Ascities Treatment In Hindi – पेट में पानी

इस रोग में रोगी के पेट में पानी एकत्रित हो जाता है जो मूत्र आदि के द्वारा निकल नहीं पाता है । इस वजह से रोगी का पेट फूलता जाता है और सामान्य आकार से बड़ा हो जाता है । इस रोग में…

Colic Treatment In Hindi – पेट में दर्द

पेट में दर्द होने की ही पेट-दर्द कहा जाता है । पेट में दर्द होने के कारणों में- गरिष्ठ पदाथाँ का अधिक सेवन करना, मीठे पदार्थ ज्यादा खाना, तले पदार्थ ज्यादा खाना, कब्ज, गैस बनना आदि…

Dysentery treatment In Hindi – पेचिश

इस रोग में व्यक्ति को ऑव या रक्त मिले दस्त बार-बार आते हैं और रोगी के पेट में मरोड़ने की भाँति का दर्द होता रहता है । यह रोग मुख्यतः दूषित पदार्थों का सेवन करने, दूषित पानी पीने,…

Diarrhoea Treatment In Hindi – दस्त लगना

बार-बार और जल्दी-जल्दी पतला शौच आने को ही दस्त लगना कहते हैं । इसमें पेट-दर्द, गैस बनना, कमजोरी आ जाना आदि लक्षण रहते हैं। अगर यह रोग अधिक समय तक बना रहे तो शरीर में पानी की कमी हो…

Constipation Treatment In Hindi – कब्ज़

सामान्यतः खुलकर सही रूप से शौचन आने को ही कब्ज कहा जाता है । कब्ज एक ऐसा रोग है जिसके हो जाने से अनेक अन्य रोग भी स्वयं ही उत्पन्न हो सकते हैं जैसे- पेट में भारीपन, पेट-दर्द, गैस…

Dyspepsia Treatment In Hindi – भूख न लगना

यह रोग अजीर्ण-रोग का ही अगला हिस्सा है अर्थात् जब अजीर्ण-रोग पुराना हो जाये तो यह रोग उत्पन्न होता है । जब भोजन का पचना बन्द हो जाता है तो आगे जाकर मन्दाग्नि उत्पन्न हो जाती है ।…

Indigestion Treatment In Homeopathy – अपच

खाये हुये पदार्थों के ठीक से न पच पाने का नाम ही अजीर्ण है । इस रोग में भोजन न पचने के कारण डकार आती हैं, छाती में जलन होती है, वमन की इच्छा रहती है, गैस बनती है, आलस्य आता है और…

Angina Pectoris Treatment – हृदय शूल का इलाज़

इस रोग में हृदय में दर्द होने लगता है जो पिछले हिस्से तक फैलता जाता है । छाती में जलन, जी मिचलाना, कमजोरी, नाड़ी का अनियमित हो जाना, साँस लेने में कठिनाई आदि लक्षण प्रकटते हैं । यह…

Enlarged Heart Treatment – हृदय का बढ़ जाना

इस रोग में हृदय का आकार सामान्य से बड़ा हो जाता है जिससे यह भारी हो जाता है । इसमें नाड़ी की गति तेज हो जाना, साँस लेने में तकलीफ प्रकटते हैं । यह रोग मुख्यतः अत्यधिक शारीरिक…

Low Blood Pressure Treatment – निम्न रक्तचाप

इस रोग में शरीर में रक्त का दबाव अस्वाभाविक रूप से कम हो जाता है । इस रोग में आलस्य, उत्साह में कमी, स्मरण-शक्ति की दुर्बलता, कमजोरी, चिड़चिड़ापन, सिर-दर्द आदि लक्षण प्रकटते हैं ।…
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