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Lumbago Treatment In Homeopathy – कमर दर्द

कमर की पेशियों में वात का आक्रमण होने पर वहाँ पर दर्द होने लगता है, ऐसा प्रायः बारिश में भीग जाने पर या ठण्डी हवा लगने से होता है। मैकरोटिनम 3x- डॉ० क्लार्क के कथनानुसार यह इस रोग की बहुत ही अच्छी दवा है, खासकर जब कमर की पेशियों में दर्द…

Cramps Treatment In Homeopathy

शरीर की किसी भी जगह की माँसपेशियों के अस्वाभाविक रूप से सिकुड़ने की क्रिया ही अकड़न कहलाती है। बेलाडोना 30- मूच्छविस्था, पूरे शरीर में अकड़न, पेट में दर्द, मुँह से फेन निकलना आदि लक्षणों में इंस दवा से लाभ होता है । कैमोमिला 30 - रोगी का…

Paralysis Treatment In Homeopathy – लकवा

लकवा एक ऐसा रोग है जिसका आक्रमण अचानक होता है। शरीर उसमें स्वाभाविक कार्य करने की शक्ति नहीं रहती। लकवा या पक्षाघात का आक्रमण कभी-कभी पूरे शरीर पर या फिर शरीर के आधे भाग पर होता है। कभी-कभी शरीर का केवल दाँया या बॉया भाग ही मुख्य रूप से…

Gout Treatment In Homeopathy – गठिया

इस रोग में रोगी के शरीर के जोड़ों में यूरिक एसिड जम जाता है जिससे जोड़ों में रक्तसंचार ठीक से नहीं हो पाता है जिससे उनमें दर्द रहने लगता कोई भी कार्य कर पाने में असमर्थ होने लगता है । इस रोग का प्रभाव घुटनों पर अधिक होता है। यह रोग अनियमित…

Rheumatic Pain Treatment In Homeopathy – वातजनित वेदना

शरीर के बड़े जोड़ों, छोटी संधियों, पेशियों आदि में होने वाली पीड़ा तथा ऐंठन को ही वातजनित वेदना कहते हैं। यहाँ पर इसकी दवाओं का वर्णन किया जा रहा है । ध्यान रखने की बात यह है कि यहाँ बताई जा रही दवायें प्रायः समस्त प्रकार के वात-रोगों में…

Yellow Fever Treatment In Homeopathy – पीला ज्वर

नमी वाले स्थानों, पानी के जहाजों, नावों आदि में एक विशेष प्रकार का मच्छर पाया जाता है जिसके काटने से ज्वर आ जाता है, इसे ही पीला ज्वर कहते हैं । यही कारण है कि यह ज्वर नाविकों को ही बहुतायत से होता है । इस ज्वर में- कॅपकॅपी आना, नाड़ी तेज…

Scarlatina Treatment In Homeopathy – लाल ज्वर

यह रोग गन्दगीपूर्ण वातावरण में रहने, दूषित खाद्य-पदार्थ खाने, दूषित पानी पीने आदि के कारण होता है । इस रोग में शीत के साथ प्रबल ज्वर, जीभ का लाल पड़ जाना, वमन, अतिसार, प्लीहा की वृद्धि, रक्त की कमी, बेचैनी आदि लक्षण प्रकटते हैं । रोगी के…

kala Azar Treatment In Homeopathy – कालाजार का इलाज़

यह रोग मलेरिया से मिलता जुलता है। इसमें रोगी को पहले हल्के कम्पन्न के साथ बुखार आता है, फिर प्लीहा कड़ा पड़ने लगता है, फिर रक्तहीनता और सिर दर्द प्रकट होते हैं। साथ ही शरीर सूखते जाना, पसीना आना, मसूढ़ों से खून आना, शरीर में लालिमा-सी दिखाई…

Typhus Fever Treatment In Homeopathy – मोह ज्वर

यह एक प्रकार का मियादी व संक्रामक ज्वर हैं । यह टाइफाइड ज्वर से मिलता-जुलता होता है। टाइफाइड ज्वर में दस्तों की प्रधानता होती है जबकि मोह ज्वर में मस्तिष्क ज्वर की प्रधानता होती है। इस रोग में एकाएक ज्वर 103 डिग्री से 107 डिग्री तक हो जाता…

Typhoid Treatment In Homeopathy – टाइफाइड

यह ज्वर आँतों को सबसे पहले प्रभावित करता है अतः इसे आतंरिक ज्वर कहा जाता है। इस रोग में- कुछ विशेष प्रकार के जीवाणु रोगी की आँतों में पलने लगते हैं और वहाँ पर धीरे-धीरे घाव व जलन की-सी स्थिति उत्पन्न कर देते हैं । रोगी को सदैव ज्वर रहता हैं…

