वेरीकोसील का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Treatment For Varicocele In Hindi ]

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वेरीकोसील में अंडकोष की नसें बढ़ जाती है। वेरीकोसील वेरिकोज नस के समान है जो अक्सर पैर में होता है।

वेरीकोसील वृषण शिरा और स्पर्मेटिक कॉर्ड के भीतर नसों का फैलाव है। वेरीकोसील बच्चों में एक आम रोग है और 10 साल के युवकों में अधिक देखा जा सकता है। वेरीकोसील 15 साल की उम्र में अधिक होती है। प्राथमिक बांझपन वाले लगभग 40% पुरुषों में वेरीकोसील होता है।

वेरीकोसील कम शुक्राणु उत्पादन और शुक्राणु की गुणवत्ता में कमी का एक सामान्य कारण है, जो बांझपन का कारण बन सकता है। हालांकि, सभी वेरीकोसील शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित नहीं करते हैं। वेरीकोसील भी अंडकोष के सामान्य रूप से विकसित होने या सिकुड़ने का कारण बन सकता है।

अधिकांश वेरीकोसील समय के साथ विकसित होते हैं। अधिकांश वेरीकोसील का इलाज करना आसान होता है और कई को उपचार की आवश्यकता ही नहीं होती है।

हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना ​​है कि वेरीकोसील तब बनता है जब कॉर्ड में नसों के अंदर के वाल्व आपके रक्त को ठीक से बहने से रोकते हैं। इससे अंडकोष को नुकसान हो सकता है और प्रजनन क्षमता खराब हो सकती है।

वैरिकोसेले अक्सर कम उम्र में होते हैं। वेरीकोसील आमतौर पर बाईं ओर होते हैं, सबसे अधिक संभावना बाएं वृषण शिरा की स्थिति के कारण होती है।

वेरीकोसील के लक्षण

वेरीकोसील अक्सर कोई संकेत या लक्षण पैदा नहीं करता है, इसमें दर्द हो सकता है। खड़े होने या शारीरिक परिश्रम के साथ दर्द बढ़ जाता है।

Varicocele ka Homeopathic Ilaj

इस लेख में मैं एक 25 वर्षीय व्यक्ति की कहानी साझा कर रहा हूँ जोकि Varicocele बीमारी से पीड़ित थे। उनके जननांगों के पास मस्से भी थे, जिसमे दर्द होता था।

Varicocele में ग्रेड के अनुसार लक्षण अलग-अलग होते हैं। हल्के मामलों में उपचार की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन गंभीर मामलों में सर्जरी कराने की आवश्यकता हो सकती है।

दुर्भाग्य से, Varicocele मामले में सर्जरी भी बहुत सफल नहीं है। सर्जिकल प्रक्रियाओं में Testicle के धमनी और नसों को नुकसान होने की संभावना अधिक होती है। होम्योपैथी ऐसे मामलों में व्यक्तिगत लक्षण के आधार पर इलाज करती है, जोकि काफी सफल पाए गए हैं।

इस केस में रोगी का 3rd grade Varicocele सामान्य हो गया। बहुत से लोगो को विश्वास नहीं होता कि होमियोपैथी से यह कैसे संभव हो सकता है, परन्तु अगर रोगी का दवा हमने खोज लिया तो निश्चित तौर पर रोग ठीक हो जाता है। यहाँ रेपर्टरी का ज्ञान होना आवश्यक है, क्युकी रोगी का दवा खोज निकलना अपने आपने आप में चुनौती है।

बहुत से होमियोपैथ Varicocele नाम सुनते ही, hamamelis, thuja, calcarea flour, Arnica आदि दवा दे देते हैं, परन्तु याद रखें होमियोपैथी में रोगी का दवा होता है न कि रोग का। रोग कोई भी हो, उसका नाम कुछ भी हमें उससे कोई मतलब नहीं है। हमें बस यह देखना है कि रोगी कैसा है।

