उदासी, मन में खुशी नहीं रहना का होम्योपैथिक इलाज

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उदासी का होम्योपैथिक इलाज

आज इस लेख में हम, उदासी, उदासीनता की होम्योपैथिक दवा के बारे में जानेंगे, रोगी को किसी प्रकार का स्ट्रेस नहीं रहेगा, उसके जीवन में सबकुछ होगा, फिर भी उदासी छाया रहेगा, कहीं जाने की इच्छा नहीं होगा, कुछ करने का इच्छा नहीं होगा, मन करेगा बस बिस्तर पर लेटे रहो, ऐसे में किस होम्योपैथिक दवा का सेवन करना है इसी के बारे में चर्चा करेंगे।

Sepia – इस औषधि की रोगिणी अपने घर-बार के काम से उदासीन हो जाती है, अपने पति -पुत्र के प्रति भी वह उपराम होती है, एकान्त में बैठी रहती है, किसी की सहानुभूति नहीं चाहती । पल्सेटिला तो सहानुभूति की भूखी होती है, परन्तु नैट्रम म्यूर सहानुभूति प्रकट करने वाले के प्रति क्रुद्ध हो जाती है। सीपिया तथा नैट्रम म्यूर की उदासीनता में भेद यह है कि पहली तो सहानुभूति पसन्द नहीं करती, दूसरी सहानुभूति प्रदर्शित करने वाले के प्रति गुस्सा हो जाती है।

Ambra grisea – हर बात के प्रति उदासीन, खुशी की बात हो, गम की बात हो, हर व्यक्ति के प्रति उदासीन । एक स्वस्थ व्यक्ति का जिन बातों से दिल टूट जाता है, वे ऐसे ही हर चीज के प्रति उदासीन हो जाते हैं ऐसे में Ambra grisea काम कर जाता है।

Acid Phos – अगर कमजोरी के कारण उदासीन वृत्ति हो जाए, तब उपयोगी है । दु:ख, शोक, मित्र या कुटुम्बी की मृत्यु, प्रेमी का विछोह, रुपये-पैसे का डूब जाना नौकरी का हाथ से चला जाना इत्यादि कारणों से मानसिक-आघात पहुंच सकता है। इन स्थितियों में अगर आघात बहुत गहरा है, तो एसिड फॉस से लाभ होगा। दु:ख, शोक आदि से उत्पन्न हुआ रोग अगर बहुत पुराना हो जाय, तो एसिड फॉस की तरफ ध्यान जाना चाहिये।

Phosphorus – शराब पीने की वजह से अपने निकटतम मित्रों के प्रति भी उदासीनता । अपने बच्चों के प्रति भी यह व्यक्ति उदासीन हो जाता है ।

Cyclamen – स्त्रियों का बड़ी आयु में जब ऋतु- धर्म समाप्त हो जाता है, तब उदासीनता आ जाना ।

Acid Fluor – व्यक्ति जिन्हें प्रेम करता रहा है, उनसे उपरामता, परन्तु अजनबी, नवीन व्यक्तियों के प्रति स्नेह दर्शाता है।

Udasi Ka Homeopathic Ilaj

ऐम्ब्राग्रीशिया 3, 6 – अच्छी या बुरी, खुशी अथवा दु:ख का – तात्पर्य यह है कि प्रत्येक बात के प्रति उदासीनता तथा जिन बातों को सुनकर एक स्वस्थ व्यक्ति का दिल टूट सकता हो, उनके प्रति भी उदासीनता की प्रवृत्ति ऐसे लक्षणों में इसे देना हितकर रहता है। इस औषध को दोहराया भी जा सकता है।

सीपिया 30, 200 – यह स्त्रियों की उदासीन-प्रवृत्ति के लिए लाभकर है । एकान्त में बैठे रहना, किसी से सहानुभूति न चाहना, सहानुभूति प्रदर्शित करने वाले के प्रति गुस्सा हो जाना, यहाँ तक कि अपने पति एवं सन्तान के प्रति भी उदासीन बने रहना-इन लक्षणों में लाभकर है ।

साइक्लेमेन 3 – बड़ी आयु में, स्त्रियों को रजोनिवृत्ति के समय भी उदासीनता में हितकर है ।

फास्फोरस 30 – शराब पीने के कारण निकटस्थ मित्रों तथा अपने बच्चों के प्रति भी उदासीनता के लक्षणों में इसका प्रयोग करें ।

फ्लोरिक-ऐसिड 6, 30 – स्नेहीजनों के प्रति उदासीनता तथा नये परिचित लोगों के प्रति स्नेह-प्रदर्शन के लक्षणों में इसे दें ।

ऐसिड-फॉस 2x – शारीरिक कमजोरी के कारण आई हुई उदासीनता की प्रवृत्ति में यह लाभकर है।

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