गर्भावस्था में कमर और पीठ दर्द [ Backache During Pregnancy ]

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गर्भावस्था में कमर में दर्द अथवा भार का अनुभव होने पर लक्षणानुसार निम्नलिखित औषधियों का प्रयोग करें :-

कालि-कार्ब 30, 1M – कमर में तीव्र दर्द, कमर का अकड़ जाना, भीतर के सम्पूर्ण जननांगों का निम्न भाग पर आ पड़ने जैसा अनुभव, दर्द के कारण चल फिर न पाना तथा लेटे रहने के बिना चैन न पड़ना । इस औषध को 1M की शक्ति में देने के बाद 5-7 दिन तक फिर कुछ नहीं देना चाहिए।

सीपिया 30, 200 – जननांगों के निम्न भाग में भार का अनुभव, पेट पर भूरे रंग के दाग, भीतरी अवयवों के बाहर निकल पड़ने की आशंका में रोगी द्वारा टाँग दबाये रखना आदि लक्षणों में इसे दें । तीव्र लक्षणों में इस औषध में 1M अथवा C. M. की शक्ति में देने से शीघ्र लाभ होता है ।

आर्निका 1M – कमर-दर्द अथवा कमर की थकान के लक्षणों में इसे देना चाहिए। इसे 3x की निम्न-शक्ति में प्रति चार घण्टे बाद दिया जा सकता है, परन्तु उच्च-शक्ति में देने से यह अच्छा काम करती है ।

बेल्लिस पेरेलिस 3 – कमर का दर्द जो शरीर की भीतरी पेशियों तक में अनुभव हो तथा दर्द के कारण कमर को पकड़ कर भी चलना सम्भव न हो पाने के लक्षणों में इसे दें ।

सिकेल 3 – तलपेट में प्रसव के दर्द जैसी पीड़ा होने पर इसे दें ।

कैल्के-कार्ब, कास्टिकम 6 – पीठ के दर्द में इनमें से किसी भी औषध का प्रयोग करें ।

आर्निका 3 – अधिक परिश्रम के कारण उत्पन्न हुए दर्द में इसे दें ।

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