Adrak Ke Fayde Hindi – अदरक के फायदे

325

भूख – (1) अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर उन पर नमक लगाकर खाने से 15 मिनट पहले सर्वप्रथम इन्हें खायें। स्वाद बढ़ाने के लिए चाहें तो नीबू का रस भी इन पर डाल सकते हैं। इन्हें खाने स भूख खुलकर लगेगी। एक चम्मच अदरक का रस और इतना ही शहद मिलाकर भी ले सकते हैं।

दस्त – (1) अदरक का रस 2 चम्मच गर्म करके नाभि के आस-पास लगायें, रस में रुई भिगोकर नाभि पर रख दें, दस्त बन्द हो जायेंगे। इसके साथ ही आधा कप उबलते हुए पानी में 1 चम्मच अदरक का रस मिलाकर गर्म-गर्म ही हर घण्टे से पियें। पानी की तरह हो रहे पतले दस्त बन्द हो जायेंगे। इसमें चीनी, मीठा नहीं मिलायें। ये दोनों प्रयोग एक साथ करने से दस्तों में शीघ्र लाभ होगा। (2) 1 चम्मच सोंठ की पानी से 3 बार फंकी लेने से दस्त बन्द हो जाते हैं।

गैस – पिसी हुई सोंठ दो चम्मच में स्वादानुसार नमक मिलाकर आधा-आधा चम्मच गर्म पानी से नित्य तीन बार फंकी लेने से गैस बनना बन्द हो जाता है।

उल्टी – (1) 1 चम्मच अदरक के रस में स्वादानुसार नमक, कालीमिर्च मिलाकर स्वाद लेते हुए चाटें। उल्टी, जी मिचलाना ठीक हो जाता है।

अम्लपित्त (Acidity) – पिसी हुई सौंठ व सूखा धनिया चार-चार चम्मच एक गिलास पानी में डालकर उबालें। आधा पानी रहने पर छानकर नित्य तीन बार इसी प्रकार बनाकर पियें। अम्लपित ठीक हो जायेगी।

दूध न पचना – यदि दूध नहीं पचता हो, दूध पीने से दस्त लगते हों तो सोंठ को पीसकर चौथाई चम्मच दूध में मिलाकर पियें। इससे दूध पचेगा।

इनफ्लूएंजा – रोगी को गर्म स्थान पर रखें। 250 ग्राम दूध में चौथाई चम्मच पिसी हुई सोंठ और दो पीपल कूटकर, डालकर, उबालकर स्वाद के अनुसार मीठा डालकर पिलायें।

खाँसी – (1) अदरक का रस 30 ग्राम, शहद 30 ग्राम मिलाकर नित्य तीन बार दस दिन तक पियें। दमा, खाँसी के लिए उपयोगी है। गला बैठ जाए, जुकाम हो जाए तो यह योग लाभदायक है। परहेज – खटाई, दही का प्रयोग न करें। दमा में अदरक को घी में तलकर भी ले सकते हैं। 12 ग्राम अदरक के टुकड़े करके एक पाव पानी, दूध, शक्कर मिलाकर चाय की तरह उबालकर पीने से खाँसी-जुकाम ठीक हो जाता है। घी में गुड़ डालकर गर्म करें। दोनों मिलाकर एक होने पर 12 ग्राम पिसी हुई सोंठ डालें। यह एक खुराक है। प्रात: भूखे पेट नित्य सेवन से जुकाम, खाँसी ठीक हो जाती है। अदरक कफ (बलगम) को कम करती है।

जुकाम – (1) जुकाम होने पर 2 कप पानी में 1 चम्मच अदरक के टुकड़े डालकर उबालते हुए एक कप पानी रख लें। इसे छानकर स्वादानुसार दूध व चीनी मिलाकर सुबह-शाम, गर्म-गर्म ही पियें। आधा कप गर्म पानी में एक चम्मच अदरक का रस, आधा चम्मच नीबू का रस मिलाकर पीने से नाक से पानी गिरना बन्द हो जाता है।

हृदय-शक्तिवर्धक – हृदय दुर्बल हो, धड़कन कम हो, दिल बैठता-सा लगे तो सोंठ का गर्म काढ़ा (क्वाथ) नमक मिलाकर एक प्याला प्रतिदिन पीने से लाभ होता है। हृदय रोगों में एक गिलास पानी में एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर पीना लाभदायक है।

डकार – एक चम्मच अदरक का रस, चौथाई चम्मच काला नमक, आधा कप गर्म पानी मिलाकर सुबह-शाम पीने से खट्टी-कड़वी, डकारें आना बन्द हो जाती हैं।

कष्टार्तव (Dysmenorrhoea) – जिन अविवाहिताओं के मासिक धर्म में दर्द होता है उन्हें सोंठ और पुराने गुड़ का काढ़ा पीने से लाभ होता है। परहेज शीतल पेय तथा खट्टी चीजों का रखें। यह विधि परीक्षित है।

गर्भपात – यदि बार-बार गर्भपात होता हो तो गर्भधारण होते ही नित्य आधाँ चम्मच सोंठ, चौथाई चम्मच मुलहठी को पाव भर (250 ग्राम) दूध में उबालकर पियें। गर्भपात की अचानक सम्भावना हो जाये तो भी इसी प्रकार सोंठ पियें। इससे गर्भपात नहीं होगा। प्रसव वेदना तीव्र हो रही हो तो इसी प्रकार सोंठ पीने से वेदना कम हो जाती है।

आँव (Mucus), पेट के रोग – आँव अर्थात् कच्चा, अनपचा अन्न। जब यह लम्बे समय पेट में रहता है तो अनेक रोग उत्पन्न हो जाते हैं। पाचन संस्थान बिगड़ जाता है। पेट के अनेक रोग पैदा हो जाते हैं। कमर दर्द, संधिवात, अपच, नींद न आना, सिरदर्द अाँव के कारण होते हैं। ये सब रोग नित्य दो चम्मच अदरक का रस प्रात: भूखे पेट पीते रहने से ठीक हो जाते हैं।

पित्ती – एक चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर नित्य तीन बार सेवन करके दो घूंट पानी पियें। पित्ती निकलना बन्द हो जायेगा।

तौंद (पेट बढ़ना) – 10 ग्राम अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े तवे पर डालकर थोड़ा सा पानी डालकर भूनें। भूनते हुए पानी जल जाने के बाद उस पर एक चम्मच घी डालकर सेंकें। भली प्रकार सिकने पर भोजन के प्रारम्भ में इन्हें खायें। बढ़ी हुई तौंद अपने सामान्य आकार में आ जायेगी।

हर्निया – अदरक का मुरब्बा दस ग्राम नित्य प्रात: दो माह खाने से हर्निया (आँत उतरना) में लाभ होता है।

Ask A Doctor

किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

पुराने रोग के इलाज के लिए संपर्क करें