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उल्टी का घरेलू इलाज – Ulti ka gharelu ilaj

उल्टी (वमन) अजीर्ण रोग का एक लक्षण है। जब पेट में वायु भर जाती है तो उबकाई के रूप में प्रकट होती है। उल्टी में दुर्गध, रोगी को बेचैनी, मुंह का स्वाद कड़वा, छाती में भारीपन, पेट में…

दस्त का घरेलू इलाज – दस्त रोकने के उपाय

मल-त्याग के समय आंतों में दर्द, टीस एवं ऐंठन होने की स्थिति पेचिश रोग की द्योतक है। यह रोग मक्खियों से फैलता है। इसमें शुरू में नाभि के पास तथा अंतड़ियों में दर्द होता है। इसके बाद…

कब्ज का रामबाण इलाज – कब्ज का घरेलू इलाज

आंतों में शुष्कता बढ़ने के कारण वायु मल को नीचे की तरफ सरकाने में असमर्थ हो जाता है। यही स्थिति कब्ज कहलाती है। इस रोग में अरुचि, पेट में भारीपन, सुस्ती, बेचैनी, बदन दर्द, अफरा,…

Dalchini Ke Fayde – दालचीनी के फायदे

परिचय : 1. इसे त्वक (संस्कृत), दालचीनी (हिन्दी), दारुचीनी (बंगला), तज (मराठी), तज (गुजराती), कारुया (तमिल), सानलिफु (तेलुगु), दारसीनी (अरबी) तथा सिन्नेमोमम् जिलेनिकम् (लैटिन) कहते…

भटकटैया के उपयोग से हैं फायदे अनेक

परिचय : 1. भटकटैया दो प्रकार की होती हैं : (1) क्षुद्र यानी छोटी भटकटैया और (2) बृहती यानी बड़ी भटकटैया। दोनों के परिचय, गुणादि निम्नलिखित हैं : छोटी भटकटैया : 1. इसे कण्टकारी…

नींद के लिए सर्पगंधा का उपयोग

परिचय : 1. इसे सर्पगन्धा (संस्कृत), धवल, बरुआ, चाँद-बरुवा (हिन्दी), चाँदर (बंगला), अडकई (मराठी), अमेलपोदी (गुजराती), चिवनमेलपोडी (तमिल), पाटलागन्धि. (तेलुगु) तथा रावोल्फिया…

सहजन खाने के फायदे अनेक – सहजन के गुण

परिचय : 1. इसे शियु या शोभांजन (संस्कृत), सहजन या मुनगा (हिन्दी), शजिना (बंगला), शेवगा (मराठी), सरगवो (गुजराती), मरूंगई (तमिल), मुनगा (तेलुगु) तथा मांरिगां टेरिगोस्पर्मा (लैटिन)…

मानसिक रोग में शंखपुष्पी के फायदे

परिचय : 1. इसे शंखपुष्पी (संस्कृत), शंखाहुली (हिन्दी), डानकुणी (बंगला), साखरवेल (मराठी), शंखावली (गुजराती), शंखपुष्पी (तेलुगु) तथा कन्वाल्वुलस प्लुरिकांलिस (लैटिन) कहते हैं। 2.…

दिमाग को तेज करने में मालकांगनी के फायदे

परिचय : 1. इसे ज्योतिष्मती (संस्कृत), मालकांगनी (हिन्दी), मालकागोणी (मराठी), मालकांगणी (गुजराती), बालुलवे (तमिल), तैलान (अरबी) तथा सिलेक्ट्रस पैनिक्यूलेटा (लैटिन) कहते हैं। 2.…

बालों के लिए भृंगराज के फायदे

परिचय : 1. इसे भृंगराज (संस्कृत), भांगरा (हिन्दी), भीमराज (बंगाली), माका (मराठी), भांगरो (गुजराती), काइकेशी (तमिल), गलगरा (तेलुगु), कदीमुलविंत (अरबी) तथा बैडिलिया कैलेण्डुलेसिया…
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