एस्पीडोस्पर्मा ( Aspidosperma Homeopathy In Hindi )

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अधिकांश दमा या सांस लेने में तकलीफ की बीमारियों में इस दवा से आशा से अधिक फायदा मिलता है। यह फेफड़ों में ताकत देती है और खून में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ा देती है, जिसके कारण रोगी के सांस लेने की तकलीफ दूर हो जाती है। दमा के तेज खिंचाव के समय, एस्पीडोस्पर्मा मदर टिंचर की 10 बून्द आधे कप पानी में डाल कर हर आधे घंटे पर देते रहें जब तक आराम न मिल जाये।

मेरा अनुभव – सांस लेने में तकलीफ के समय पहले मैं एकोनाइट देकर ही संतुष्ट हो जाता था। एकोनाइट देने के 24 घंटे के अंदर दमा की तकलीफ कम हो जाती थी। परन्तु अब अनुभव से मैं कैनाबिस इंडिका Q + एस्पीडोस्पर्मा Q दोनों की 5-5 बून्द एक चौथाई कप पानी में डालकर हर आधे घंटे पर देता हूँ और मुझे आशातीत लाभ प्राप्त होता है। 2 घंटे में ही सांस लेने की तकलीफ शांत हो जाती है।

डा० बोरिक के अनुसार यह औषधि फेफड़ों के लिए डिजिटैलिस है। यह औषधि श्वास केन्द्रों को उत्तेजित कर उस बाधा को स्थाई रूप से हटा देती है जिसके कारण रक्त का आवासीकरण (oxidation) रुक जाता है। इस तरह यह आक्सीकरण में वृद्धि करती है तथा कार्बनिक एसिड को बाहर निकाल फेकती है। फेफड़ों की संकीर्णता (Pulmonary stenosis), फुफ्फुस धमनी की घनास्त्रता (thrombosis) I रक्त में यूरिया बढ़ जाने के कारण श्वास कृच्छता, दमा के असंख्य रोगियों के लिये एक प्रभावशाली औषधि। श्वास के केन्द्रों को उत्तेजित करती है और रक्त में आक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। श्रमसाध्य कार्यों के दौरान, दम फूलना, इस औषधि का निर्देशक लक्षण है। हृद विकारों के कारण प्रकट होने वाला दमा।

सम्बन्ध – तुलना कीजिए: कोका, आर्सेनिक, काफिया, कैटाल्पा (श्वास लेने में कठिनाई)।

मात्रा – पहली शक्ति का विचूर्ण या मूलार्क अथवा ऐस्पिडोस्पर्मिन हाइड्रोक्लोराइड, शक्ति के विचूर्ण का एक ग्रेन। एक-एक घण्टे के बाद देते रहे।

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