पलक के ऊपर या नीचे किनारे पर एक विशेष तरह की फुन्सी पैदा हो जाती है जिसे हम गुहेरी के नाम से जानते हैं। कमजोरी, सर्दी लगने, वर्षा पानी में भीगने आदि कारणों से यह हो जाती है।
गुहेरी का होम्योपैथिक इलाज
पल्सेटिला 6 , 30 – गुहेरी रोग की सर्वोत्तम दवा है। इसका सेवन रोग के प्रारम्भ होते ही शुरू कर देना चाहिए, लाभ होगा।
हिपर सल्फर 6 , 30 – पल्सेटिला से लाभ न होने पर इसे देना चाहिये ।
जानें हिपर सल्फर के होम्योपैथिक उपयोग के बारे में
सल्फर 30 – यदि फुंसी और उसके पास की जगह कड़ी पड़ती जाये तो लाभप्रद है ।
मर्कसोल 6, 30 – ऊपरी पलक पर गुहेरी होने पर दें। एल्युमिना 30 भी इसी स्थिति में लाभप्रद है ।
फॉस्फोरस 6, 30 – नीचे वाली पलक पर गुहेरी होने पर दें। स्टेफिसेग्रिया 6 भी इसी स्थिति में लाभप्रद है ।
सीपिया 6, 30 – गुहेरी रोग के साथ अगर पूरीआँख व पलक में भी लाली छा जाये तो इसका प्रयोग करना चाहिए।
जानें सीपिया के होम्योपैथिक उपयोग के बारे में
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पल्सेटिला 6 , 30
ये 6, 30 लिखने का क्या अर्थ है बताये
Kisi bhi dawa ka power hota hai. Ise likhne ke bad hi bajar me uplabdh hota hai.