Best Homeopathic Medicine For Catarrhal Fever in Hindi – सर्दी के बुखार का होम्योपैथिक दवा

1,742

पानी में भींगना, सर्दी अथवा ओस लगना, एकदम सर्दी से गर्मी जा पहुँचना, एकदम पसीना बन्द कर देना, पेट का गर्म होना, दही, खटाई आदि श्लेष्मा-कारक वस्तुओं का अधिक सेवन आदि कारणों से जो ज्वर उत्पन्न होता है, उसे ‘सर्दी का ज्वर’ कहते हैं।

इस ज्वर में आँख तथा नाक से पानी की भाँति बलगम निकलना, सम्पूर्ण शरीर में ऐंठन जैसा दर्द, सिर में टपक मारने जैसा दर्द, सिर में भारीपन, छींकें आना, वमन तथा मिचली, जम्हाई आना, कब्ज, आँखों में लाली तथा भारीपन, आवाज का बैठ जाना, छाती में दर्द एवं खाँसी आदि लक्षण प्रकट होते हैं ।

यही लक्षण जब अधिक गहरे हो जाते हैं, तब ‘जुकाम’ अथवा ‘इन्फ्लुएंजा’ का रूप ग्रहण कर लेते हैं ।

सर्दी के ज्वर में निम्नलिखित होम्योपैथिक औषधियाँ लाभ करती हैं :-

कैम्फर Q – सर्दी की प्रारम्भिक अवस्था में जब शरीर में थोड़ी-थोड़ी सिरहन होती हो तथा नाक, आँख से पानी गिरता हो, उस समय केवल एक बूंद ‘अर्क-कपूर’ अथवा पानी के साथ थोड़ा-सा “कपूर” सेवन कर लेने से ही लाभ हो जाता है ।

एकोनाइट 3x, 6, 30 – आँख तथा नाक से पानी गिरना, छींके आना, प्यास, बेचैनी, तथा शरीर का तापमान बढ़ जाना आदि लक्षणों में हितकर है। जब ‘कैम्फर’ के प्रयोग से लाभ न हो, तब इसका प्रयोग लाभकारी रहता है। सर्दी के अतिरिक्त जुकाम, खाँसी में भी यह औषध लाभ करती है ।

एलियम सिपा 3x – सर्दी लगने के कारण शरीर में हरारत, आँख तथा नाक से पानी गिरना, गले में सुरसुराहट, आवाज में भारीपन, हाथ-पाँवों में दर्द, बारम्बार अधिक परिमाण में पेशाब का होना तथा गरम कमरे में रोग का बढ़ते हुए प्रतीत होना – इन लक्षणों में लाभकारी है ।

नक्स-वोमिका 6, 30 – कब्ज तथा सर्दी के कारण नाक बन्द हो जाना – विशेषकर रात्रि के समय, शरीर में ज्वर की हरारत के लक्षणों में हितकर है। इस औषध के ज्वर में शीत तथा ताप एक दूसरे के बाद आते रहते हैं ।

इपिकाक 3x – सर्दी के ज्वर के साथ वमन अथवा मिचली के लक्षणों में हितकर हैं ।

बेलाडोना 6, 30 – सर्दी के ज्वर के साथ सिर-दर्द, आँखों में लाली तथा नींद न आने के लक्षणों में लाभकारी है। ज्वर के साथ प्यास न होना-इसका मुख्य लक्षण है।

ब्रायोनिया 6, 30 – सर्दी लगने का कारण ज्वर, छाती में दर्द, हाथ-पाँव तथा पीठ में दर्द एवं अत्यधिक कब्ज के लक्षणों में हितकर है । यदि ज्वर हट-हटकर बार-बार आता रहता हो तो इस औषध से विशेष लाभ होता है ।

फेरम-फॉस 6x – यदि कोई विशेष लक्षण न हों तो इस औषध को प्रति दो-तीन घण्टे के अन्तर से ज्वर के उतरने तक देते रहना लाभकर रहता है ।

शरीर को हमेशा ढँके रहना, सर्दी न लगने देना, हल्की वस्तुओं का सेवन तथा नाक बन्द होने पर नाक के ऊपर तथा छाती पर सरसों के तेल की मालिश करना हितकर रहता है ।

Ask A Doctor

किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

पुराने रोग के इलाज के लिए संपर्क करें