Home Remedies For Jaundice In Hindi

310

इस रोग में व्यक्ति का पूरा शरीर पीला पड़ जाता है और वह कमजोर हो जाता है। वास्तव में, जब यकृत क्रिया में व्यतिक्रम उत्तपन्न हो जाता है तो पित्त रक्त में मिश्रित होने लगता है जिसके कारण रक्त का रंग परिवर्तित होने लगता है। इसमें कब्ज़, दुर्बलता, ज्वर मुँह में कड़वापन आदि लक्षण प्रकट होते हैं।

इलाज़ – (1) यदि त्रिफला का चूर्ण पाँच ग्राम को चार साल पुराने गुड़ के साथ लिया जाये तो पीलिया का रोग समाप्त हो जाता है।

(2) त्रिफला, कुटकी, गिलोय, चिरायता तथा नीम की छाल – सबको दस-दस ग्राम लेकर दो कप पानी में औटाएें। पानी जलकर जब एक कप रह जाये तो काढ़े को उतार लें। इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें। पीलिया में शीघ्र ही लाभ होगा।

(3) त्रिफला, चिरायता, अडूसे की जड़ – प्रत्येक को दस-दस ग्राम लेकर पानी में पकायें। दो गिलास पानी जब एक गिलास रह जाये तो इस काढ़े को छानकर मिश्री मिलाकर पी जायें। इससे पित्त के कारण बन जाने वाले पीलिया रोग शीघ्र ही दुम दबाकर भाग जाता है ।

Ask A Doctor

किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

पुराने रोग के इलाज के लिए संपर्क करें