रस एरोमेटिका [ Rhus Aromatica Homeopathy In Hindi ]

1,242

[ एक तरह के गाछ की सोर से यह दवा तैयार होती है ] – यह बहुमूत्र की बीमारी में फायदे के लिए प्रसिद्ध है। यदि उस बीमारी के साथ योनि में बहुत अधिक खुजली ( pruritus of vulva ) का उपसर्ग भी शामिल रहे तो सबसे पहले इसका ही प्रयोग करना चाहिये। मूत्राशय की निष्क्रियता के कारण अनजाने में पेशाब होना भी इसका लक्षण है ।

पेशाब – फीके रंग का, अण्डलाल मिला, रोगी पेशाब का वेग रोक नही सकता, लगातार बूँद-बूँद कर पेशाब हुआ करता है।

बहुमूत्र की बीमारी – तेज प्यास, बहुत बार और परिमाण दोनो में ही पेशाब अधिक होता है, पर उसका आपेक्षिक गुरुत्व कम रहता है। बच्चों को पेशाब होने के पहले और करते समय भयानक दर्द होता है, इसी वजह से बच्चा रोता है।

बालक-बालिका या अवस्था-प्राप्त मनुष्यो को अगर सोये-सोये अनजाने में बिछावन में पेशाब हो जाय, बिछावन भींग जाय.- उसे कुछ भी मालूम-न हो, नींद में भी किसी तरह् की बाधा न पड़े, शांति से सोता रहे, तो उसमें भी रस एरोमेटिक फायदा करती है।

चियोनैन्थस ग्लैबरा – पेशाब का गाढ़ा और लाल, पेशाब का आपेक्षिक गुरुत्व खूब अधिक, हमेशा ही पेशाब करने की इच्छा, पेशाब में – पित्त और चीनी रहती है, पेशाब का रंग काला रहता है। मुँह में लार रहने पर भी मुँह बहुत सूखा रहता है, पानी पीने पर भी यह सूखापन दुर नहीं होता, इसमें यकृत बढ़ा और पित्त के दौरान की राह बन्द हो जाती है।

क्रम – Q, 2x (मात्रा 10 बून्द आधे कप पानी में दिन में 3 बार लें। )

Ask A Doctor

किसी भी रोग को ठीक करने के लिए आप हमारे सुयोग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर का consultancy fee 200 रूपए है। Fee के भुगतान करने के बाद आपसे रोग और उसके लक्षण के बारे में पुछा जायेगा और उसके आधार पर आपको दवा का नाम और दवा लेने की विधि बताई जाएगी। पेमेंट आप Paytm या डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसके लिए आप इस व्हाट्सएप्प नंबर पे सम्पर्क करें - +919006242658 सम्पूर्ण जानकारी के लिए लिंक पे क्लिक करें।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

पुराने रोग के इलाज के लिए संपर्क करें