Tips To Cure Pimples Naturally In Hindi

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त्वचा पर कील, मुंहासे, गोल-गोल छिद्र दूर करने के उपाय

15 से 20 वर्ष तक की कुछ लड़कियों के मुंह पर कई बार गोल-गोल छिद्र दिखाई देने लगते हैं। इससे चेहरे का भद्दापन बढ़ जाता है। चेहरे पर ये गोल-गोल छिद्र अपने आप नहीं हो सकते। प्रायः ये लड़कियां कील-मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए उन्हें नोचना आरम्भ कर देती हैं। मुंह की त्वचा पर जहां भी कील या मुंहासे को नोचा जाता है, वह स्थान बाद में भरता नहीं। कील-मुंहासों को नोचना बहुत बड़ी भूल है। यह गन्दा काम कभी मत कीजिये। कील-मुंहासों से छुटकारा पाने का यह बिल्कुल गलत और भद्दा ढंग है। ऐसा करने वाली लड़कियां अपने साथ दोहरा अन्याय करती हैं। कीलमुंहासे नोचने से एक तो फैलते हैं, दूसरे गोल छिद्र रह जाते हैं, जो भरते नहीं और चेहरा भद्दा दिखाई देने लगता है। यदि आप ऐसी भूल करती रही हैं, तो अभी शपथ लीजिये कि फिर कभी ऐसा नहीं करेंगी।

उपाय

थोड़ा-सा बेसन लेकर ताजा पानी में घोल लीजिये। इसका उबटन बनाकर चेहरे पर मलिये। बहुत दिन ऐसा करने पर आपको लाभ होने लगेगा।

अधिक प्रसाधन सामग्री के प्रयोग से हानि

प्रसाधन सामग्री (क्रीम-पाउडर आदि) की अधिक गाढ़ी परत चढ़ाने से त्वचा के रोमकूप रुक जाते हैं। रोमकूप रुक जाने से वायु त्वचा में प्रवेश नहीं कर पाती और पसीना रोमकूपों की राह बाहर नहीं निकलने पाता। ये दोनों बातें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। रोमकूप रुकने से चेहरे पर कलौंस आने लगता है। इस कलॉस को छिपाने के लिए महिलाएं और गाढ़ा प्रसाधन लगाने लगती हैं। इसलिए यह ध्यान रखिये कि तीसरे-चौथे दिन सोने से पहले चेहरे को अच्छी तरह साबुन से और क्लीजिंग से धो डालिये और फिर कुछ भी मत लगाइये। सारी रात त्वचा को उन्मुक्त वायु में रहने दीजिये-रोमकूपों को

खुला रहने दीजिये। चेहरे पर प्रसाधन सामग्रियों का उपयोग एक कला है। जैसे नाच सीखे बिना नाचना नहीं आता, उसी प्रकार किसी से सीखे बिना आज की प्रसाधन कला का रहस्य जानना कठिन है। हां, कुछ तरुणियां, युवतियां तथा महिलाएं इशारे से ही बात को समझ लेती हैं। उन्हें इस पुस्तक में दी गयी बातों को ध्यान से पढ़कर इनका पूरा लाभ उठाना चाहिए।

यह न भूलिये कि आपकी आंखों को भी कुछ नमी की आवश्यकता होती है। जब आप बाहर शीतल पवन में घूम-फिरकर घर आती हैं, तो आंखों में नल के पानी या कुछ गरम पानी के छोटे मारने के बाद आंखें पोंछिये और आईड्राप्स डालिये।

चतुर महिलाएं घर के अन्दर भी हरे पौधों के गमले रखने लगी हैं। इन्हें देखने से अांखों की आराम मिलता है। ये त्वचा के लिए लाभदायक होते हैं; क्योंकि वायु और नमी को खींचते हैं।

शीतकाल में प्राय: होंठ फट जाते हैं। कई बार इनमें तीखी जलन होने लगती है। बार-बार होठों पर जीभ फेरनी पड़ती है। परन्तु बार-बार जीभ फेरने से होंठ और भी खुश्क होकर फट जाते हैं। जिंक ऑक्साइड का पेस्ट होठों पर लगाने से उनकी खुश्की दूर होती है और उनके फटने का कष्ट भी दूर होता है।

यदि हाथ-पैर फट जायें, तो रात को सोने से पहले क्रीम लगाइये और फिर दस्ताने तथा मौजे (जुराब) पहन लीजिये अथवा नीचे लिखी चीजों का घोल लगाइये। उसी समय बड़ा फर्क पड़ जायेगा।

