भगन्दर का होम्योपैथिक इलाज || Homeopathic Medicine For Fistula In Ano In Hindi

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Homeopathic Medicine For Fistula In Ano In Hindi

मलद्वार के चारों ओर या अन्दर घाव होकर एक तरह का फोड़ा या नासूर हो जाता है, यही भगन्दर कहलाता है । इस फोड़े में एक पतलासा सुई की नोक की तरह का छेद होता है । उस छेद से रस-रक्त झरता रहता है। साथ ही प्रदाह भी रहता है। यह फोड़ा आसानी से नहीं सूखता व पीड़ा पहुँचाता रहता है। यह रोग प्रायः पाचन-तंत्र की खराबी के कारण होता है । अतिसार, आमातिसार, पेचिश, बवासीर आदि रोगों के पुराने पड़ने पर निरन्तर गुदा-मार्ग पर भार पड़ने से भी भगन्दर हो जाता है ।

इस लेख में हम FISTULA-IN-ANO अर्थात भगंदर को ठीक करने की होम्योपैथिक दवा की चर्चा करेंगे।

FISTULA का अर्थ है शरीर में एक छोटी-सी नली द्वारा रास्ता – an abnormal tube-like passage in the body – यह शरीर के किसी भाग में भी हो सकता है। आँख, दाँत, हड्डी में हो सकता है, गुदा में हो सकता है, जहाँ से भीतर का मवाद बाहर रिसा करता है। भगंदर में गुदा का बाहर का हिस्सा मवाद से सन जाता है।

आज मैं इसकी 4 मुख्य होम्योपैथिक दवा की चर्चा करूँगा, जो इस रोग में सबसे अच्छा काम करता है –

भगन्दर का होम्योपैथिक इलाज

साइलीशिया 200, 1M-इस रोग की उत्कृष्ट दवा है । फोड़े से पतला व दुर्गन्धित पीव आये, चलने-फिरने में या मल-त्याग में खोंचा मारने की तरह दर्द हो तो इसका प्रयोग करना चाहिये । हर प्रकार का नासूर इस दवा से जल्द ही ठीक हो जाता है । गुदा के FISTULA में यह उत्तम दवा है। इसका लक्षण यह है इसमें सख्त टट्टी निकलती है, पर आधा निकल कर फिर पीछे को लौट जाती है। रोगी को काटने जैसी दर्द होता है, खुजली और जलन होती है। FISTULA के फोड़े में पानी जैसा पतला स्राव निकला करता है। खाने को तो यह दवा दें परन्तु जो भी दवाई दे, साथ में फोड़े को calendula Q से धोते भी रहना चाहिये। आँख के FISTULA में भी यही दवा लाभप्रद है।

Nitric Acid 200 – जैसे ‘फ़िशर’ में यह औषधि प्रसिद्ध है, वैसे ही ‘FISTULA’ में भी इसकी विशेष प्रसिद्धि है। कई लोग तो इस रोग में इसे मुख्य औषधि कहते हैं। यह दवा जख्मों में काटने सा अनुभव होने पर दी जाती है। गले में काटने सा अनुभव, गुदा में ऐसा लगे मानो चाकू से काटी जा रही है – ऐसिड का काम ही काटना, जला देना है । इस प्रकार के ‘फ़िशर’ में – चाहे कहीं भी हो – खासकर FISTULA में इसकी 200 शक्ति की एक मात्रा देने से लाभ होगा। इस दवा का लक्षण है कि टट्टी में बेहद बदबू आती है, जहाँ भी टट्टी का भाग लगता है वहाँ की त्वचा छिल जाती है, लाल हो जाती है, मोटी भाषा में कहें तो त्वचा पर टट्टी लगती है ।

