Homeopathic Medicine For Tympanites In Hindi [ पेट फूलना होम्योपैथिक दवा ]

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कारण तथा लक्षण – यह बीमारी ज्वर, हैजा तथा सन्निपातिक ज्वर आदि के उपसर्ग के रूप में प्रकट होती है :-

चिकित्सा – इस रोग में निम्नलिखित औषधियाँ लाभ करती हैं :-

टरपेन्टाइल आइल – ज्वर अथवा प्रदाह के कारण पेट फूल जाने पर, एक फ्लानेल के टुकड़े को खूब पानी में भिगोकर तथा निचोड़ने के बाद उस पर कई बूंदें तारपीन का तेल डाल कर रोगी के पेट के ऊपर प्रति एक घण्टे बाद लगाना चाहिए। यह पेट फूलने का सर्वोत्तम उपचार हैं।

ऐसाफिटिडा 3 – हिस्टीरिया रोग में पेट फूल जाने पर इस औषध की प्रति एक-दो घण्टे बाद एक-एक मात्रा देते रहने से सर्वोत्तम उपचार होता है ।

रैफेनस 3, 30 – ऊर्ध्व अथवा अधोभाग से वायु के न निकल पाने एवं पेट का कड़ा तथा फूला हुआ होने पर इसका प्रयोग हितकर हैं ।

विशेष – (1) यदि मल एकत्र हो जाने के कारण पेट फूल गया हो तो गरम पानी अथवा जैतुन के तेल की पिचकारी लेने से लाभ होता है ।

(2) लक्षणानुसार इन औषधियों के प्रयोग की भी आवश्यकता पड़ सकती है:-

कार्बो-वेज 6, 30, आर्सेनिक 3, कोलोसिन्थ 6, नक्स-वोमिका 6, लाइकोपोडियम 6, चायना 3, हायोस 3 तथा आइरिस 6

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