एडीएचडी का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic medicine for ADHD In Hindi ]

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एडीएचडी का होम्योपैथिक इलाज: आजकल के बच्चे बहुत शैतान हो गए है, ज्यादा शैतानियां करने लगे है, जिन बच्चो की उम्र 12 से 18 के बीच है अगर वो बच्चे बहुत गुस्सा करते हैं, बात-बात पर चिढ़ने लगते हैं, लड़ने लगते है साथ ही पढाई में अच्छे से ध्यान नहीं दे पाते तो उन्हें ADHD नमक बीमारी हो सकती है। ADHD का अर्थ है Attention Deficit Hyperactivity Disorder, इसका मतलब होता है किसी काम में अच्छे से ध्यान न दे पाना, ध्यान की कमी होना, बच्चे का ज्यादा शैतान होना, ज्यादा लड़ना, चिढ़ना आदि।

ADHD के कारण

ADHD के कारण ठीक-ठीक अभी तक ज्ञात नहीं है लेकिन कुछ तथ्य हैं जिनके आधार पर इसके कारणों को जाना जा सकता है:-

  1. अनुवांशिक कारणों से यह समस्या बच्चो में आ सकती है, अगर माता या पिता में से कोई बहुत अधिक गुस्सैल हैं, बात-बात पर चिढ़ जाते हैं और गुस्सा करते है तो बच्चो को भी यह बीमारी हो सकती है।
  2. वातावरण के कारण भी यह बीमारी हो सकती है। आस-पास के लोग, बच्चो के दोस्तों का व्यवहार, माता पिता का व्यवहार भी असर करता है बच्चों पर तो वह इस बीमारी का शिकार हो सकता है।
  3. यह बीमारी उन बच्चो को ज्यादा होती है जिनका टेस्टोस्ट्रोन लेवल अधिक होता है।

ADHD के लक्षण

जब बच्चा 11 से 12 के बीच में रहता है तो थोड़ा-थोड़ा चिड़चिड़ाने लगता है, अगर उस वक्त उसपर ध्यान नहीं दिया जाये तो यह समस्या बढ़ते-बढ़ते गुस्से का रूप ले लेगी और फिर वह छोटी-छोटी बातों में गुस्सा करने लगेगा। वह सभी से लड़ने लगेगा चाहे वह उसके दोस्त हो या परिवार के लोग। इसके साथ ही वह HyperActive हो जायेगा, अर्थात एक बच्चे को जितना ऊर्जावान होना चाहिए वह उससे ज्यादा होगा और ज्यादा शैतानियां करेगा। वह आराम करना बंद कर देगा और ज्यादा चलता फिरता रहेगा , जिस कारण उसका दिमाग थक जायेगा और उसकी याद करने की क्षमता कम हो जाएगी और उसका पढाई से ध्यान भटकने लगेगा।

अगर बच्चा ऐसा करता है तो उसपर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, उसके स्कूल का माहौल देखे, अगर वहाँ का माहौल ठीक नहीं है तो उसका स्कूल भी बदले ताकि वह इस समस्या से निकल सके।

ADHD Ka Homeopathic Ilaj

Chamomilla 30 CH :- ऐसे बच्चे जो बहुत जल्दी चीड़ जाते है, गुस्सा करने लगते है, जो अचानक गुस्सा करते हो, चिल्लाते हो, रोते हो तो यह दवाई उनके लिए बहुत ही असरदार है। जो बच्चे शांत नहीं बैठते हैं, बहुत चिड़चिड़े रहते है और उन्हें खुद नहीं पता होता की वह चाहते क्या है तो यह दवाई लाभदायक है। जिन बच्चो को रोना बहुत जल्दी आ जाता है उन्हें यह दवाई दी जानी चाहिए। इस दवाई की दो बून्द सुबह तीन महीने तक देनी है।

Cina 30 CH :- ऐसे बच्चे जो दूसरे लोगों के पास नहीं जाना चाहते हमेशा अपने मम्मी या पापा से चिपके रहते है, और कोई दूसरा उन्हें छू दे या बात कर ले उनसे तो रोने लगते है उनके लिए यह दवाई बहुत ही असरदार है। जो बच्चे किसी चीज से जल्दी संतुष्ट नहीं होते या जिनके पेट में कीड़े होते है उनके लिए भी यह दवाई बहुत ही लाभदायक है। इस दवाई की दो-दो बून्द दिन में दो बार देनी है अच्छे परिणाम के लिए।

Hyoscyamus 30 CH :- यदि आपका बच्चा बहुत जल्दी गुस्सा हो जाता है और अपने आप-पास के वातावरण से बुरी आदते सीख कर गाली भी देने लगा है तो यह दवाई बहुत ही असरदार है। यह दवाई केवल रात में देनी है रोज, इसकी दो बून्द रात में लगभग तीन महीने तक दे।

Stramonium 30 CH :- यह दवाई ADHD के बच्चो पर बहुत अच्छा प्रभाव डालती है। अगर बच्चा बहुत जल्दी डर जाता है जिस कारण बच्चा बहुत चिड़चिड़ा हो गया है तो यह दवाई बहुत ही असर करती है बच्चे के डर को ठीक करने के लिए। अगर बच्चे का मन एकाग्र नहीं है और वह पढाई पर ध्यान नहीं दे पा रहा है तो भी यह दवाई बहुत ही लाभदायक है। यह दवाई रात में दो बून्द देनी है लगातार एक से दो महीने तक।

