पीलिया रोग के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

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पीलिया के कारण – यकृत-क्रिया की गड़बड़ी से पित्त अच्छी प्रकार नहीं निकलने पर यह रोग पैदा होता है।

पीलिया के लक्षण – समस्त शरीर पीला हो जाता है। यकृत-प्रदेश में और दाहिने कन्धे में दर्द आदि लक्षण प्रकट होते हैं। रोग पुराना हो जाने पर मल, मूत्र व पसीने में भी पीलापन दृष्टिगोचर होने लगता है। उल्टी होने लगती है।

पीलिया का इलाज घरेलू आयुर्वेदिक/जड़ी-बूटियों द्वारा
( Piliya Ka Gharelu Ilaj )

(1) एक कोरा पान लें। धो-साफकर सिर्फ गीला कत्था लगाकर इस पर चने की दाल बराबर देसी कपूर का टुकड़ा रखें और पान लपेटकर बीड़ा बना लें। इस बीड़े को मुँह में रखकर 20-25 मिनट तक चबाते हुए रस निगलते रहें। इसको चबाने के आधा घण्टे पहले तक और आधा घण्टे बाद तक कुछ भी खाएँ-पिएँ नहीं। खानपान में परहेज रखें। तीन दिन तक यह प्रयोग करें। पीलिया बढ़ नहीं सकेगा और ठीक हो जायेगा।

(2) कच्चे प्याज की चटनी नित्य खाने से लाभ होता है। दही छाछ खाने के साथ खाएँ। अनार का रस, मौसमी का रस, अंगूर आदि के सेवन से पीलिया में लाभ होता है। पीलिया में दही चावल ही अधिकतर खाना उत्तम हैं।

(3) पीलिया के रोगियों को तरबूज का सेवन करना बहुत लाभकारी रहता है, क्योंकि यह खून को बढाता है व खून को साफ करता है, इसके साथ ही त्वचा रोगों में भी यह फायदेमंद है।

(4) अनार का रस 6-7 तोले और जरिश्क 6 माशे मिलाकर दोनों समय पिलाने से कामला रोगी को लाभ पहुँचता है।

(5) सफेद या लाल फिटकरी तवे पर सेंक कर फुला लें। जब फूलकर बताशे जैसी हो जाये तब उतारकर पीस लें। 1 गिलास छाछ में आधा चम्मच ( 3-4 ग्राम के लगभग) मात्रा में पिसी फिटकरी डाल कर घोल लें और रोगी को सुबह 8 बजे पिला दें। यह उत्तम गुणकारी उपाय है। दो या तीन दिन प्रयोग करना काफी रहेगा।

(6) पीलिया होने पर दो पके हुए केलों में एक चम्मच शहद मिलाकर अच्छी तरह से फेंट लें व सुबह-शाम सेवन करें। हफ्ते भर में ही लाभ प्रतीत होने लगेगा।

(7) टमाटर का एक गिलास रस नित्य पीने से पीलिया ठीक हो जाता है।

(8) फूलगोभी का रस पीलिया में लाभप्रद है।

(9) एक बताशा लीजिये, उस पर कच्चे पपीते का रस 10 बूँद डालिए। 10-15 दिन खाने से पीलिया दूर होगा।

(10) पीलिया रोग में नीम की पत्तियों का रस दो चम्मच की मात्रा में लेकर उसमें उसी अनुपात में शहद मिलाकर प्रात:काल सेवन करें।

(11) जौ के सत्तू खाकर ऊपर से 200 से 500 ग्राम तक गन्ने का रस पीजिए। पाँच दिन में पाण्डु रोग दूर होगा।

(12) नीम के पतों के रस में सोंठ व शहद मिलाकर लेने से भी पीलिया में लाभ होता है।

(13) बादाम 8 नग, बड़ी इलायची 5 नग व छुहारा 2 नग लेकर रात्रि को मिट्टी के बर्तन में भिगो दें। सुबह बादाम व इलायची के छिलके तथा छुहारे की गुठली निकालकर अच्छी तरह पीसकर 70 ग्राम मिश्री व 50 ग्राम मक्खन मिलाकर रोगी को दें तो 3-4 दिन में ही पीलिया रोग में आशानुकूल लाभ मिलता है। अनुभूत है।