Berberis Vulgaris 6 – FISTULA में इस दवा की सिफारिश मैंने हमेशा की है। गुदा- प्रदेश के आस-पास भयंकर कतरने सी पीड़ा होती है, जलन होती है और टट्टी बकरियों की मेंगनियों की तरह आती है, इसके साथ हर समय टट्टी आने की हाजत बनी रहती है। ऐसे लक्षण में Berberis Vulgaris 6 का इस्तेमाल करें। पीड़ित स्थान को छूने पर दर्द हो, बैठने में पीड़ा होती हो और गुदा-मार्ग (मलद्वार) में खुजली रहे तो इस दवा का व्यवहार करना चाहिये ।

Sulphur 30 – FISTULA का मुख दो तरफ खुला होता है। एक तो भीतर से जहाँ से मवाद आता है; दूसरा बाहर से जहाँ से मवाद निकलता है । कभी-कभी इसका आने का मुख तो होता है, बाहर निकलने का नहीं होता, परन्तु फिर भी थोड़ा-थोड़ा गीलापन निकलते रहता है। इसे Blinds fistula कहते हैं । इसमें Sulphur दिया जाता है । इसमें दर्द-रहित पीला या हरा सीलनपन-सा बना रहता है । साथ में आप रोगी के constitutional दवा का पता करें, मैंने जो दवा बताया, लक्षण मिलने पर उस दवा को चलाएं, FISTULA जड़ से ठीक हो जायेगा। मलद्वार में सूजन आ गई हो, टीस उठने की भाँति पीड़ा हो, मलत्याग के उपरान्त वहाँ दबाव पड़ने से छुरी मारने की तरह का दर्द हो तो इसका प्रयोग करना चाहिये । डॉ० कालर्टन के अनुसार, सल्फर 30 व बबेरिस 30 का पर्यायक्रम से व्यवहार करने से भी लाभ मिलता है ।

हिपर सल्फर 6, 30- भगन्दर में तीव्र पीड़ा, रोग कुछ दिन दबा रहे तुरन्त पीव निकल जाती है तथा रोगी को आराम मिलता है ।

माइरिस्टिका 3x- यदि भगन्दर में पीड़ा व दर्द अधिक हो तथा हिपर सल्फर के प्रयोग से भी आराम न मिले तो इस दवा को देना चाहिये । फिस्टुला-इन-एनो एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें त्वचा और गुदा नलिका के बीच एक असामान्य सुरंग जैसा मार्ग बन जाता है। यह स्थिति अक्सर गुदा के पास संक्रमण के परिणामस्वरूप होती है, जिससे एक पथ का निर्माण होता है। फिस्टुला-इन-एनो को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए कारणों, लक्षणों और उपलब्ध दवाओं को समझना महत्वपूर्ण है।

Video On Fistula In Ano

फिस्टुला का कारण

संक्रमण: अधिकांश फिस्टुला गुदा ग्रंथियों में संक्रमण से विकसित होते हैं, जिससे फोड़ा बन सकता है।

गुदा में फोड़ा: बिना उपचार वाले फोड़ा फिस्टुला के विकास का कारण बन सकता है क्योंकि संक्रमण बाहर निकलने का रास्ता तलाशता है।

क्रोहन रोग: क्रोहन जैसी सूजन संबंधी आंत्र रोग फिस्टुला-इन-एनो के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

फिस्टुला का लक्षण

दर्द : गुदा क्षेत्र के आसपास लगातार दर्द, खासकर मल त्याग के दौरान।

स्राव : मवाद या दुर्गंधयुक्त स्राव मौजूद हो सकता है, जो फिस्टुलस पथ की उपस्थिति का संकेत देता है।

सूजन: गुदा के आसपास की त्वचा में सूजन, लालिमा दिखती है

फोड़े: गुदा क्षेत्र में बार-बार फोड़े बनता है।

फिस्टुला का इलाज

शारीरिक परीक्षण: एक डॉक्टर लक्षणों का आकलन करने और फिस्टुला के संकेतों की जांच करने के लिए गुदा क्षेत्र की गहन जांच करेगा।

