डिलीवरी के बाद होने वाली आम समस्या का उपचार

1,135

डिलीवरी के बाद उत्पन्न होने वाले विभिन्न उपसर्गों में होम्योपैथिक औषधियों का प्रयोग नीचे लिखे अनुसार करना चाहिए:-

पसीना बन्द हो जाना – डल्कामारा 6 अथवा कैमोमिला 6

नींद न आना – काफिया 6 ।

कब्ज – कालिन्सोनिया 3x अथवा विरेट्रम एल्बम 6 (यदि पाँच-छ: दिनों तक पाखाना न होने के कारण पेट में दर्द हो तभी इनका प्रयोग करें । प्रसूता को यदि 3-4 दिन तक पाखाना न हो तो उससे कोई हानि नहीं होती । इन दिनों में औषध का प्रयोग करना अहितकर रहता है) ।

पतले दस्त – हायोसायमस 6 अथवा पल्सेटिला 6

पेशाब बन्द हो जाना –ऐकोनाइट 3x‘ (यदि प्रसव के बाद बारह घण्टे तक पेशाब न हो तो इसे 15-15 मिनट के अन्तर से दें) । ‘बेलाडोना 6‘ (यदि ऐकोनाइट खिलाने से भी लाभ न हो तो इसे आधा-आधा घण्टे के अन्तर से दें) । ‘इक्विसेटम 1x‘ (यदि तीन बार बेलाडोना देने पर भी पेशाब न हो तो इसे देना चाहिए) ।

अर्श (बवासीर) –पल्सेटिला 3‘ का प्रयोग करें तथा ‘हैमामेलिस Q‘ के मूल-अर्क को बीस-गुने पानी के साथ मिलाकर धावन प्रयोग करें।

सुस्ती का अनुभव – प्रसवोपरान्त अत्यधिक कमजोरी तथा सुस्ती का अनुभव हो तो ‘फास्फोरिक एसिड 6‘ अथवा ‘चायना 6‘ का प्रयोग करें ।

पांव फूलकर सफेद हो जाना –पल्सेटिला 6‘ अथवा ‘हैमामेलिस 3x‘ कभी-कभी ‘एपिस 6‘ अथवा ‘रस टाक्स 6’ के प्रयोग की भी आवश्यकता पड़ सकती है । रुई से पाँव बाँधना तथा हल्का एवं पुष्टिकर भोजन करना चाहिए।

पेट का झूल पड़ना – ‘कैल्केरिया-कार्ब 30’ अथवा ‘सिलिका 30’ (महीने में केवल एक बार दें) ।

अस्त्र प्रयोग का कुपरिणाम – यदि प्रसव के समय अस्त्र प्रयोग किया गया हो तो उसके कुपरिणाम से बचने के लिये बहुत दिनों के अन्तर से ‘फेरम-फॉस 200‘, ‘कैल्के-फॉस 200‘ तथा ‘b’ बीच-बीच में देते रहने से स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण उत्पन्न कष्ट दूर हो जाता है।

प्रसव के बाद किसी-किसी प्रसूता को स्तन सम्बन्धी विभिन्न कष्टों का शिकार बनना पड़ता है । ऐसे उपसर्गों में लक्षणानुसार निम्नलिखित उपचार करने चाहिए –

स्तनों में दूध की कमी अथवा दूध कम होना

ऐग्नस कैक्टस 1, 3x, 6 – यदि प्रसव के बाद 20 घण्टों के भीतर स्तनों में दूध न हो तथा प्रसूता का चित्त अत्यन्त खिन्न रहता हो तो इसे देना चाहिये । किसी उद्वेग के कारण स्तनों में दूध न होने पर यह विशेष हितकर है।

कैमोमिला 6, 30 – मानसिक उत्तेजना, शोक, दु:ख, चिड़चिड़ाहट तथा क्रोध आदि के कारण एकाएक दूध सूख जाने पर दें ।

ऐकोनाइट 3 – भय के कारण दूध सूख जाने पर इसे दें ।

हायोसायमस 3 – ईर्ष्या के कारण दूध सूख जाने पर इसे दें।

डल्कामारा 2, 30 – ठण्ड लगने, बरसाती हवा या आँधी के कारण दूध कम हो जाने पर इसे दें ।

इग्नेशिया 6 – शोक के कारण दूध सूख जाने पर इसे दें।

ब्रायोनिया 30 – स्तनों के कड़ा पड़ जाने अथवा सूज जाने के आदि कारणों से दूध में कमी आने पर इसे दें।

एसाफिटिडा 3, 6 – अचानक ही दूध फट जाने या बन्द हो जाने पर इसे देना चाहिए ।

कैल्केरिया-फॉस 3, 30 – जिन स्त्रियों के पहले प्रसव में दूध कम आया हो-उनके अगले प्रसव में दूध बढ़ाने के लिए प्रसव से दो-तीन मास पूर्व से ही इस औषध को दिन में तीन बार सेवन कसते रहने से स्तनों में अधिक दूध आने लगता है ।

पल्सेटिला 30 – दूध का एकदम सूख जाना, स्तनों की दुखन तथा बालक द्वारा स्तन पान का प्रयत्न करने पर माता का रोने लगना-इन लक्षणों में दें ।

आर्टिका युरेन्स Q – इस औषध से मूल-अर्क की पाँच बुँदो को प्रति चार घण्टे के बाद गरम पानी में डालकर सेवन कराते रहने से स्तनों में दूध बढ़ जाता है। बिना किसी कारण के स्तनों में सूजन तथा उनमें से पतला स्राव सा रिसना-इसका विशेष लक्षण है ।

स्तनों में दूध अधिक होना

यदि स्तनों में एकाएक दूध अधिक बढ़ जाय तो उसे घटाने के लिए निम्नलिखित औषधियों का प्रयोग करें:-

रसटाक्स 3, नेट्रम-सल्फ 12x वि०, पल्सेटिला 3, कैल्केरिया-कार्ब 30

Ask A Doctor

किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

पुराने रोग के इलाज के लिए संपर्क करें