Homeopathic Medicine For Skin Eruptions In Hindi

1,008

त्वचा पे फुंसी हो जाना, उसमे खुजली होना, बिस्तर पे लेटने से खुजली का बढ़ जाना, ऐसे कई त्वचा सम्बन्धी उदभेद के बारे में और उसके होम्योपैथिक इलाज के बारे में यहाँ बताया गया है।

एक महिला को एक हफ्ते से टांगों में सूजन, त्वचा पर लाल दाने, उसमे गंभीर जलन और दर्द महसूस हो रहा था। पैर के त्वचा पर गहरी दरारें और सेल्युलाइटिस था। सेल्युलाइटिस होने पर बैक्टीरिया त्वचा के अंदर चले जाते हैं।

सेल्युलाइटिस बहुत तेज़ी से फैलता है, त्वचा में सूजन और लाली दिखाई देती है, इसे छूने पर दर्द होता है। त्वचा में तीव्र खुजली महसूस होना, तेज बुखार और ठंड लगना भी शामिल था।

वह बहुत बेचैन थी, उन्हें बड़ी मात्रा में ठंडे पानी की प्यास लग रही थी, तीन दिनों से कब्ज थी और पाखाना की कोई हाजत नहीं था, कठोर, सूखा मल, ठंड के साथ तेज बुखार था, पैरों को ढकना उन्हें पसंद नहीं था।
उन्हें संगति सुनना बहुत पसंद था और पैरों को छूने नहीं देती थी जैसे कि वे टुकड़े-टुकड़े हो जायेंगे। इस अनोखे लक्षण को मैंने नोट किया। उन्हें पिछले 2 साल से बार-बार टाँगों में सूजन भी हो जाती थी।

एक घंटे या उससे अधिक समय तक खड़े रहने और बैठे रहने पर सूजन हो जाता है। उंगली से दबाने पर गड्ढा हो जाता है। उनकी गर्दन पर छोटे-छोटे मस्से भी हो गए थे।

मस्सों और पैरों की नाजुकता की अनोखी अनुभूति के आधार पर, Thuja ही सबसे अच्छा दवा निकल कर आया।

ऐसे में Thuja 200 की हफ्ते में 1 बार मैंने लेने की सलाह दी। परिणाम यह निकला कि एक ही खुराक से एक हफ्ते के अंदर पूरी समस्या ठीक हो गई , यह है होम्योपैथी का चमत्कार।

Video On Skin Eruptions

त्वचा के उदभेदों में निम्नलिखित औषधियों का लक्षणानुसार प्रयोग करें

एलूमिना 6, 30, 200 – बिना दानों के साफ त्वचा पर खुजली मचना, खुजाते-खुजाते खून निकल आना, आरम्भ में कोई दाना न होना, परन्तु जोर-जोर से खुजाने पर जब चमड़ी छिल जाय, तब उस जगह छिछड़ा बन जाना और जब तक जख्म न सूखे, तब तक उसमें खुजली मचते रहना – इन लक्षणों में लाभकर है ।

डोलीकोस 6 – त्वचा का साफ होना, परन्तु बिस्तर पर लेटते ही खुजली आरम्भ हो जाना तथा जितना खुजाया जाय, उतना ही खुजली का अधिक बढ़ते जाना – इन लक्षणों में लाभकर है ।

कैल्केरिया-कार्ब 30, 200 – यदि त्वचा के चप्पड़ थोड़ी-सी ताजी हवा लगते ही गायब हो जाते हों तो इसका प्रयोग हितकर रहता है ।

सल्फर 30 – यदि गर्मी में अथवा वस्त्र उतारने के बाद खुजली अधिक बढ़ जाती हो तथा बिस्तर से पाँव बाहर निकाल कर सोने से खुजली में कमी आ जाती हो एवं फुन्सियों की शिकायत पुरानी हो तो इस औषध का प्रयोग करना चाहिए ।

सोरिनम 200 – यदि गरम मौसम में खुजली के दाने त्वचा से गायब हो जाते हों तथा सर्दी में फिर से उभर आते हों, तो यह औषध लाभ करती है। शीत-प्रधान औषध देने के कारण गर्मियों में इसका रोगी आराम से रहता है ।

पल्सेटिला 30 – इसमें सल्फर की खुजली के सभी लक्षण विद्यमान रहते हैं, अन्तर केवल यही है कि इसका रोगी थोड़ी सी बात को भी अधिक अनुभव करता है तथा सहानुभूति का भूखा होता है ।

रूमेक्स 3, 6 – कपड़े उतारते समय खुजली का अधिक मचना, विशेष कर टाँग के निचले भाग में – इन लक्षणों वाली खुजली के उदभेदों में यह लाभकर है।

Ask A Doctor

किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

पुराने रोग के इलाज के लिए संपर्क करें