आइरिस वर्सिकलर – Iris Versicolor

4,890

आइरिस वर्सिकलर के लक्षण तथा मुख्य-रोग

(1) अन्न-नली से लेकर गुदा तक जलन, वमन और पतले दस्त – जीभ, गला, पेट, आंतें, पैंक्रियास इत्यादि में जलन इसका मुख्य-लक्षण है। इस जलन के साथ खट्टे पित्त का वमन होता है। यह वमन इतना खट्टा होता है कि अन्न-नली खुरची-सी जाती है। इस प्रकार की वमन और जलने के साथ पतले दस्त आते हैं। पतले दस्त के साथ मल-द्वार में आग की भांति जलन होती है। पैंक्रियास की बीमारी में आइरिस वर्सिकलर स्मरण रखना चाहिए।

(2) मिचलाहट के साथ सिर दर्द – इसमें अत्यन्त खट्टी कय के साथ आँखों के सामने अंधेरा छा जाता है, सिर-दर्द होने लगता है, खासकर दाहिनी कनपटी में दर्द होता है।

(3) कय में पहले खाया हुआ पदार्थ, फिर खट्टा पानी, और अंत में पीला या हरा पित्त निकलता है – इसके कय का अपना ही रूप है। पहले खाया हुआ पदार्थ, फिर खट्टा पानी, और अंत में पीला या हरा पित्त निकलता है। जो कुछ निकलता है वह ठोस सूतदार होता है, जो मुंह से लेकर नीचे तक एक सूत में बंधा होता है। कय में बार-बार नाभि-प्रदेश से उछाली का धक्का उठता है।

(4) शक्ति या प्रकृति – 1, 3, 6 (औषधि ‘गर्म’ प्रकृति के लिये है)

Ask A Doctor

किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

पुराने रोग के इलाज के लिए संपर्क करें