Leucorrhoea ( ल्यूकोरिया ) Ka Homeopathic Treatment In Hindi

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इसे दूसरे शब्दों में White Discharge या Leucorrhoea भी कहा जाता है। Veginal discharge कोई समस्या नहीं है यदि यह मासिक धर्म के शुरुआती दिनों में, Pregnancy के दौरान, या जब महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं तब हो तो। यह तब तक कोई समस्या नहीं है जब तक यह सफेद हल्का चिपचिपा द्रव्य के रूप में निकलता है, लेकिन जैसे ही यह द्रव्य बहुत चिपचिपा होने लगे और साथ ही महिला की योनि में खुजली (Itching) भी होने लगे तो यह आम बात नहीं रह जाती, इस veginal abnormal discharge को Leucorrhoea कहते हैं।

Leucorrhoea होने के प्रमुख कारण

Leucorrhoea की समस्या आमतौर पर महिलाओं को होती ही रहती है और इसके कई कारण देखे गए हैं जैसे :-

आनुवंशिक कारण :- यदि आपकी मम्मी को यह समस्या हो चुकी है तो आपको भी ये समस्या हो सकती है।

Hormonal imbalances :- महिला के शरीर में Estrogens और Progestins का level असमान्य रहने पर भी ये समस्या हो जाती है।

Infection (संक्रमण) :- कीटाणु और जीवाणु के Veginal Infection के कारण भी Leucorrhoea की समस्या हो जाती है जिसके कारण खुजली भी बहुत ज्यादा होती है।

डिलीवरी इंजरी (Delivery injury) :- डिलीवरी के दौरान अगर कोई इंजरी हो जाती है तो भी Leucorrhoea की समस्या हो जाती है, और भी कई कारण है जिससे Leucorrhoea की समस्या हो जाती है। अगर महिलाएं अपने गुप्तांगों की साफ-सफाई नहीं रखती हैं, गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक सेवन करती हैं और बच्चेदानी में सूजन हो गया है तो भी Leucorrhoea की समस्या से जूझना पड़ता है। कैल्शियम व विटामिन की कमी के कारण भी Leucorrhoea होता है।

Leucorrhoea के लक्षण

कैसे पहचाने की आपको Leucorrhoea की समस्या हो गई है? इसके लक्षण बहुत ही आम है और आप आसानी से इसे पहचान सकते हैं।

  • Veginal discharge सामान्य न होना, कभी मासिक धर्म से पहले कभी बाद में discharge होना।
  • Vegina में खुजली, दुर्गन्ध, बहुत चिपचिपापन होना।
  • Discharge का रंग हल्का पीला या क्रीमी होना।
  • मानसिक व शारीरिक दोनों स्तरों पर चिड़चिड़ापन रहना।
  • Leucorrhoea की समस्या में कमर दर्द, पैरों में दर्द, थकान बहुत आम बात है।

Leucorrhoea की समस्या के लिए होम्योपैथी में कुछ दवाइयां है जो इसके उपचार में सहायक है : –

Lilium tigr. Pentarkan (pkt 57) :- इसके अंदर 5 होम्योपैथी दवाइयां मिली हुई हैं जो निम्न है:- Lilium tigrinum, Hydrastis canadensis, Kreosotum, Pulsatilla nigricans, Sepia, Excipients Q.S.Alcohol, ये सभी Leucorrhoea के इलाज के लिए बहुत कारगर है।

दवा लेने की विधि :- एक-चौथाई कप पानी में 10 से 15 बून्द Lilium tigr. Pentarkan (pkt 57) डालकर दिन में तीन बार इसका सेवन करना है। एक से दो महीने में Leucorrhoea की समस्या पूरी तरह ठीक हो जाएगी।

मेडोराइनम (Medorrhinum) 1000 CH :- बार-बार जिन्हें Leucorrhoea की समस्या होती है उनके लिए ये दवाई सबसे कारगर है, ये दवाई कमर-दर्द में भी असर करती है। आपको Lilium tigr. Pentarkan के साथ इसका सेवन करना है जल्द और अच्छे result के लिए।

दवा लेने की विधि :- रोज सुबह इसकी 2 बून्द का सेवन करना है, लगातार एक महीने तक।

इन दोनों दवाइयों के इस्तेमाल से Leucorrhoea के सभी लक्षणों से राहत मिलती है और होम्योपैथी दवाई होने के कारण इसके side-effect भी नहीं होते।

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