पैसीफ्लोरा इन्कार्नैटा [ Passiflora Incarnata Homeopathy In Hindi ]

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[ हमारे देश में पैदा होने वाले झुम का फूल के वृक्ष के पत्तों से मूल-अर्क तैयार होता है, इस फूल को अंग्रेजी में ‘passion’ कहते हैं ] – इसकी प्रधान क्रिया नर्व-सेंटर यानी स्नायु-केंद्र पर होती है ; और चूँकि यह एक आक्षेप नाशक दवा है, लिहाजा मूर्च्छावायु ( हिस्टीरिया ) का आक्षेप, प्रसव के बाद का आक्षेप ( puerperal convulsion ), धनुष्टंकार का आक्षेप, बच्चों के दाँत निकलने के समय की बीमारी और आक्षेप आदि कई आक्षेपयुक्त बीमारियों में तथा कृमि-जनित ज्वर, टंकार और बच्चों के हैजा में उद्वेग, बेचैनी, ऐंठन आदि में इससे बहुत फायदा होता है।

दमा के कष्टदायक आक्षेप में – ‘पैसिफ्लोरा’ Q की 10-15 से 30 बून्द तक 10-15 मिनट के अंतर से कई मात्राएं प्रयोग करने से बहुत थोड़े समय में आक्षेप का खिंचाव और तकलीफ घट जाती है। बच्चों और वृद्धों के अनिद्रा रोग की भी – यह एक बढ़िया दवा है। पेट फूलना, खट्टी डकार आना, जबरदस्त सिर-दर्द के साथ आँखों में दर्द इत्यादि पीड़ाओं में भी यह फायदा करती है।

[ अनिद्रा रोग में Q पोटेंसी की 20-25 बून्द की मात्रा 2-1 बार देनी चाहिए। ]

कुकुर-खाँसी में, अफीम खाने की आदत को छुड़ाने के लिए, शराबी की बकवास करने की आदत को छुड़ाने के लिए भी पैसिफ्लोरा का इस्तेमाल किया जाता है। पैसिफ्लोरा का रोगी प्रायः दुर्बल और दुबला-पतला रहता है।

क्रम – Q की 5-10 बून्द से लेकर 1 ड्राम तक कभी-कभी जरुरत पड़ती है। शक्तिकृत दवा का भी प्रयोग होता है।

नोट – पैसिफ्लोरा एक प्लांट किंगडम की मेडिसिन है और इसका कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं है।

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