Homeopathic Medicine For Gastric Problem
Gastric problem arises due to stomach and intestinal irritation, stimulating foods, steroids free chronic drugs, alcohol and stress etc.
Allopathy : Ranitidine or drugs made of…
dysentery treatment in hindi – पेचिस का इलाज
एक बार शरीर में पहुंच जाने के बाद शिजैला डिसेन्ट्री वहां हाइड्रोक्लोरिक एसिड के प्रभाव से बचा रहता है, छोटी आंत को पार कर अंत में बड़ी आंत में पहुंचकर बस जाता है। कोलन (बड़ी आंत) के…
haiza disease in hindi – हैजा के कारण, लक्षण और उपचार
हैजे का संक्रमण वाइब्रियो कालरी और एल्टोर वाइब्रियो नामक जीवाणु द्वारा होता है। मुख्यतया यह रोग दूषित जल की वजह से होता है।हैजा के कारण
पानी के स्रोत का दूषित होना जैसे कि…
alsar ka upchar in hindi – अल्सर के उपाय
कैसे होता है पेप्टिक अल्सर
पेटिक अल्सर होने का मुख्य कारण ज्यादा मिर्च-मसाले वाला भोजन ज्यादा समय तक लेना, अत्यधिक चाय, कॉफी, शराब व सिगरेट पीना, खाना समय से न खाना, ज्यादा समय तक…
pet ki bimari ka ilaj – पेट के रोग और इलाज
उदर-विकार समय पर खाना न खाना, अधिक तली चीज़ें खाना, अत्यधिक खाना खाना अथवा भूखा रहना, मिर्च-मसालों का अधिक प्रयोग आदि उदर- विकारों को उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त हैं। प्रमुख…
teeth sensitivity cure in hindi – दांत अतिसंवेदनशील तो नहीं
'दांत खट्टे कर देना' यूं तो एक मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है किसी को पराजित कर देना या हरा देना, मगर दांतों का खट्टा एवं सनसनी रहना एक बीमारी भी है। वैसे तो कोई भी खट्टी वस्तु…
dant dard ke upay in hindi – दांत दर्द का इलाज
एक पुरानी कहावत है -‘स्वस्थ दांत तो स्वस्थ आंत' स्वास्थ्य, सौंदर्य एवं संबंधों के माधुर्य के लिए स्वस्थ, सुन्दर, चमकते दांत जरूरी है।
पांच वर्ष की उम्र तक 85 प्रतिशत बच्चों के…
ENT treatment in homeopathy – कान, नाक, गला का इलाज
बहरापन : वैसे तो इसके कई कारण हैं पर मुख्यतया-बाह्य श्रवणनलिका में मैल, कुछ अंग्रेजी दवाओं के अत्यधिक सेवन के परिणामस्वरूप श्रवण तंत्र में नाड़ी तंतुओं की गड़बड़ी के कारण सुनाई न…
sinusitis in hindi – साइनोसाइटिस का इलाज
साइनस हमारे शरीर में स्थित अस्थिमय गुहाएं होती हैं जो नासिका में खुलती हैं। इन गुहाओं पर म्यूकस की पर्त चढ़ी होती है। इस म्यूकस की पर्त में सूजन आने का ही परिणाम होता है…
tonsil ka ilaj in hindi – टॉन्सिल का इलाज
स्ट्रप्टो कोकस हीमोलिटिकस नामक जीवाणु टॉन्सिल के लिए जिम्मेदार है। यह रोग चौदह वर्ष तक के बालक-बालिकाओं को अधिक होता है। एक बार टॉन्सिल की बीमारी हो जाने के उपरांत रोग बार-बार हो…