Syphilis Treatment In Homeopathy – उपदंश

इस रोग में रोगी के लिंग पर फुसी हो जाती है जो धीरे-धीरे बढ़कर घाव का रूप ले लेती है । इस घाव में से मवाद आती है, खुजली मचती है और जलन होती है । यह घाव ठीक नहीं हो पाता, जिससे लिंग…

Orchitis Treatment In Homeopathy – अंडकोष प्रदाह

चोट लग जाने, सूजाक आदि के कारण अण्डकोष की थैली की त्वचा फूल जाती है और उनमें दर्द, जलन, सूजन आदि लक्षण रहते हैं । इसी स्थिति को अण्डकोष-प्रदाह कहते हैं । यहाँ पर हाइड्रोसिल का भ्रम…

Hydrocele Treatment In Homeopathy – अंडकोष वृद्धि

 कभी-कभी एक या दोनों अण्डकोषों में पानी उतर आता है जिससे वे फूल जाते हैं और आकार में भी बड़े हो जाते हैं । उनमें लाली, सूजन, जलन आदि लक्षण भी प्रकटते हैं । इसी स्थिति को हाइड्रॉसिल…

Eretomania Treatment In Homeopathy

सदैव भोग के विषय में ही सोचते रहने को कामोन्माद कहा जाता है। इस रोग के लगातार बने रहने पर व्यक्ति कामुक, बेशर्म, मानसिक रूप से विकृत, चिड़चिड़ा, क्रोधी और शारीरिक श्रम से जी चुराने…

Urinary Calculus Treatment In Homeopathy – मूत्र पथरी

परिपोषण-क्रिया की गड़बड़ी के कारण मूत्र-ग्रन्थि में एक प्रकार का पत्थरसा बनने लगता है जिसे पथरी कहा जाता है । जब यह मूत्र-नली में पहुँच जाती है तो यहाँ फैसकर असह्य दर्द उत्पन्न…

Cystitis Treatment In Homeopathy – मूत्राशय प्रदाह

मूत्राशय में चोट लगने, मूत्र-नली सिकुड़ जाने, सूजाक आदि कारणों से मूत्राशय में प्रदाह उत्पन्न हो जाता है । इस रोग में मूत्राशय में सूजन, दर्द, अकड़न, भार-सा अनुभव होना, मूत्र-त्याग…

Enuresis Treatment In Homeopathy – मूत्र स्वयं निकल आना

यों तो मूत्र स्वयं निकल जाने की बीमारी केवल छोटी आयु के ही बच्चों में ही होती है लेकिन कुछ कारणों से बड़ी आयु के पुरुषों और वृद्धों में भी हो सकती हैं । बेलाडोना 30- संकोचक पेशी…

Haematuria Treatment In Homeopathy – मूत्र में रक्त आना

टेरिबिन्थिना 6- मूत्र में रक्त आने की उत्तम दवा है । मूत्र बूंद-बूंद करके आये, मूत्र की मात्रा कम और रक्त की मात्रा अधिक हो तब लाभप्रद है। बेलाडोना 30- मूत्र में रक्त आने पर उत्तम…

Albuminuria Treatment In Homeopathy

इस रोग में रोगी के मूत्र में एल्बुमेन आने लगता है । इस प्रकार की स्थिति अधिक समय तक बने रहने से शरीर का आंतरिक रूप से क्षय होने लगता है । मर्ककॉर 6, 30- मूत्र में एल्बुमेन आने पर…

Dysuria Treatment In Homeopathy

इस रोग में रोगी को मूत्र रुक-रुककर, बूंद-बूंद के रूप में बहुत ही कष्ट के साथ होता है। चूंकि मूत्र एक बार में ही खुलकर नहीं होता। अतः उसे बार-बार मूत्र-त्याग हेतु जाना पड़ता है ।…
पुराने रोग के इलाज के लिए संपर्क करें