खून की कमी दूर करने का एलोपैथिक मेडिसिन

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इस पोस्ट में खून की कमी और खून को बढ़ाने, कमजोरी दूर करने का एलोपैथिक दवा बताया गया है।

माइक्रोसूल्ज (Microsules) (निर्माता : यूनिल्वाइड्स) – इस नाम से प्राप्य कैप्सूल में विटामिन B1, B2, B6, B12, नियासिनामाइड, विटामिन सी और फेरस फुमेरेट है। यह रक्ताल्पता (खून की कमी) में गुणकारी है। वयस्कों को 1-1 कैप्सूल प्रतिदिन 2 बार दें।

नियोफेरिलेक्स एस० (Neo Ferilex-s) (निर्माता : रैलीज) – इसमें आयरन, कोलीन साइट्रेट, विटामिन B1, B2, B6, B12, निकोटिनामाइड, फोलिक एसिड, डी. एल. पेण्टोथेनेट, अल्कोहल, लायसिन मोनो हाइड्रोक्लोराइड है जो तरल रूप में प्राप्य है । यह औषधि विभिन्न कारणों से उत्पन्न रक्ताल्पता एवं दुर्बलता में लाभप्रद है ।

वयस्कों को 5 से 10 मि.ली. समान भाग जल मिलाकर भोजनोपरान्त दिन में 2-3 बार पिलायें ।

नियोफेरम (Neo Ferrum) (निर्माता : डूफार) – इसमें कोलोयडल आयरन, कोलोयडल कॉपर है। यह बड़ों के लिए टिकियों के रूप में तथा बच्चों के लिए ड्राप्स के रूप में उपलब्ध है। यह आयरन की कमी से उत्पन्न रक्ताल्पता, बच्चों की बढ़ोतरी में कमी और गर्भावस्था तथा दूध पिलाने की अवस्था में लाभकारी है ।

रक्ताल्पता से बचने के लिए तरल 2.5 मि.ली. अथवा 1 टिकिया दिन में एक बार प्रयोग करायें । चिकित्सार्थ – 2.5 से 5 मि.ली. अथवा एक टिकिया वयस्कों को तथा बच्चों को 2.5 मि.ली. तरल या एक टिकिया दिन में तीन बार प्रयोग करायें ।

ड्राप्स तीन मास तक की आयु के शिशुओं को रक्ताल्पता से बचाव के लिए दो बूंद दिन में दो बार पिलायें । चिकित्सार्थ – तीन मास तक की आयु के शिशुओं को चार बूंद, 6 से 12 मास तक के शिशुओं को 6 बूंद दिन में दो बार पिलायें ।

प्रोबोफेक्स (Probofex) (निर्माता : वाकहर्डट) – इसमें विटामिन B6, B12, फोलिक एसिड, फेरस अमिनोऐट, प्रोटीन हाइड्रोलायसेट है । यह औषधि सीरप के रूप में उपलब्ध है। जो समस्त प्रकार की रक्ताल्पता, गर्भावस्था तथा दूध पिलाने की अवस्था में लाभकारी है। यह शारीरिक दुर्बलता तथा बुढ़ापे के कष्ट एवं निर्बलता में भी लाभप्रद है । वयस्कों को 15 मि.ली. तथा बच्चों को 5 मि.ली. प्रतिदिन सेवन करायें ।

रेडिसाइट (Redicyte) (निर्माता : एम. एस. डी.) – इसमें विटामिन B1, B2, B6, B12, सी और फेरस सल्फ है जो कैप्सूल के रूप में उपलब्ध है। यह गर्भावस्था की अल्पवणी रक्ताल्पता, शैशवावस्था और बाल्यावस्था की रक्ताल्पता, पोषक तत्वों की कमी से रक्ताल्पता एवं दुर्बलता में लाभप्रद है। एक कैप्सूल प्रतिदिन भोजनोपरान्त दें।

सियोन्यूरान (Sioneuron Tablet) (निर्माता : अल्बर्टडेविड) – इसमें B1, B6, B12 है। यह खाने के लिए टिकियों और तीव्र दशा में लगाने के लिए इन्जेक्शन के रूप में बाजार में उपलब्ध है। यह स्नायुशूल, कमर दर्द, गृध्रसी तथा नाड़ी सूत्रों के क्षोभ से उत्पन्न दर्द में लाभकारी है । वयस्कों को 1 से 3 टिकिया प्रतिदिन खिलायें । तीव्र दशा में 2 मि.ली. का प्रतिदिन माँस में अथवा शिरा (नस) में धीरे-धीरे इन्जेक्शन लगायें ।

