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Homeopathic Drug

फेरम फास्फोरिकम – Ferrum Phosphoricum Benefits In Hindi

लक्षण तथा मुख्य-रोग लक्षणों में कमीशुस्लर के बायोकैमिस्ट्री के सिद्धांत के अनुसार जुकाम, सूजन, ज्वर, दस्त आदि की प्रथमावस्था में प्रयोग धीरे-धीरे हरकत से…

मैग्नम – Manganum Aceticum Homeopathic

मैग्नम के लक्षण तथा मुख्य-रोग ( Manganum Aceticum uses in hindi ) (1) रक्तशून्य, पीले चेहरे की क्षय-रोगिणी-जैसी लड़कियां - मुख्य तौर से यह औषधि उन लड़कियों के लिये लाभप्रद है जो…

क्लेमैटिस इरेक्टा – Clematis Erecta In Hindi

(1) प्रमेह (सुजाक ) की उत्कृष्ट-औषधि - सोरा-धातु के रोगी की यह दवा है। इसका काम 'तन्तुओं' में प्रविष्ट होकर उनका शोथ का देना है, इसलिये यह औषधि प्रमेह (गोनोरिया) के उन रोगियों के…

सेनेगा – Senega

सेनेगा का होम्योपैथिक उपयोग ( Senega Homeopathic Medicine In Hindi ) (1) इसका मुख्य प्रभाव ‘स्वर-यंत्र' (Larynx), 'श्वास-नली' (Trachea) तथा 'वायु-नली' (Bronchi) पर है, इनके शोथ…

एलूमेन (Alumen) का गुण, लक्षण

व्यापक-लक्षण तथा मुख्य-रोग प्रकृति (1) मलद्वार में लकवे-की-सी कमजोरी (2) मूत्राशय में पक्षाघात की-सी कमजोरी (3) शोथग्रस्त त्वचा, जिह्मा, गुह्य-द्वार, जरायु या फोड़े का कड़ा पड़…

कैल्केरिया सल्फ्यूरिक ( Calcarea Sulphurica ) होम्योपैथिक दवा

व्यापक-लक्षण तथा मुख्य-रोग प्रकृति लक्षणों में कमीशरीर में कहीं भी पस बन जाना ठंडे पानी में स्नान से कमीजहां कैलकेरिया और सल्फर दोनों के लक्षण मिलते…

सिप्रिपीडियम – Cypripedium Homeopathy In Hindi

(1) अनिद्रा - अनिद्रा-रोग के संबंध में तीन औषधियों को ध्यान में रखना चाहिये - वे हैं, सिप्रिपीडियम, स्कुटेलेरिया तथा कॉफिया। इन तीनों के लक्षण निम्न हैं।(i) सिप्रिपीडियम -…

फाइटोलैक्का – Phytolacca

फाइटोलैक्का का होम्योपैथिक उपयोग ( Phytolacca Homeopathic Medicine In Hindi ) (1) ग्लैंडस की दवा - स्तनों का अथवा टांसिलों का पक जाना - इस औषधि का ग्लैंड्स पर विशेष प्रभाव है।…

Symphytum Homeopathic Medicine – सिमफाइटम

Symphytum का व्यापक-लक्षण तथा मुख्य-रोग (1) टूटी हुई हड्डी को जोड़ने में सहायक - होम्योपैथी में टूटी हुई हड्डयों को जोड़ने तथा हड्डयों के ऊपर आवरण (अस्थि-परिवेष्टन-Periosteum) पर…

आर्सेनिकम हाइड्रोजेनिसेटम [ Arsenicum Hydrogenisatum Homeopathy In Hindi ]

इस दवा में शरीर ठण्डा, हिमांग, उद्वेग, बेचैनी, सुस्ती, कमजोरी इत्यादि बहुत से आर्सेनिक के लक्षण पाये जाते हैं ; किन्तु सम्भवतः निम्नलिखित दो बीमारियों में इससे ज्यादा लाभ होता है।…
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