Glandular Fever Treatment In Homeopathy – ग्रंथिल ज्वर

बहुत तेज़ बुखार के साथ गला कुछ लाल हो जाता है तथा गले की तरफ नाक की गाँठे फूल जाती हैं और दर्द होता है । प्लीहा और यकृत में भी वृद्रि हो जाती है। क्षुधा-नाश हो जाता है। यह रोग बच्चों को ज्यादा होता है परन्तु किसी भी आयु के व्यक्ति को हो सकता…

Itching Treatment In Homeopathy – खुजली

पूरे शरीर में या शरीर के किसी खास भाग में खुजली का आक्रमण हो सकता है । वदन खुजलाते-खुजलाते आदमी परेशान हो जाता है और कभी-कभी खुजलाते-खुजलाते खून निकल आता है । गलत खान-पान की वजह से, मीठा ज्यादा खाने की वजह से, रक्त-दोष हो जाने पर अथवा गंदे…

Pruritus Treatment In Homeopathy

योनि की ढंग से सफाई न करने से वहाँ पर खुजली मचने लगती है। रोग बढ़ जाने पर त्वचा लाल पड़ जाना, छोटे-छोटे दाने निकल आना, जलन होना, कभी-कभी रक्त भी निकल आना आदि लक्षण प्रकट होते हैं । दवा लेने के साथ-साथ योनि की सफाई करना भी जरूरी हैं ।…

Scanty Menses Treatment – मासिक में कमी

मासिक में कमी से तात्पर्य है- मासिक काल में कम रक्त आना । इसी प्रकार यदि मासिक सामान्य से कम दिनों तक रहे तो उसे भी मासिक में कर्मी ही कहा जायेगा । यह रोग दुर्बलता, अत्यधिक मोटापा, पौष्टिक भोजन का अभाव, स्वच्छ पानी का अभाव, परिश्रम का अभाव,…

Menorrhagia Treatment In Homeopathy – मासिक में अधिकता

मासिक की अधिकता से तात्पर्य है- मासिक-काल में अत्यधिक रक्त आना । इसी प्रकार यदि मासिक सामान्य से अधिक दिनों तक जारी रहे तो उसे भी मासिक की अधिकता ही कहा जायेगा । यह रोग गर्म प्रकृति के पदार्थों का अधिक सेवन करने, शारीरिक श्रम न करने,…

Delayed Menses Treatment – मासिक में विलम्ब

सामान्यतः प्रत्येक स्त्री को युवावस्था आने पर मासिक होना प्रारंभ हो। जाता है और उसे लगभग एक माह के अन्तराल से सदैव होता रहता है। में स्त्री का मासिक सदैव के लिये बंद हो जाता है । केवल स्त्री के गर्भवती होने की दशा में ही उसे मासिक नहीं…

Leucorrhoea Treatment In Homeopathy – श्वेत प्रदर

इस रोग में रोगिणी की योनि से एक प्रकार का स्राव निकलता रहता है जो प्रायः सफेद रंग का होता है लेकिन यह स्राव पीला, नीला, काला या लाल भी हो सकता है । कुछ व्यक्ति लाल रंग के स्राव को रक्त-प्रदर भी कहते हैं । इस रोग में कमजोरी, सिर-दर्द, आलस्य,…

Amenorrhoea Treatment In Homeopathy – मासिक रुकना

मासिक प्रारंभ होकर बीच में ही रुक जाये तो इस स्थिति को मासिक रुकना कहते हैं । इसी प्रकार, यदि कोई स्त्री गर्भवती नहीं है फिर भी उसे कई माह तक मासिक न हो तो उसे भी मासिक रुकना कहा जायेगा । यह परिश्रम, शरीर में रक्त की कमी हो जाना आदि के कारण…

Dysmenorrhoea Treatment In Homeopathy – मासिक में कष्ट

मासिक काल में अथवा इससे कुछ पहले अथवा इससे कुछ बाद में किसी प्रकार के कष्ट होने की मासिक में कष्ट कहा जाता है। इन कष्टों में प्रमुख हैं- सिर-दर्द, चक्कर आना, पेट में दर्द, वमनेच्छा, बेहोशी, सूजन, मानसिक भ्रम आदि । यह रोग मुख्यतः अधिक भोग,…

Emissions Treatment In Homeopathy – बिना इक्छा के वीर्यपात

स्वप्नदोष तो वह स्थिति होती है जबकि सोते समय अनैच्छिक रूप से वीर्यपात हो जाता है लेकिन अनैच्छिक वीर्यपात वह स्थिति होती है जबकि किसी भी समय (जैसे- मूत्रत्याग करते समय, परिश्रम करते समय, हँसते समय, चलते समय, कोई भी श्रृंगारपरक पुस्तक आदि…

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