Homeopathy Medicine For Dilated Cardiomyopathy In Hindi [ हृदय का फैलना ]

1,060

विवरण – यह कोई स्वतंत्र रोग न होकर अन्य बीमारी का लक्षण मात्र ही होता है। हृत्कपाट की पुरानी बीमारी, नया हृदय-पेशी प्रदाह अत्यधिक शारीरिक-परिश्रम, मानसिक-आघात, गहरा शोक, अस्वाभाविक झटका लगना एवं संक्रामक – बीमारी आदि कारणों से यह रोग हो जाता है ।

इस बीमारी में हृदय के कुछ या सभी कोष्ठ फैल जाते हैं एवं हृदय की प्राचीर अस्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है अथवा पतली पड़ जाती है ।

इस रोग में भी जी मिचलाना, मूर्च्छा, श्वास-कष्ट, कलेजे का धड़कना, नाड़ी का तेज अथवा कमजोर होना, शरीर का पीला पड़ जाना आदि लक्षण प्रकट होते हैं।

इस रोग में लक्षणानुसार निम्नलिखित औषधियाँ लाभ करती हैं :-

स्पाइजीलिया 6, 30 – तीर लगने जैसा दर्द, छुरे से कटने जैसा अथवा भाले की भाँति चुभन जैसा दर्द होने पर इसका प्रयोग करें ।

नैजा 6 – हृदय में ऐसा दर्द होना, जो बायीं बाजू की ओर जाता हो, हाथ का सुन्न हो जाना, हृदय में धड़कन होना तथा रोगी का बेहोश हो जाना-इन लक्षणों में हितकर है ।

कैक्टस Q – छाती में जकड़न का अनुभव होने पर इसे दें ।

मास्कस 1 – हृदय-रोग में बार-बार बेहोशी के दौरे होने पर इसे दें ।

आर्स-आयोड 3x – डॉ० क्लार्क के मतानुसार हृदय-प्रसारण अथवा किसी अन्य कारण से होने वाली हृदय की कमजोरी में यह औषध ग्रेन की मात्रा में, दिन में दो बार प्रात:-सायं भोजन करने के बाद देनी चाहिए ।

क्रोटेलस Q – यदि ‘आर्स-आयोड’ से लाभ न हो तो – इस औषध को 5 बूँद की मात्रा में, नित्य दिन में 4 बार देना चाहिए। पूरा लाभ प्राप्त करने के लिए इस औषध का कई दिनों तक लगातार सेवन करना आवश्यक हैं । डॉ० बोरिक के मतानुसार यह हृदय रोग में ‘टॉनिक’ का काम करती है ।

क्रोटेलस 6 – हृदय के अत्यधिक धड़कने तथा रोगी को मृत्यु-भय होने के लक्षणों में इसका प्रयोग करें ।

बैराइटा-कार्ब 30 – देर तक रहने वाली तीव्र धड़कन, सिर में भी धड़कन का अनुभव होना, बाँयीं ओर लेटने का ध्यान आते ही धड़कन का बढ़ जाना तथा बायीं ओर लेटने पर अधिक धड़कन होना, घबराहट, अत्यधिक कमजोरी, थोड़ा परिश्रम करते ही थक जाना तथा नींद आने लगना, नाड़ियों के सिकुड़ जाने के फलस्वरूप ब्लड-प्रेशर का बढ़ जाना तथा पाँवों का पसीना दब जाने के कारण हृदय-रोग के लक्षणों का उत्पन्न हो जाना-इन सब में यह औषध बहुत लाभ करती है।

सिमिसिफ्यूगा 3 – पेट के गड्ढे में नब्ज छूट जाने का भाव, स्तनों के नीचे बायीं ओर दर्द तथा हृदय में कम्पन – इन लक्षणों में प्रति 4 घण्टे के अन्तर से इसे देना चाहिए।

स्ट्रोफैन्थस Q – हृदय की मांसपेशियों का क्षीण या कमजोर हो जाना, हृदय का पूरी तरह काम न करना, हृदय में दर्द होना तथा रक्त-चाप का बढ़ जाना, इन लक्षणों में हितकर है । हृदय की ताकत देने के लिए भी इसे थोड़ी मात्रा में दिया जा सकता हैं ।

Ask A Doctor

किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

पुराने रोग के इलाज के लिए संपर्क करें