ऐपोसाइनम एण्ड्रोसेमीफोलियम ( Apocynum Androsaemifolium Homeopathy In Hindi

877

इसका मूल-अर्क वृक्ष की ताजी जड़ से तैयार होता है। साधारणतः वात, गठिया-वात, छोटी संधियों का वात और दर्द, पैर के तलवे गरम हो जाना इत्यादि पीड़ाओं के लिए ही इसका अधिक व्यवहार होता है। डॉ बेरिक का कहना है – ” इस दवा के वात के लक्षणों से बहुत ही आरोग्यकर परिणाम प्राप्त होता है। ” इसके वात में – प्रायः शरीर की सभी गाँठों में दर्द होता है ; पैर की अँगुलियों और तलवों में जोर का दर्द होता है, हाथ-पैर फूल जाते हैं, पैर के तलवों में झुनझुनी होती है या एक तरह का आलपीन गड़ने जैसा हल्का दर्द होता है। इसका एक और दूसरा लक्षण है – पैर के तलवे आग की तरह गरम होना और उसमे जलन होना। सल्फर में ये लक्षण रहने पर भी ऐपोसाइनम की बनिस्वत वे बहुत कम है। कैलि बाइक्रोम, पल्स, मैग्नोलि और सल्फर की तरह जगह बदलने वाले दर्द में भी – इससे लाभ होता है।

यह औषधि आमवात से मुक्ति दिलाने के लिये प्रसिद्ध है। इसके दर्द भ्रमणशील होते है इसके दर्दों में खिचांव और सिकुड़न की अवस्था गतिशील रहती है। रोगी को प्रत्येक वस्तु से शहद जैसी गन्ध आती है इसीलिए रोगी को हर चीज का स्वाद शहद जैसा लगता है। अवसन्नता (Prostration) कृमि (worms)। सूजन और कम्पन की अनुभूति होती है। रोगी के समस्त जोड़ो में दर्द रहता है। पैरों की उंगुलियों और तलुवों में दर्द, हाथों और पैरों पर सूजन आ जाती है अधिक मात्रा में पसीना आने के कारण तलुवों में अत्यधिक गर्मी का अहसास। तलुवों में ऐंठन तथा पैर की उंगुलियों में चुन चुनाहट युक्त दर्द होता है।

मात्रा – मूलार्क से पहली शक्ति।

क्रम – Q से निम्नशक्ति।

Ask A Doctor

किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

पुराने रोग के इलाज के लिए संपर्क करें