इमेजिंग परीक्षण: फिस्टुला पथ को देखने के लिए एमआरआई या फिस्टुलोग्राफी जैसी तकनीकों को नियोजित किया जा सकता है।

शल्य चिकित्सा : तीव्र फोड़े के लिए, फोड़े को निकालने के लिए एक छोटी शल्य प्रक्रिया की जा सकती है।

फिस्टुलोटॉमी: इस सर्जिकल प्रक्रिया में उचित जल निकासी की अनुमति देने के लिए फिस्टुला पथ को काटना शामिल है।

सेटन प्लेसमेंट: जल निकासी में सहायता करने और बंद होने से रोकने के लिए फिस्टुला के माध्यम से एक सेटन (एक धागे जैसा पदार्थ) रखा जा सकता है।

फाइब्रिन : कुछ मामलों में, इसे सील करने के लिए गोंद जैसा पदार्थ फिस्टुला में इंजेक्ट किया जाता है।

फिस्टुला का रोकथाम

गुदा स्वच्छता बनाए रखें: गुदा क्षेत्र को साफ रखने से उन संक्रमणों को रोकने में मदद मिल सकती है जो फिस्टुला-इन-एनो का कारण बन सकते हैं।

स्वस्थ आहार: फाइबर युक्त आहार नियमित मल त्याग को बढ़ावा दे सकता है, जिससे गुदा संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो सकता है।

समय पर उपचार: गुदा फोड़े को तुरंत संबोधित करने से उन्हें फिस्टुला में बढ़ने से रोका जा सकता है।

फिस्टुला-इन-एनो को चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है, और लक्षणों का अनुभव करने वाले व्यक्तियों को स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लेना चाहिए। शीघ्र निदान और उचित उपचार इस स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और प्रभावित व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने की कुंजी है।

Ask A Doctor

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6 Comments
  1. Rajesh singh says

    Mujhe fistula huaa h koi sharl upay bataye theek karna ke.

    1. Dr G.P.Singh says

      Don’t be dis hearten. Every thing is possible in this world if you try patiently. you write to us your problem as we want for facilitating in the direction of selection of medicine to be beneficial for you. For this either you try to write us in detail (ie details of your disease, your ht. your colour your age,effect of coldness and heat, hurydness, fear, anger,sensitivity etc. or try to meet the doctor at Patna. For immediate relief you may try Silicea 200 at 7 days interval, Antim Crud 30 in morning and Nux Vomica 30 at bed time daily . May God bless you.

  2. man verma says

    Namaste .merit mom ke anus ke naval main ek Rhoda ho gaya hai .Jo pus she bhar jata hair phir fhoot jata hai aur dhik ho jata hai but after some time us jagah per fhir se yah pus she Bihar jar but pain karts hai. Kya ye fhistula hai.yadi hai tho ye kaise dhik hoga please mujhe jaldi reply kijiye thank you.

    1. Dr G.P.Singh says

      Aap rogi ka umra rang tatha apni hight likhen taki sahi dawa ka selection kiya ja sake sath hi sath yah batayen ki pus patla ya gadha nikalta hai. pus men gandh rahta hai ya nahin. tatkal fayada ke liye aap Pulsetila 30 subah ek bund len tatha Sulpher 200 subah 7 din ke antral par len. pura laxan likhane ke bad punah dawa ka selection kar batlaya ja sakega.

  3. rahul pillai says

    sir mujhe fistula haa 8 bar opret kara chuka hu par thik nhi ho raha ha har bar ho jata ha laft said per me mujhe bahut dard hota ha meri umar 29 ha kad 5″11 haa paas abhi nhi nikalta par dard or khujli bahut hoti ha plz sir koi dawa achi si btao thank you sir

    1. Dr G.P.Singh says

      Use Nux vom 30 daily at bed time.Write your colour and about pus ie thin or thick. write about smail of pus.

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