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Mouth & Throat Diseases
Goitre Treatment Homeopathy – घेंघा का इलाज़
यह रोग भोजन में आयोडीन की कमी के कारण होता है । इस रोग में गले की गाँठ (थायरॉइड ग्रंथि) धीरे-धीरे बढ़ने लगती है और बहुत बढ़ जाती है । यह गाँठ कठोर होती है। इस रोग में आवाज बैठ…
Scrofula Treatment In Homeopathy
शरीर के खून में दोष आ जाने, सीलनयुक्त स्थान पर रहने, पौष्टिक भोजन न मिल पाने, शुद्ध हवा न मिल पाने के कारण यह रोग होता है। इसमें गला, गर्दन, कॉख या जाँघ के पुट्ठे में बड़ी-बड़ी…
Tonsillitis Treatment In Homeopathy
तालूमूल-ग्रन्थि के प्रदाह को टॉन्सिल या टॉन्सिल होना कहते हैं । यह रोग मूल रूप से सर्दी लगने, वर्षा-पानी में भीगने, ठण्डे पदार्थ ज्यादा खाने आदि के कारण होता हैं ।
(A) गले के…
Diphtheria Treatment In Homeopathy
गले की श्लैष्मिक झिल्ली में एक प्रकार का धुमैला या उजला जैसा पर्दा पड़ जाता है और इसकी वजह से रोगी की साँस रुकने लगती है । रोग की साधारण अवस्था में गले में दर्द, खाने-पीने में…
Laryngitis Treatment In Homeopathy
गले में जो स्वरयंत्र होता है, उसमें या उसके निकटस्थ श्लैष्मिक आवरण में प्रदाह उत्पन्न हो जाने को ही स्वर-यंत्र-प्रदाह कहा जाता है । यह रोग फ्लू, चेचक आदि कारणों से हो जाता है ।…
Hoarseness Treatment In Homeopathy
बहुत जोर से गाना, रोना-चिल्लाना, सर्दी लगना, ज्यादा ठंडे पदार्थ खा लेना आदि कारणों से स्वर-भंग हो जाता है। इसमें रोगी की आवाज धीमी पड़ जाती है । इसे गला बैठ जाना भी कहते हैं ।…
Sore Throat Treatment Homeopathy
ठण्ड लगने, गरम-ठण्डे पदार्थ एक साथ खाने, टॉन्सिल हो जाने, मौसम बदलने, अधिक बोलने आदि कारणों से गले में सूजन तथा खराश-सी आ जाती है । इससे गले में लाली, गला सूखा हुआ, दर्द, निगलने…
Pain In Throat Homeopathy
एकोनाइट 30 - आकस्मिक रूप से सूखी ठंड लगने के कारण गले में दर्द हो, बेचैनी हो, तीव्र ज्वर भी हो तो लाभप्रद है ।
बेलाडोना 30- गले में दर्द जो कि सुई गड़ने जैसा हो, जलन, लाली, निगलने…
Glossitis Treatment In Homeopathy
किसी भी कारण से जीभ पर होने वाली जलन और सूजन को जीभ का प्रदाह कहा जाता है ।
मर्क वाइवस 6x - किसी भी तरह के जीभ का प्रदाह होने पर इसका प्रयोग लाभकर सिद्ध होता है ।
मर्क बिन आयोड…
Stomatitis Treatment In Homeopathy
मुँह में छाले मुख्य रूप से कब्ज और रक्त-विकार के कारण होते हैं। इसके अलावा तली-भुनी चीजें ज्यादा खाने, गरम प्रकृति के पदार्थ अधिक खाने, मुँह की भली-भाँति सफाई न करने, शरीर में…