Rescue Remedy 30 CH :- अगर आपका बच्चा बहुत अधिक चिड़चडाता है, सुनाता नहीं बड़ो की और बहुत जल्दी गुस्सा हो जाता है साथ ही पढाई में मन नहीं लगा पा रहा है तो यह दवाई जरूर लेनी है, यह दवाई बहुत ही असरदार है ADHD के लिए। इसकी दो-दो बून्द दिन में दो बार देनी है।

नोट :- आप अपने बच्चे में ADHD के लक्षण देख लीजिये और उस हिसाब से ऊपर लिखे दवाइयों में से कोई दवाई दे दीजिये बच्चे की यह समस्या जल्दी ठीक हो जाएगी। आप कोई भी दवाई दे उसके साथ Rescue Remedy जरूर दे जल्दी बच्चे की यह समस्या ठीक करने के लिए। अगर आपको समझ न आये की कौन सी दवाई देनी है तो Chamomilla 30CH , Cina 30CH, Hysocyamus 30CH के साथ Rescue Remedy 30 CH दे सकते हैं।

एक बच्चे के एकाग्रता बनाने में कठिनाई की समस्या को कैसे होम्योपैथिक दवा से ठीक किया गया, इसी के बारे में बताया गया है।

यह एक 8 साल का लड़के का केस है, उसके माता-पिता ने बताया कि पढ़ाई के दौरान उसे एकाग्रता बनाने में कठिनाई होती है। उसके स्कूल के शिक्षक हमेशा उसकी एकाग्रता की कमी होने की शिकायत करते रहते हैं।

वह लिखने में गलती करता है। उसकी लेखन गति बहुत धीमी है। वह एक या दो बार में चीजों को समझ नहीं पाता है, उसे कई बार पढ़ाना पड़ता है। वह साधारण चीजों को भी सीखने में ज्यादा समय लेता है और आसानी से भूल जाता है।

वह हमेशा अपनी मां का साथ चाहता है। बहुत आसानी से क्रोधित हो जाता है और क्रोध में अपने छोटे भाई से झगड़ता है। बचपन से ही उसे बार-बार गले में संक्रमण हो जाता है और हर बार उनके टॉन्सिल में लालिमा और दर्द के साथ सूजन आ जाती है।

वह खुद नहीं खा सकता है और उसकी माँ को उसे खिलाना पड़ता है। अगर हम उसकी मांगें पूरी नहीं करते हैं तो वह जोर-जोर से रोता है और अगर हम उसे डांटते हैं तो वह चुपचाप अपने हाथों से अपना चेहरा छिपा लेता है। वह ज्यादा बात नहीं करता और उसका सिर्फ एक ही दोस्त है।

cheese और spicy फूड उसे पसंद है। उसे ठण्ड सहन नहीं होता है, यहाँ बच्चा सर्द प्रकृति का है।

यहाँ सबसे मुख्य बात जो गौर करने वाली है :-

बच्चा का दाँत निकलना और चलना समय पर हुआ था परन्तु बोलना वह देर से शुरू किया था।

मानसिक लक्षण देखें तो :-

  • एकाग्रता में कठिनाई
  • याद रखने में कठिनाई
  • जिद्दी
  • शब्दों को लिखने में गलतियाँ करना
  • याद रखने के लिए कई बार पढ़ना पड़ता है
  • बोलना, देर से शुरू हुआ

शारीरिक लक्षण में :-

बार-बार गले में संक्रमण; टॉन्सिल में सूजन और दर्द

मटेरिया मेडिका में आप पाएंगे कि Baryta Carb रोगी के सभी मानसिक और शारीरिक लक्षण को कवर करता है।

ऐसे में Baryta Carb 1M की 2 बून्द 15 दिन में एक बार मैंने देने की सलाह दी।

15 दिनों बाद बच्चे के पिता ने बताया कि चीजों के लिए अब उतना जिद्दी नहीं है लेकिन कोई अन्य महत्वपूर्ण बदलाव नहीं दिख रहा।

मैंने Baryta Carb 1M की एक खुराक और देने की सलाह दी। करीब 1 महीने बाद बच्चे के पिता ने बताया कि अब वह पढ़ाई में रुचि ले रहा है और एकाग्रता बेहतर हुआ है। फिर भी कभी-कभी शब्दों में गलती हो जाती है। पिछले 1 महीनों में गले में संक्रमण नहीं हुआ है। मैंने एक खुराक और दे कर दवा को बंद करने के लिए कहा।

करीब 3 महीने में एकाग्रता में 60% तक सुधार हुआ। किसी बात को लेकर जिद्द नहीं। गले में इंफेक्शन नहीं, कोई दर्द नहीं। अब शब्दों को याद रखता है और पहले से काफी बेहतर है।

इस वीडियो में 8 साल के बच्चे के concentration, ADHD अर्थात एकाग्रता को होमियोपैथी दवा से कैसे ठीक किया गया, इसी के बारे में केस रिपोर्ट साझा किया गया है।

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