन्न होते हैं ।
  5. इसके द्वारा ही हम इच्छा तथा इच्छा-शक्ति के कार्य करने में समर्थ होते हैं ।
  6. इसकी भीतरी सतह से वात-नाड़ियों के 12 जोड़े निकल कर शरीर के मुख्य-मुख्य अंगों में जाते हैं । त्वचा, आँख, कान, नाक, जीभ, यकृत, हृदय, आमाशय ओर फेंफड़ों आदि की पेशियों का संचालन तथा नियन्त्रण इन्हीं की सहायता से होता है। दृष्टि, स्वाद, श्रवण, वाणी और स्पर्श के अलग-अलग प्रधान केन्द्र इसी में होते हैं । यहीं से प्रत्येक ज्ञानेन्द्रिय में तारों का एक जोड़ा मस्तिष्कीय नाड़ियाँ में जाता है जिसके द्वारा वृहद मस्तिष्क को भिन्न-भिन्न विषयों की अनुभूति होती है ।
  7. सच तो यह है कि वृहद मस्तिष्क ही बाह्य जगत (संसार) के सम्पर्क में रहता है और वह ही देखता, सुनता और कार्यों का निश्चय करता है और अपने निश्चय के अनुसार तत्काल सम्बन्धित अंगों को सचेष्ट करके ठीक-ठीक काम करवा लेता है ।

लघु मस्तिष्क के कार्य

यह वृहत् मस्तिष्क का सहकारी (Assistant) होता है। इसके भी दाँये और बाँये दो भाग होते हैं। इसका दाहिना भाग वृहत् मस्तिष्क के बाँये भाग को सहायता पहुँचाता है तथा बाँया भाग वृहत् मस्तिष्क के दाहिने भाग की सहायता करता है। लघु मस्तिष्क का प्रधान कार्य शरीर की गति को ठीक रखना है। लघु मस्तिष्क के खराब हो जाने पर हमारे शरीर की गतियाँ (Movements) ठीक प्रकार से नहीं हो सकती है । चलते समय पैर लड़खड़ाने लगते हैं, हाथ काँपने लगते हैं । हाथों से अच्छी तरह कोई चीज नहीं पकड़ी जा सकती । मानव शरीर की माँसपेशियों से ठीक प्रकार से काम लेना ही लघु मस्तिष्क का मुख्य कार्य माना जाता है । उठने, बैठने और दौड़ने की प्रेरणाएँ हमें इसी से प्राप्त होती हैं। कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि इसका प्रमुख कार्य मांसपेशियों का संचालन करना और शारीरिक गतियों का सन्तुलन बनाये रखना है ।

मस्तिष्क का सबसे नीचे का भाग ‘सुषुम्ना काण्ड या सुषुम्ना शीर्षक’ कहलाता है । इसे ‘महासंयोजक’ के नाम से भी जाना जाता है । यह गर्दन के ऊपरी भाग में स्थित ढाई इंच और तीन चौथाई इंच मोटा एक कन्द जैसा अवयव है जो सुषुम्ना काण्ड और मस्तिष्क को मिलाता है और लघु मस्तिष्क के दोनों गोलाद्धों के बीच में रहता है। इसके भीतरी भाग में भूरे रंग का और बाहर श्वेत पदार्थ होता है। सच्चाई तो यह है कि सुषुम्ना स्नायु पदार्थों की बनी एक बेलनाकार पिण्ड सा होता है ।

सुषुम्ना से मस्तिष्क को जाने वाले समस्त तन्तु इसी में से होकर जाते हैं। यह बहुत ही नाजुक अंग है । इसमें चोट लग जाने से तुरन्त मृत्यु होती देखी जाती है । शरीर की सभी अनैच्छिक या आन्तरिक क्रियायें (जैसे-श्वास-प्रश्वास, रक्त-संचालन, ग्रन्थिस्राव और मलमूत्र, विसर्जन आदि) इसी की सहायता और प्रेरणा से सम्पन्न होती हैं । इन पर मस्तिष्क का विशेष अधिकार नहीं रहता है ।

Ask A Doctor

किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

4 Comments
  1. Amol vtthal kachave says

    Bren disorder and dipreshan

    1. Dr G.P.Singh says

      Aap rogi ka umra rang tatha rogi ka hight likhen taki sahi dawa ka selection kiya ja sake. Rogi ka rahan sahan swabhaw adi bishesh roop se likhen. Tatkal fayada ke liye aap Sulpher 30 subah ek bund len tatha Nux Vom 30 at bed time daily len. Pura laxan likhane ke bad punah dawa ka selection kar batlaya ja sakega.

  2. Amol vtthal kachave says

    Mansik rog, bren disordar dipreshan

    1. Dr G.P.Singh says

      Discrive about disease so that problem can be under stood. Aap rogi ka umra rang tatha rogi ka hight likhen taki sahi dawa ka selection kiya ja sake. Rogi ka rahan sahan swabhaw adi bishesh roop se likhen. Tatkal fayada ke liye aap Sulpher 30 subah ek bund len tatha Nux Vom 30 at bed time. Pura laxan likhane ke bad punah dawa ka selection kar batlaya ja sakega.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

पुराने रोग के इलाज के लिए संपर्क करें