मूत्राशय का पक्षाघात (लकवा) होम्योपैथी उपचार [ Paralysis of Bladder Homeopathy Hindi ]

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मूत्राशय के पक्षाघात में निम्नलिखित औषधियों का लक्षणानुसार प्रयोग हितकर सिद्ध होता है:-

ओपियम 3, 30, 200 – पेशाब के निकलने में बहुत देर लगना, पेशाब की धार का बहुत कमजोर होना, बहुत सा पेशाब बिना किये ही रह जाना अथवा किसी भय के कारण पेशाब का अपने आप निकल पड़ना अथवा इन परिस्थितियों में पेशाब का रुक जाना-इन लक्षणों में यह औषध लाभ करती है ।

सिकेल-कोर 30 – मूत्राशय का पक्षाघात, पेशाब का रुके रहना तथा जोर लगाने पर भी न निकलना एवं वृद्ध व्यक्तियों का पेशाब अपने आप ही निकल जाना-इन लक्षणों में हितकर है।

बेलाडोना 30 – किसी प्रत्यक्ष कारण के बिना ही पेशाब का रुक जाना तथा बच्चे का रात को सोते समय पेशाब कर देना-इन लक्षणों में लाभकारी है ।

कैन्थरिस 6, 30 – पेशाब करते समय मरोड़, बूंद-बूंद पेशाब आना, तथा पेशाब करते समय जलन जैसा अनुभव – इन लक्षणों में लाभ करती है ।

एकोनाइट 200 – ठण्ड लग जाने के कारण पेशाब रुक जाने के लक्षण में हितकर है ।

डल्कामारा – यह भी ठण्ड के कारण पेशाब रुक जाने में उपयोगी है ।

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