हमारा रोगी Varicocele से पीड़ित है। उसे दाएं अंडकोष में हल्का दर्द होता था जो जांघ से दाएं पैर की उंगलियों तक फैलता था। लंबे समय तक खड़े रहने, लंबे समय तक बैठने और मसालेदार या भारी भोजन करने के बाद दर्द बढ़ जाता था। आराम करने और पैर को ऊपर उठाने से दर्द में राहत मिलती थी। उन्होंने मुझे बताया कि लिथोटॉमी की स्थिति में, जिसमे पैर को छाती की तरह मोड़ लिया जाता है, ऐसा करने से दर्द में हमेशा राहत रहती है।

उन्होंने लिंग और अंडकोश पर मौजूद मस्से की भी शिकायत की।

सामान्य तौर पर, रोगी धूप के प्रति संवेदनशील था, जिससे शरीर में खुजली होती थी। वह तंग कपड़ों में सहज महसूस नहीं करता है।

प्यास हल्की और वह रोगी ग्रीष्म प्रकृति का था। उसे मिठाई और केला बहुत पसंद था। मसालेदार भोजन से समस्या बढ़ जाती थी।

नींद सामान्य थी, और कोई विशेष सपना नहीं था।

मल और मूत्र सामान्य था।

मानसिक लक्षण और जीवन इतिहास : वह खुद में reserve रहने वाला व्यक्ति है, लेकिन क्रोध में, वह हिंसक हो जाता है और यहां तक कि हाथ भी उठा देता है। स्वभाव से, वह Introvert है, यहाँ तक कि करीबी दोस्तों के साथ भी अपने मामलों को साझा नहीं करता है। अपने ऑफिस में वह बहुत जिम्मेदार है और अपने काम को कभी अधूरा नहीं छोड़ता है। वह एक धार्मिक व्यक्ति है और भगवान में भरोसा करता है। अपने जीवन में, उसने कई लड़कियों के साथ शारीरिक संबंध बनाया है। एक लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद उसका विश्वास तोड़ने पर उसे अपराध बोध होता है। उसने कहा कि वह अपनी यौन गतिविधियों के कारण कई महीनों तक खुद से घृणा महसूस करता था।

मैंने उनके सभी मामलों विश्लेषण किया और निम्नलिखित रूब्रिक का चयन किया।

  • मन – स्वार्थी और अपने आप में रहने वाला
  • हल्का प्यास
  • मीठा खाने की इच्छा
  • क्रोधी व्यक्ति
  • कामुक मन
  • हर काम में सतर्क
  • जिम्मेदारी को बहुत गंभीरता से लेता है
  • ग्रीष्म प्रकृति का है, और समस्या दायीं तरह है

रिपर्टरी करने पर Lycopodium, इनके सभी मानसिक और शारीरिक लक्षण को कवर करता है।

जब भी ऐसा मामला हो कि व्यक्ति ने कई लोगों से शारीरिक सम्बन्ध बनाये हैं, तो सबसे पहले मैं Syphilinum से शुरुआत करता हूँ। Syphilinum 1m कि 2 बून्द महीने में एक बार। चुकी रोगी Lycopodium का है तो हमने Syphilinum के 1 हफ्ते बाद Lycopodium 200 शक्ति की 2 बून्द हफ्ते में 1 बार लेने की सलाह दी।

15 दिनों के बाद रोगी ने कॉल पर बताया कि जननांग मस्से में थोड़ी राहत है और Varicocele का दर्द भी बेहतर है। दवा लेने के करीब 45 दिनों के बाद मस्से आकार में काफी कम हो गए थे। 3 महीने बाद के उन्होंने बताया कि मस्से लगभग चले गए हैं और Varicocele में दर्द बिल्कुल ख़त्म हो गया है।

मैंने Lycopodium 10M की एक खुराक लेने के बाद उनसे कहा कि अब आप दवा को पूरी तरह से बंद कर दें और एक महीने के बाद अंडकोश की अल्ट्रासोनोग्राफी करवा लीजियेगा और एक महीने बाद रोगी का 3rd grade Varicocele सामान्य हो गया। यहाँ वीडियो बनाने का तात्पर्य सिर्फ इतना है कि अगर दवा का चयन सही है तो रोग अवश्य ठीक हो जाता है।

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किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

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