Puerperal Fever Treatment In Homeopathy – प्रसूति ज्वर

769

प्रसव के उपरान्त किसी-किसी स्त्री को ज्वर आ जाता है जिसे प्रसूतिज्वर अथवा सौरी का बुखार कहते हैं । यह ज्वर कई कारणों से हो सकता है जैसे- जरायु का दूषित हो जाना, फूल का कुछ अंश जरायु में ही रह जाना, प्रसव-क्रिया में कीटाणुरहित उपकरणों का प्रयोग न करना आदि। इसमें ठंड लगना, कॅपकॅपी, पेट व सिर में दर्द, पसीना आना, बेचैनी, घबराहट आदि लक्षण प्रकटते हैं ।

एकोनाइट 30- रोग की प्रथमावस्था में दें जबकि ठंड लगे, नाड़ी तेज चले, जरायु में दर्द हो, प्यास लगे ।

वेरेट्रम विरिडि 2x- अत्यधिक कॅपकॅपी, खींचन, अकड़न, प्राण जाने की आशंका आदि लक्षणों में दें । रोगिणी की स्थिति बिगड़ जाने पर 55 मिनट के अन्तर से तथा स्थिति सुधर जाने पर आधा-आधा घंटे के अंतर से देनी चाहिये ।

बेलाडोना 30- ऑख व चेहरा लाल हो जाना, शरीर के भीतर-वाहर जलन होना, बेचैनी, केवल सिर पर पसीना आना- इन लक्षणों में दें ।

लाइकोपोडियम 30– गरम पसीना आना तथा शरीर में एक के बाद दूसरी जाड़े की लहर उठना- इन लक्षणों में दें ।

चायना 30- अत्यधिक रक्तस्राव हो जाने के कारण कमजोरी आ जाये और ठण्ड लगकर ज्वर आ जाये तो यह दवा दें ।

Ask A Doctor

किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

पुराने रोग के इलाज के लिए संपर्क करें