ऐरण्डो ( Arundo Mauritanica Homeopathy In Hindi )

1,897

[ वृक्ष के अंकुर से इसका टिंचर तैयार होता है ] – दिनों दिन होमियोपैथी की उन्नति के साथ-साथ नई-नई दवाओं का भी अविष्कार हो रहा है। दुःख की बात है कि अधिक परिमाण में व्यवहृत न होने के कारण अब तक उनका पूरा-पूरा लाभ देखने में नहीं आया। नीचे लिखी कई बीमारियों में इस दवा से बहुत फायदा होता देखा जाता है :-

अतिसार – दूध पीने वाले बच्चों के दाँत निकलने के समय पतले दस्त होना; इस वक़्त की खास दवाएँ – कैल्केरिया कार्ब, कैल्केरिया फॉस, कैमोमिला, पोडोफाइलम आदि व्यवहार करके यदि फायदा न मालूम हो तो – आखिर में इस दवा की आजमाइश करें। ऐरण्डो के दस्त का रंग – ज्यादातर हरा होता है और मलद्वार में जलन रहती है। दूध पीने वाले बच्चों को अक्सर अतिसार हो जाता है, उनके अतिसार की ये प्रधान दवा है।

सर्दी-खांसी – नाक से पानी की तरह नया श्लेष्मा या सर्दी झड़ना ; सर्दी आरम्भ होने के पहले नाक, आँख और मुंह के भीतर बहुत कुटकुटाहट और जलन होती है ; छींकें आती है और किसी चीज की गंध नहीं मालूम होती।

यह औषधि परागज – ज्वर (hay-fever) सर्दी जुकाम की अवस्थाओं में प्रयोग की जाने वाली एक प्रमुख औषधि हैं।

नाक व कान – नथुनों के अन्दर तथा मुंह के ऊपर वाले भाग में असहन खुजली होती है, नजला तथा रोगी की सुंघने की शक्ति लोप हो जाती है परागज ज्वर जो तालु तथा नेत्रश्लेष्मा (conjunctive) की जलन और खुजली के साथ शुरू होता है, कानों के पिछले भाग में छाजन (eczema) हो जाता है, श्रवण नलिकाओं (auditory canals) में जलन और खुजली होती है।

मुख – मसूड़ों से रक्तस्राव तथा मुँह में खुजली और जलन होती है। जीभ में दरार पड़ जाती है संयोजिक स्थलों में व्रण (ulcers) एवं नंगे घाव हो जाते हैं।

सिर – सिर में खुजली, बालों की जड़ों में दर्द, बाल झड़ना तथा फुंसियां। सिर के पिछले हिस्से में दर्द होता है, जो दाये रोमक प्रदेश (Ciliary region) तक फैलता है, सिर के दोनों तरफ अन्दर तक दर्द रहता है।

आमाशय तथा उदर – रोगी को खट्टी चीजें खाने की इच्छा होती है तथा आमाशय के अन्दर ठण्डक महसूस होती है। रोगी को ऐसा लगता है कि उसके पेट में कोई सजीव वस्तु घूम रही हैं, जघन प्रदेश में पीड़ा तथा पेट अफर जाता है।

मल, मूत्र – मलद्वार में जलन होती है तथा मल हरे रंग का होता है। पेशाब लाल रंग का तथा तलछट होता है।

रोगी को आलिंगन करने के बाद-शुक्र रज्जु (spermatic cord) में पीड़ा होती है। स्त्रियों को ऋतुस्राव नियत समय से बहुत पहले और अधिक मात्रा में होता है, योनि में खुजली के साथ संभोग की प्रबल इच्छा होती है। श्वास लेने में कष्ट (dyspnoea) खांसी में बलगम नीला होता है।

इन बीमारियों के अलावा –  कान के पीछे का एक्जिमा ( अकौता ), सिर के केश झड़ना, केशों की जड़ों में दर्द, माथे में पीब भरे फोड़े, पैर के तलवों में सूजन और जलन, पैर के तलवों से बदबू और पसीना निकलना इत्यादि में भी ऐरण्डो लाभदायक है।

सम्बन्ध – तुलना कीजिए – लोलियम, सीपा, सैबाडि, सिलीका, ऐथोक्सेटम स्वीट, बर्नल ग्रास (परागज ज्वर एवं नजले में प्रयोग की जाने वाली प्रसिद्ध औषधि)।

मात्रा – तीसरी से छठी शक्ति।

Ask A Doctor

किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

पुराने रोग के इलाज के लिए संपर्क करें