नोट – इसी कम्पनी का ‘सियोप्लेक्स लायसिन’ के नाम से मिश्रण ‘सीरप’ के रूप में भी आता है, जिसमें विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के साथ ‘लायसिन’ पदार्थ भी मिले रहते हैं। यह विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी और दुर्बलता में लाभप्रद है । इस दवा की वयस्कों की 10 मि.ली. की मात्रा में दिन में दो बार सेवन करायें।

एक्टिवैकिड (Aktivakid) (निर्माता : जर्मन रेमेडीज) – इसमें बी12, लिवर सत्त्व, फोरिक ग्लाइसरो फास्फेट, यीस्ट एक्सट्रैक्ट, लायसिन मोनोहाइड्रो क्लोराइड है जो सीरप के रूप में उपलब्ध है। यह भूख की कमी, शक्तिक्षीणता और बच्चों की बढ़ोतरी में लाभप्रद है ।

वयस्कों को 5 से 15 मि.ली. भोजन से पहले अथवा बाद में प्रतिदिन तीन बार सेवन करायें ।

ओट्रिन (Autrin) (निर्माता : सायनेमिड) – इस नाम से उपलब्ध कैप्सूल में विटामिन बी 12, सी, फोलिक एसिड और फेरस फुमेरेट हैं जो रक्ताल्पता एवं निम्न रक्तचाप में लाभप्रद है। वयस्कों को 1 कैप्सूल भोजन के साथ अथवा भोजन के बाद प्रतिदिन खाने हेतु निर्देशित करें ।

बेनोजेन (benogen) (निर्माता : रेलीज) – इसमें फेरस फुमेरेट, विटामिन बी 1, बी 6, बी 12, निकोटिनामाइड, विटामिन सी, फोलिक एसिड है और यह इस पेटेण्ट के नाम से कैप्सूल के रूप में प्राप्य है जो रोग से उत्पन्न रक्ताल्पता में उपयोगी है। वयस्कों को एक कैप्सूल दिन में दो बार या आवश्यकतानुसार दें ।

सिल्फर 12 एफ ओरल (cilfer 12F oral) (निर्माता : बायर) – इसमें बी-12, फोलिक एसिड और कोलायडल आयरन है । यह तरल रूप में उपलब्ध है जो हर प्रकार की रक्ताल्पताओं में लाभप्रद है । वयस्कों को 5 मि.ली. भोजनोपरान्त दिन में दो बार पिलायें ।

फोलिनेट बी-12 (Pollinate B12) (निर्माता : एलेम्बिक) – इसमें विटामिन बी-12, सी, फेरस फुमेरेट, फोलिक एसिड है। यह कैप्सूल और तरल रूप में उपलब्ध है जो द्विरूप, आयरन की कमी वाले महालोहित प्रसू तथा गर्भावस्था की रक्ताल्पता में लाभप्रद है। वयस्कों को एक कैप्सूल प्रतिदिन अथवा 10 मि.ली. प्रतिदिन प्रयोग करायें। बच्चों को 1.25 से 2.5 मि.ली. तथा शिशुओं को 1 मि.ली. प्रतिदिन पिलायें ।

हीमाट्रीन (Hematrine) (निर्माता : सेण्डोज) – इसमें विटामिन बी-12, सी, निकोटिनामाइड, फोलिक एसिड, फेरम सक्सीनेट और सक्सीनेट एसिड है । यह कैप्सूल के रूप में प्राप्य है। यह गर्भावस्था, प्रसूतावस्था, दुर्बलता, कमजोरी एवं विभिन्न प्रकार की रक्ताल्पता में गुणकारी है । वयस्कों को 1 कैप्सूल प्रतिदिन तीन बार खिलायें।

नोट – रक्तस्त्रावी रक्ताल्पता में इसका प्रयोग न करें ।

हेमफर (Hemfer) (निर्माता : अल्केम) – इसमें हीमोग्लोबिन, विटामिन बी-12 और सार्बिटल है। यह तरल रूप में प्राप्य है जो रक्ताल्पता, अरुचि, दुर्बलता, शारीरिक एवं मानसिक कमजोरी में परम लाभकारी है । वयस्कों को 15 से 30 मि.ली. दिन में दो बार तथा बच्चों को 5 से 10 मि.ली. दिन में दो बार खिलायें ।

हेपासूल्स (Hepasules) (निर्माता : वायोलोजिकल इवान्स) – इसमें विटामिन बी-12, फोलिक एसिड, डायोक्टिल सोडियम, सल्फो सक्सीनेट, विटामिन सी, फेरस फुमेरेट है। यह कैप्सूल के रूप में उपलब्ध है जो रक्ताल्पता एवं दुर्बलता में गुणकारी है । वयस्कों को एक कैप्सूल भोजन के बाद दिन में दो बार सेवन करायें ।

