लेसिथिन [ Lecithin Homeopathy Uses, Benefits & Side Effects In Hindi ]

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[ यह दवा अण्डे के पीले अंश ( yolk of egg ) से तैयार होती है ] – इसके द्वारा रक्त की पोषण-क्रिया बढ़ जाती है, और बहुत दिनों तक कोई बीमारी भोगते रहने से रक्तहीनता हो गई हो तो उसमे इससे विशेष फायदा होता है।

सम्भवतः बहुत से यह जानते होंगे कि एनीमिया की प्रधान दवा लोहा ( iron ) है और अण्डा का पीला अंश भी लोहा है ( सफेद अंश एल्ब्यूमेन है ), लिहाजा अगर किसी को रक्तहीनता की बीमारी हो जाए और वह दवा सेवन करने के साथ-साथ अगर मुर्गी का अण्डा नित्य उपयोग करे तो शीघ्र ही उसके स्वास्थ्य में सुधार आ जाता है। केवल अंडे से भी फायदा होता है।

अन्य मतों से अण्डा बनाने की पद्धति :-

एक या दो मुर्गी के अण्डे का पीला अंश लेकर उसमे 2-4 ड्राम चीनी अच्छी तरह मिलावें और उसे एक काँच के गिलास के भीतर रखकर उसमे 2-1 ड्राम ब्राण्डी या 4 ड्राम पोर्ट-वाइन मिलाकर उस गिलास में 1 पाव से लेकर आधा सेर तक गुनगुना दूध डालकर अच्छी तरह हिलाने से अण्डा तैयार हो जाता है। यह नित्य सवेरे एक बार सेवन करने से ही काफी फायदा होता है।

लेसिथिन – उक्त एनीमिया रोग के सिवा स्वास्थ्य ख़राब होना अर्थात तंदरुस्ती बिगड़ना, मांस-पेशी का क्षय, पेशाब में शुगर, पेशाब में एल्ब्यूमेन और फॉस्फेट जाना ( खासकर फॉस्फेट का परिमाण अधिक रहना ) इत्यादि लक्षणो में भी लेसिथिन लाभदायक है।

ध्वजभंग तथा मानसिक और शारीरिक दुर्बलता की भी यह बढ़िया दवा है।

सदृश – फेरम।

क्रम – Q से 30 शक्ति।

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