प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) में होने वाली समस्या का इलाज [ Problems During Pregnancy In Hindi ]

1,349

यहाँ गर्भावस्था में होने वाली समस्याओं का होम्योपैथिक इलाज बताया गया है। निम्नलिखित औषधियां गर्भावस्था के विभिन्न उपसर्गों में लक्षणानुसार दें :-

आर्सेनिक 30 – सम्पूर्ण शरीर में जलन, प्यास, कमजोरी, बदहजमी ।

आइरिस 6 – लसदार श्लेष्मा का निरन्तर निकलना।

इपिकाक 6, 30 – लगातार मितली और वमन, अतिसार, उदर-शूल ।

इग्नेशिया 6, 30 – वमन, हिचकी, पेट फूलना, खिन्नता ।

एलिट्रिस-फेरिनोसा 3x, 12 – गर्भावस्था की कष्टदायक मितली, अपच, सिर में चक्कर, मूर्च्छा, तन्द्रा, भोजन से अरुचि ।

ऐसेटिक-एसिड 6, 30 – गर्भावस्था की खट्टी डकार, वमन, लार बहना, मुँह में पानी भर आना, अधिक पेशाब होना ।

ऐनाकार्डियम 30 – पेट का खालीपन, प्रात:काल की मितली, वमन हो जाने पर मितली में कमी, भोजन के पहले और बाद में वमन ।

ऐण्टिम-क्रूड 6, 30 – जीभ पर सफेद रंग के मैल की मोटी तह, वमन तथा अकड़न।

कानवैलेरिया 3 – तकिये से सिर उठाते ही मितली तथा वमन ।

काफिया 6 – दर्द, अनिद्रा और मितली ।

काक्युलस 6, 30 – पाकाशय में बेचैनी, मितली और वमन ।

कैलि-कार्ब 30 – मितली होना, पर वमन न होना, चलने पर मिचली बढ़े ।

कैडमियम-सल्फ 6 – पाकाशय में बैचेनी, मिचली तथा वमन ।

कोनियम 30 – स्तनों में अकड़न, सुषुप्तावस्था में मिचली ।

कोलचिकम 6, 3x – बैठते ही मिचली, वमन तथा नाभि-स्थान में दर्द, खाद्य पदार्थों की गन्ध सहन न होना, पेशाब में ऐल्ब्युमिन तथा हाथ-पाँव समेटकर सोने से उपसर्ग का घटना ।

क्युप्रम-मेट 6, 30 – मिचली, वमन तथा हाथ-पाँव में ऐंठन ।

जैबोरैंडी 6 – दिन में लगातार थूकते रहना, तथा इसी कारण रात को सो भी न पाना।

नक्स-वोमिका 6, 30 – प्रात: भोजनोपरान्त मिचली और वमन, कब्ज।

नाइट्रिक-एसिड 30 – मिचली, घूमने-फिरने तथा सवारी पर बैठने से मिचली का घटना, पाकाशय में जलन ।

नेट्रम-म्यूर – प्रात:काल मिचली और वमन, सिर में दर्द, रात में चोर-डाकू के स्वप्न दीखना ।

पल्स 6, 30 – जरायु एवं तलपेट में ऐंठन, सन्ध्याकाल तथा रात्रि में वमन, अलग-अलग प्रकार का पाखाना, पतले दस्त, वमन के बाद मिचली फिर वमन ।

पेट्रोलियम 30 – पाकाशय की गड़बड़ी, गाड़ी पर चढ़ते ही मिचली, वमन तथा मुँह में थूक भर आना ।

फेरम-फॉस 6, 30 – रक्त-वमन, भोजनोपरान्त अचानक थोड़ा-सा वमन ।

बोविस्टा 3 – प्रात:काल मिचली, पानी की वमन, कुछ बोलने पर उपसर्गों का घटना।

लिलियम-टिग 30 – भ्रूण की अवस्थिति में गड़बड़ी के कारण वमन ।

लैक्टिक-एसिड 30 – मितली, जो भोजन के बाद घटती हो, खट्टी वमन, मुँह में थूक भर आना ।

सल्फर 30, 200 – मिचली, वमन, सम्पूर्ण शरीर में जलन, मद्यपान की आकांक्षा ।

साइक्लेमेन 6 – वमन, मिचली, सिर में चक्कर, गिर पड़ने जैसी अनुभूति ।

सीपिया 30 – मिचली, जरायु-मुख में कड़ापन, गर्भस्राव-प्रवणता ।

सिम्फोरि-कार्पस 6 – भोजन की गन्ध या उसे देखते ही बेचैनी का अनुभव, मिचली और वमन ।

सैबाडिल्ला 6, 30 – भोजन की इच्छा न होना, परन्तु खाना आरम्भ करते ही भर पेट खा लेना ।

स्टैफिसेग्रिया – पेट भरा होने पर भी तीव्र भूख तथा हर समय मुँह में पानी भर आना।

Ask A Doctor

किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

पुराने रोग के इलाज के लिए संपर्क करें