ग्लिसरीन, नीबू, गुलाब का अर्क तीनों को अच्छी तरह मिला लें।
हाथ-पैर की त्वचा को ठीक रखने के लिए हैण्ड लोशन या क्रीम का भी प्रयोग किया जा सकता है।

हाथ-पैर, होउ आदि फट गये हों, तो भोजन में विटामिन ‘सी’ की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। विटामिन ‘सी’ सन्तरा, नीबू, मौसम्बी, माल्टा, अंगूर, जाता है। इसके अलावा करमकल्ला (बन्द गोभी), हरी मिर्च,पालक, बथुआ, लौकी, आलू, गाजर, शलगम, अमरूद, केला, बेर,नाशपाती,पपीता आदि में भी विटामिन ‘सी’ पाया जाता है।

शीत ऋतु में प्रतिदिन स्नान अवश्य करें, ठण्डे पानी से नहीं, बल्कि

मन्दोष्ण (गुनगुने) जल से। बहुत गरम जल से नहायेंगी, तो त्वचा और भी खुश्क हो जायेगी। सफर के बाद नहायें, तो हैण्ड वाले ब्रश से पीठ को अच्छी तरह रगड़कर नहायें।

सप्ताह में एक बार बदन पर सरसों के तेल की मालिश अवश्य कीजिये। यदि और कोई तेल या शुद्ध घी पसन्द हो, तो उसी की मालिश कीजिये। मालिश से त्वचा के रोमकूप खुलते हैं। रोमछिद्रों से मैल बाहर निकल आती है। मालिश से त्वचा को गरमाइश पहुंचती है। मालिश से त्वचा कोमल और नरम हो जाती है। मालिश करने के आधे घण्टे बाद स्नान करना चाहिए, फौरन नहीं।

यदि घर से बाहर न जाना हो, तो मेकअप न करें, प्राकृतिक सौन्दर्य खिलने दें या केवल मॉइस्चराइजर की हल्की परत लगाइये।

शीत ऋतु में बाहर जाते हुए भी हल्का श्रृंगार (मेकअप) कीजिये। बहुत दिनों से जो मेकअप कर रही हैं, उसे बदल डालिये। गरमियों में कई महिलाओं का पसीने के कारण मेकअप धुल-बह जाता है। शीतकाल में वे निश्चिन्त होकर शृंगार प्रसाधनों का प्रयोग कर सकती हैं। बाहर जाते समय भी फाउण्डेशन की गाढ़ी परत जमाने की जरूरत नहीं। बिन्दी, हल्की-सी लिपस्टिक, आंखों की पलकों पर हल्की-सी फाउण्डेशन की परत और हल्की-सी सेण्ट लगाइये।

शीत ऋतु में बाल स्वभावत: झड़ते हैं। शीतल पवनों से बालों की नमी सोख ली जाती है। अत: इस ऋतु में बालों में हर चौथे दिन कण्डीशनर लगाइये। ऐसा भी ठीक रहेगा कि बाहर जाते समय बालों पर कण्डीशनर लगाकर स्कार्फ बांध लीजिये। लौटकर आने पर बालों को सादे पानी से धो डालिये। यदि बालों की चमक कम हो गयी हो, तो चौकर (आटे के छान) की पानी और शहद में मिलाकर बालों को धो डालिये। इससे आपके बाल खूब चमकने लगेंगे। हर पन्द्रहवें दिन इस प्रकार बाल धोने से आपकी केशराशि चमचमाने लगेगी।

वातानुकूलित (एअर कण्डीशन्ड) घरों में, कृत्रिम (बनावटी) गरमी के कारण बालों की नमी सूख जाती है। इसी प्रकार बाल सुखाने वाले यन्त्र (हेयर ड्रायर) का भी बालों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसका प्रयोग मत कीजिये। कभी बाल धोये हों और अचानक जल्दी जाने की आवश्यकता आ पड़े, तब हेयर ड्रायर का प्रयोग किया जा सकता है। वैसे साधारणतः बालों को प्राकृतिक रूप में सूखने देना चाहिए।
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2 Comments
  1. НППВалок_Спиридон says

    RE:Tips To Cure Pimples Naturally In Hindi | Homeopathic Medicine In Hindi НПП Валок Крановые и трамвайные колёса

  2. Dr G.P.Singh says

    Thanks for compliment.

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