रस ग्लाब्रा [ Rhus Glabra Homeopathy In Hindi ]

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[ ताजी छाल से टिंचर तैयार होता है ] – नाक से रक्तस्राव, माथे के पिछले भाग में दर्द, बदबूदार वायु निकलना, मुंह में घाव, दूध पीने वाले बच्चों के मुंह में घाव (scurvy ), बहुत कमजोरी और बहुत अधिक पसीना प्रभृति के लिए इसका उपयोग होता है। निकले हुए वायु और मल से बहुत ही सड़ी बदबू रहने पर इससे यह बदबू दूर हो जाती है। जख्म का सड़ना बन्द करने की भी यह एक बेजोड़ दवा है।

रस ग्लाब्रा – पारद की प्रतिविष-दवा ( antidote ) है। गर्मी की बीमारी में पारा का अपव्यवहार होने पर इसके द्वारा इलाज से बहुत फायदा होता है। मसूढ़ा, होंठ, मुंह वगैरह का जख्म नरम रखने के लिए इसका Q ग्लिसरीन के साथ लगाया जाता है।

क्रम – निम्न शक्ति।

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