आइडिग्लोबिन (Idiglobin) (निर्माता :आई. डी. पी. एल.) – यह विटामिन B1, B2, B12, C, फोलिक एसिड और फेरस-फुमेरेट से निर्मित कैप्सूल और सीरप के रूप में उपलब्ध है, जो रक्ताल्पता में अति गुणकारी है। वयस्कों को एक कैप्सूल प्रतिदिन या सीरप 5 से 10 मि.ली. प्रतिदिन पिलायें ।

रुब्राटोन (Rubratone) (निर्माता : साराभाई) – इस एलिक्जिर में विटामिन बी-12, फोलिक एसिड, फेरिक अमोनिया साइट्रेट है, जो रक्ताल्पता में उत्तम लाभप्रद है । वयस्कों को 10 मि.ग्रा. दिन में तीन बार सेवन करायें ।

संगोबियोन (Sangobion) (निर्माता : मर्क) – उस नाम से प्राप्य कैप्सूल में विटामिन सी, बी-12, फोलिक एसिड, कॉपर सल्फ, फेरस ग्लूकोनेट, मैग्नीज सल्फ और सोर्बिटोल है जो आयरन की कमी से होने वाली रक्ताल्पताओं में लाभप्रद है। प्रारम्भ में वयस्कों को दो कैप्सूल भोजन के बाद दिन में तीन बार और बाद में एक कैप्सूल दिन में तीन बार सेवन करायें ।

टानोफेरान (Tonoferon) (निर्माता : ईस्ट इण्डिया) – इसमें विटामिन बी-12, फोलिक एसिड, कोलायडल फेरिक हाइड्रोक्साइड है । यह औषधि वयस्कों को सीरप तथा बच्चों के लिए ड्राप्स के रूप में उपलब्ध है। यह लोहा की कमी वाली रक्ताल्पता में लाभप्रद है। वयस्कों को 2.5 से 7.5 मि.ली. दिन में दो बार तथा बच्चों को (ड्राप्स) 5 से 10 बूंद दूध के साथ दिन में 2-3 बार पिलायें ।

मल्टी विओण्टा (Multi wionta) (निर्माता : मर्क) – इसमें विटामिन A, B1, B2, B6, B12, C, D, फोलिक एसिड, निकोटिनामाइड, कैल्शियम, पेण्टोथेनेट इत्यादि अंश सम्मिलित हैं। यह औषधि कैप्सूल और इन्जेक्शन के रूप में उपलब्ध है। यह दवा मल्टी विटामिन की कमी से उत्पन्न होने वाली रक्ताल्पता में लाभप्रद है । वयस्कों को एक कैप्सूल प्रतिदिन तथा तीव्र दशा में 10 मि.ली. के एक एम्पूल को कम से कम 250 मि.ली. इन्फ्यूजन साल्यूशन में भली-भाँति मिलाकर शिरा मार्ग से दें ।

Multivitaplex Forte (निर्माता : फाइजर) – इसमें विटमिन A, B1, B2, B6, B12, C, D, कैल्शियम पेण्टोथेनेट, नियासिनामाइड, डी. एल. टोकोफेनिल एसिटेट, मेनेडियोन, फोलिक एसिड आदि अंशों का यह मिश्रण है। यह दवा वयस्कों के लिए कैप्सूल और एलिक्जिर तथा शिशुओं के लिए ड्राप्स के रूप में उपलब्ध है । यह रक्ताल्पता, मल्टी विटामिन्स को कमी से उत्पन्न होने वाली कमजोरी में विशेष लाभकारी है ।

वयस्कों को एक कैप्सूल प्रतिदिन अथवा एलिक्जर 5 मि.ली. दिन में 1-2 बार दें तथा शिशुओं को ड्राप्स 0.3 मि.ली. और बच्चों को 0.6 मि.ली. दिन में एक बार पिलायें ।

सुरबेक्स (Surbex) (निर्माता : अब्बोट) – इसमें B1, B2, B6, B12, निकोटिनामाइड और सीरप के रूप में उपलब्ध है, जो विटामिन B कॉम्प्लेक्स की कमी से उत्पन्न होने वाले कष्ट, दुर्बलता एवं रक्ताल्पता में लाभप्रद है। वयस्कों को 1 से 2 टिकिया अथवा सीरप 5 से 10 मि.ली. दिन में 1-2 बार दें ।

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