(14) मट्ठे में हल्दी चूर्ण मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से पीलिया में लाभ होता है।

(15) सोंठ का चूर्ण गुड़ के साथ खाने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है।

(16) 5 ग्राम हल्दी के महीन चूर्ण को मट्ठे में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें और भोजन में दही भात या मट्ठा-भात लेते रहें तो चार-पाँच दिन में ही पीलिया रोग ठीक हो जायेगा।

(17) सूखे आँवलों को गुड़ के साथ कुछ दिन तक सेवन करने से पीलिया रोग से निजात मिल जाती है।

(18) ताजे करेले को पानी में पीस कर फिर छान लें। इस पानी को सुबह-सुबह पीने से पीलिया दूर हो जाता हैं।

(19) मूली के पत्तों का रस पीने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है तथा पत्थरी भी निकल जाती है।

(20) खाने के चूने की गोली चने बराबर बनाएँ। इस गोली को एक केले के टुकड़े में सुबह निर्णय-काल खाली पेट खाने से पीलिया शीघ्र ठीक हो जाता है। यह प्रयोग तीन दिन तक करना चाहिये।

(21) एक ग्राम पीपल की छाल की राख खाकर एक या दो गिलास छाछ पियें। इससे सारा पीलापन निकल जाएगा।

(22) रोज बेल के 15 पत्ते पानी के साथ पीसकर एक सप्ताह तक पीने से पीलिया दूर हो जाता है।

(23) दस ग्राम पिसी हुई हल्दी पचास या सौ ग्राम दही में मिलाकर पीने से पीलिया कुछ ही दिनों में दूर हो जाता है।

(24) गन्ना चूसने या गन्ने का रस पीने से पीलिया खत्म होता है।

(25) गाय के दूध की ताजा छाछ या 10 तोले मट्ठे में आधा तोला हल्दी मिलाकर सुबह-शाम पीने से पीलिया खत्म होता है।

(26) दस ग्राम सोंठ के चूर्ण में गुड़ मिलाकर सुबह-शाम दो बार गुनगुने पानी के साथ एक हफ्ते तक लें।

(27) पीपल और लसौढ़े के सात-सात या ग्यारह-ग्यारह पत्ते घोट-पीसकर नमक मिलाकर खाली पेट ग्यारह दिन तक पियें।

(28) पीपल की छाल का नर्म गूदा पचास ग्राम जौकुट करके 250 मि.ली. पानी में किसी कुल्हड़ में भिगो दें। सुबह पानी निथार कर पियें।

(29) कड़वी तुरई पानी में पीसकर नाक में बिल्कुल थोड़ी फूंकें, यह शर्तिया इलाज है।

(30) 50 ग्राम मूली के पत्तों का अर्क निचोड़कर 10 ग्राम मिश्री में मिला लें और बासी मुंह पियें, यह पीलिया के लिए रामबाण औषधि है। इससे एक सप्ताह के अन्दर पीलिया रोग दूर हो जाता है किन्तु दो मास तक हल्दी तथा दूध का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

(31) खट्टे अनार का रस आंखों में लगाने से तीन दिन के अन्दर पीलिया रोग दूर हो जाता है।

(32) कड़वा तेल आंखों में लगाने से एक सप्ताह के अन्दर आखों का पीलिया दूर हो जाता है।

(33) जहाँ तक हो सके कच्चे पपीते की बिना मिर्च-मसाला की सब्जी तथा पका हुआ पपीता खाएं. इससे पीलिया रोग में अवश्य लाभ होगा।

(34) एक बताशा लीजिए उस पर कच्चे पपीते का रस 10 बूंद डालिये 10-15 दिन के सेवन से रोग से छुटकारा मिलेगा।

(35) आंवले के आकार के आधा किलो प्याज को चौकोर चीरा देकर सिरके में डाल दीजिए, ऊपर से जरा सा नमक और काली मिर्च डाल दीजिए। प्रतिदिन प्रातः व सायं एक-एक प्याज निकालकर खाएं पीलिया दूर होगा।

(36) दिन में तीन बार 1-1 चम्मच शहद एक गिलास पानी में घोलकर जिसे पीलिया हआ है पिलायें लाभ होगा।

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